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मंत्रियों के साथ किसानों की बातचीत में होता क्या था? Rakesh Tikait ने खोले अंदर के राज

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Rakesh Tikait On Talk With Ministers: नई दिल्ली। केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन चल रहा है। दिल्ली की सीमा पर पिछले 70 दिनों से ज्यादा समय से हजारों किसान बैठे हुए हैं। इन किसानों की मांग है कि मोदी सरकार इन तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाए। इस दौरान दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर जमें भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत आंदोलन के सबसे बड़े नेता बनकर उभरे हैं। राकेश टिकैत सरकार और किसानों के बीच हुई 11 दौर की वार्ता में शामिल रहे हैं। अब राकेश टिकैत ने आज तक पर एक इंटरव्यू दिया है जिसमें उन्होंने इस मीटिंग के राज खोले हैं। टिकैत ने बताया है कि इस मीटिंग में क्या होता था ?

मंत्रियों के साथ 11 दौर की बैठक

मंत्रियों के साथ 11 दौर की बैठक

जब इंडिया टुडे ग्रुप के प्रभु चावला ने राकेश टिकैत से सवाल किया कई दौर की वार्ता हो चुकी है। उसमें मंत्री भी होते थे तो टिकैत ने जवाब दिया कि बातचीत के दौरान मंत्रियों को अधिकारी पीछे से चिट लाकर दिया करते थे और मंत्री वही कहते थे। इसका मतलब साफ है कि वे केवल वही कह रहे थे जो कोई और उनसे कहने के लिए कह रहा था।

टिकैत ने कहा कि बातचीत में सरकार नहीं थी। मंत्री केवल वही कहते थे जो उन्हें निर्देश दिया जाता था। टिकैत ने कहा बात से ज्यादा तो मंत्री चाय पीने जाते थे। आप उनसे एक सवाल करो वो अंदर चले जाते थे। आप उनके वापस आने पर अगला सवाल करो वे फिर अंदर चले जाते थे। टिकैत ने सवाल किया कि मंत्री किससे पूछकर आते थे ? असली सरकार तो थी ही नहीं ।

आखिर क्या होता था बातचीत में ?

आखिर क्या होता था बातचीत में ?

राकेश टिकैत ने बताया कि वे एक सवाल पूछते थे फिर उसका हल ढूढ़ने अंदर चले जाते थे। फिर वहां से नया सवाल लेकर आते थे फिर उसे वेरीफाइ करते थे। ये होता था। जब उनसे पूछा गया कि वहां बोलता कौन था तो उन्होंने कहा कि केवल एक मंत्री बोलता था। अफसर उनको ला-लाकर पर्चियां दिया करते थे।

मीटिंग में कौन बोलता था ?
जब टिकैत से पूछा गया कि क्या कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर बातचीत में बोलते थे तो उन्होंने जवाब दिया कि हां तोमर जी बोलते थे। कभी-कभी एक-दो बार पीयूष गोयल भी बोले थे। टिकैत से पूछा गया कि आखिर आप क्या बात करते थे। उन्होंने जवाब दिया कि वे तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते थे ?

जब टिकैत से कहा गया कि सरकार तो पहले दिन से ही कह रही है कि वह कानून वापस नहीं लेगी तो आप जाते ही क्यों थे। इस पर टिकैत ने कहा कि वे बुलाते थे इसलिए हम जाते थे।

अपना नंबर दे दें पीएम, हम कॉल कर लेंगे- टिकैत

अपना नंबर दे दें पीएम, हम कॉल कर लेंगे- टिकैत

पीएम मोदी के एक कॉल की दूरी वाले बयान पर राकेश टिकैत ने कहा कि मेरे पास पीएम का नंबर तो नहीं है। मेरा नंबर सबके पास बंटा हुआ है। मेरे नंबर तो लोग फोन करके गालियां देते हैं। प्रधानमंत्री भी अपना नंबर सार्वजनिक कर दें हम उन्हें कॉल कर लेंगे। टिकैत ने कहा कि हम वही करेंगे तो हमारी कमेटी कहेगी। उन्होंने कहा मंच भी वही रहेगा और पंच भी वही रहेंगे।

दिल्ली से सटे सिंघु, गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर पर किसानों को प्रदर्शन करते दो महीने से ज्यादा बीत चुके हैं। इस दौरान सरकार और किसानों के बीच 11 दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन कोई हल नहीं निकल पाया है। शनिवार को किसानों ने देश भर में चक्का जाम का ऐलान किया था। वहीं भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि वह 2 अक्टूबर तक अपना आंदोलन जारी रखेंगे। अगर इस दौरान सरकार उनकी बात नहीं मानती तो वे आगे का रास्ता अख्तियार करेंगे।

Rakesh Tikait: कभी जिन पर भरोसा नहीं था कैसे आंदोलन का सबसे बड़ा चेहरा बने ?Rakesh Tikait: कभी जिन पर भरोसा नहीं था कैसे आंदोलन का सबसे बड़ा चेहरा बने ?

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English summary
rakesh tikait on What happened in the talks with the ministers on farm laws
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