वसुंधरा राजे बंगला विवाद: राजस्थान हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव राजीव स्वरूप को भेजा अवमानना नोटिस
जयपुर। प्रदेश में चल रही सियासी खींचतान में वसुंधरा राजे के बंगला विवाद भी तूल पकड़ गया है। सोमवार को इस विवाद में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव राजीव स्वरूप को अवमानना नोटिस जारी किया है। हाईकोर्ट की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि, कोर्ट के बंगला खाली कराने के आदेश के बाद भी राज्य सरकार ने वसुंधरा राजे से सरकारी बंगला खाली नहीं करवाया। जो उन्हें मुख्यमंत्री रहते हुए मिला था। मामले की अगली सुनवाई 10 सिंतबर को होगी।
दरअसल वसुंधरा राजे जयपुर के सिविल लाइंस में बंगला नंबर-13 में रह रही हैं। अदालत में कानूनी लड़ाई यह चल रही है कि क्या मुख्यमंत्री पद गंवा चुकी वसुंधरा राजे को इस भव्य बंगले में रहने का अधिकार है या उनसे यह बंगला खाली करवा लिया जाना चाहिए। फरवरी में गहलोत सरकार ने हाईकोर्ट में एक अवमानना याचिका पर अपना जवाब दाखिल करते हुए कहा था कि वसुंधरा राजे एक विधायक के रूप में इस बंगले में रह रही हैं।
हाईकोर्ट ने 4 सितम्बर, 2019 को फैसला सुनाया था कि कोई भी पूर्व मुख्यमंत्री सरकारी बंगले तथा उससे जुड़ी सुविधाओं का हकदार नहीं है। हाईकोर्ट के इस फैसले को जनवरी में सुप्रीम कोर्ट ने भी मान्य किया था। इसी फैसले को आधार बनाते हुए मिलाप चंद डांडिया नामक व्यक्ति ने अपने वकील के माध्यम से हाईकोर्ट में गहलोत सरकार के खिलाफ याचिका देकर वसुंधरा राजे को बंगला देने को चुनौती दी थी।
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में वसुंधरा राजे सरकार द्वारा 2017 में राजस्थान मंत्री वेतन (संशोधन) अधिनियम में किए गए उस संशोधन को निरस्त कर दिया था जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री को एक बंगला, कार, टैलीफोन, 9 सदस्यों का स्टाफ रखने का अधिकार प्रदान किया गया था।
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