पूर्व पीएम राजीव गांधी हत्याकांड में दोषी पेरीरावलन की याचिका पर Supreme Court ने CBI,केंद्र से मांगा जवाब
नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के दोषी एजी पेरारीवलन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। केंद्र और CBI को दो हफ्ते के भीतर जवाब देना है। पेरारीवलन ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका में कहा है कि उसकी उम्र कैद की सजा निलंबित कर दी जाए। याचिका में कहा गया है कि जब तक मल्टी डिस्पेलनरी एजेंसी की जांच पूरी नहीं होती तब तक के लिए उसी सजा सस्पेंड कर दी जाए। बता दें कि साल 1998 में जैन आयोग की सिफाऱिश पर बनी थी। पेरारीवलन के वकील ने कोर्ट में कहा कि वो 26 साल से जेल में है। उन्हें 9 वोल्ट की बैटरी सप्लाई के लिए दोषी करार दिया गया जिससे बम बनाकर पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या कर दी गई थी। इससे पहले 24 अगस्त को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के दोषी एजी पेरारिवलन को 30 दिन की पैरोल मिली है। एजी पेरारिवलन को ये पैरोल उसके पिता के इलाज के लिए दी गई थी।
पेरारिवलन की मां कई बार उसकी रिहाई की गुहार लगा चुकी हैं। 1991 से जेल में बंद पेरारिवलन को कभी पैरोल नहीं मिली थी। पेरारिवलन पर आरोप है कि उसने 9 वोल्ट की एक बैटरी खरीदकर सिवरासन को दी थी, जिसे उसने बम बनाने में इस्तेमाल किया। पेरारिवलन का बयान लेने वाले सीबीआई के पूर्व एसपी थिंगाराजन भी कह चुके हैं कि जब बैटरी खरीदी तो उसे पता नहीं था कि इसका इस्तेमाल बम बनाने में होगा।
राजीव गांधी हत्या मामले में 7 अभियुक्त सजा काट रहे हैं। 21 मई 1991 को श्रीपेरंबदूर में राजीव गांधी पर आत्मघाती हमला हुआ था। इस मामले में मुरूगन, संथन, पेरारिवेलन, नलिनी, रॉबर्ट पायस, जयकुमार और रविचंद्रन को मामले में दोषी करार दिया गया था।
कैबिनेट की सिफारिश और राजीव की पत्नी सोनिया गांधी की अपील के बाद 2000 में नलिनी की मौत की सजा को आजीवन कारावास में तब्दील कर दिया गया था। उच्चतम न्यायालय ने मुरूगन, संथन और पेरारिवलन की दया याचिका पर निर्णय लेने में देरी होने के कारण फरवरी 2014 में इनकी मौत की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया था।