Rajiv Gandhi Assassination Case: सुप्रीम कोर्ट ने मौत की सजा काट रहे सभी आरोपियों को रिहा किया
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्याकांड में मौत की सजा काट रहे आरोपियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने सभी 6 आरोपियों को रिहा करने का आदेश दिया है। अदालत ने एजी पेरारिवलन को रिहा करने के अपने 18 मई 2022 के फैसले को शेष आजीवन दोषियों पर लागू किया। पेरारिवलन के लिए निर्धारित मानदंड शेष दोषियों के मामले में भी बनाए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश अनुच्छेद 142 का प्रयोग करते हुए सुनाया है।
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शीर्ष अदालत के आदेश के बाद अब एस नलिनी, जयकुमार, आरपी रविचंद्रन, रॉबर्ट पियास, सुथेंद्रराजा और श्रीहरन को रिहा कर दिया जाएगा। जेल में इन सभी का आचरण अच्छा पाया गया। साथ ही सभी ने जेल में रहने के दौरान कई डिग्रियां भी हासिल की।
फैसला सुनाते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि तमिलनाडु कैबिनेट ने 9 सितंबर, 2018 को उनकी रिहाई की सिफारिश की थी। ऐसे में राज्यपाल के लिए यह सिफारिश बाध्यकारी है। लेकिन चार साल से राज्यपाल की तरफ से मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है, इसलिए सुप्रीम कोर्ट की तरफ से सभी को रिहा किया जा रहा है।
इससे
पहले
सुप्रीम
कोर्ट
ने
पेरारिवलन
को
किया
था
रिहा
इससे
पहले
इस
साल
की
शुरुआत
में
शीर्ष
अदालत
ने
दोषी
एजी
पेरारिवलन
की
31
साल
पुरानी
सजा
को
माफ
कर
दिया
था।
पेरारिवलन
की
रिहाई
जेल
में
अच्छे
आचरण,
चिकित्सा
स्थिति,
जेल
में
प्राप्त
शैक्षणिक
योग्यता
और
दिसंबर
2015
से
लगाई
गई
दया
याचिका
को
ध्यान
में
रखकर
दिया
गया
था।
आपको
बता
दें
कि
राजीव
गांधी
भारत
के
सबसे
कम
उम्र
के
प्रधानमंत्री
थे।
उन्होंने
सिर्फ
40
साल
की
उम्र
में
ही
इस
पद
को
संभाला
था।
वहीं
21
मई,
1991
को
तमिलनाडु
में
उनकी
हत्या
कर
दी
गई
थी।
हत्याकांड
में
41
लोगों
को
बनाया
गया
था
आरोपी
राजीव
गांधी
के
हत्याकांड
मामले
में
कुल
41
लोगों
को
आरोपी
बनाया
गया
था।
इनमें
12
की
मौत
हो
चुकी
थी।
जबकि
3
फरार
हो
गए
थे।
वहीं,
26
को
गिरफ्तार
किया
गया
था।
इनमें
सभी
आरोपियों
को
सजा
सुनाई
गई
थी।
हालांकि,
19
दोषियों
को
पहले
ही
रिहा
कर
दिया
गया
था।
जबकि
7
की
फांसी
की
सजा
को
बरकरार
रखा
गया
था।
लेकिन
बाद
में
इसे
उम्रकैद
में
बदल
दिया
गया।
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