भारत की सबसे तीखी मिर्ची 'राजा मिर्चा' की पूरी कहानी
पहली बार नगालैंड के 'राजा मिर्चा' को लंदन निर्यात किया जा रहा है. जिसकी पहली खेप केंद्र सरकार ने बुधवार को रवाना की. आइए जानते हैं इसके इतिहास और भूगोल के बारे में.
घटना अक्टूबर 2016 की है. तकरीबन पाँच साल पुरानी.
अमेरिका में 47 साल के पुरुष ने एक बर्गर खाया. बर्गर की ख़ासियत ये थी कि उस पर 'भूत जोलोकिया' नाम के मिर्ची का लेप लगा था.
बर्गर खाते ही वो पेट और सीने में दर्द के मारे ज़मीन पर लोटने लगा. उसे तुरंत उल्टियाँ शुरू हो गईं. इमरजेंसी में उसे अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डाक्टरों ने उसके फूड पाइप में एक इंच का छेद पाया.
ये घटनाकई मीडिया संस्थानों के साथ जर्नल ऑफ़ इमरजेंसी मेडिसिन में रिपोर्ट की गई है.
'भूत जोलोकिया' मिर्ची का एक प्रकार है, जो पूर्वोत्तर भारत में पाया जाता है.
इसे किंग मिर्चा, राजा मिर्चा, नागा मिर्चा, गोस्ट पेपर जैसे कई नाम से जानते हैं.
किंग मिर्चा इसलिए क्योंकि तीखेपन में इसका जवाब नहीं, भारत में मिर्ची का राजा तो है ही.
नागा मिर्चा इसलिए क्योंकि नगालैंड में बड़े पैमाने पर अब इसकी खेती होती है.
गोस्ट पेपर या भूत जोलोकिया इसलिए क्योंकि इसे खाने के बाद आपका शरीर वैसी हरकत करता है जैसे शरीर में भूत समा गया हो.
ये सभी स्थानीय लोगों की टिप्पणियाँ है जो इस मिर्ची के नाम से जुड़ी हैं.
लेकिन 47 वर्षीय अमेरिकी के साथ जो हुआ उससे आपको अंदाज़ा लग गया होगा कि तीखेपन में इस मिर्ची का जवाब नहीं.
दुनिया के पाँच सबसे तीखी मिर्ची में इसका नाम शुमार किया जाता है.
आप सोच रहे होंगे की 5 साल बाद इस घटना का जिक्र क्यों?
दरअसल पहली बार नगालैंड के इस मिर्ची को (ताज़ी हालत में ) अब लंदन तक निर्यात किया जा रहा है. जिसकी पहली खेप केंद्र सरकार ने बुधवार को रवाना की गई. इससे पहले केवल पाउडर फ़ॉर्म में इसे विदेश भेजा जाता था.
ट्विटर पर इसकी जानकारी ख़ुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी है.
इस ख़बर को शेयर करते हुए उन्होंने लिखा, 'जिन्होंने 'भूत जोलोकिया' को चखा है, उन्हीं को इसके तीखेपन का अंदाज़ा होगा.'
https://twitter.com/narendramodi/status/1420405764267651076
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भूत जोलोकिया यानी 'राजा मिर्चा' का इतिहास
वैसे आम तौर पर माना जाता है कि मिर्ची भारत में पुर्तगाली, दक्षिण अमेरिका से लेकर आए थे.
लेकिन राजा मिर्ची का नगालैंड में पाया जाना इस मिथक को झूठा साबित करता है.
पुष्पेश पंत जेएनयू के रिटायर्ड प्रोफ़ेसर हैं और खाने पर कई किताबें लिख चुके हैं.
बीबीसी से बातचीत में वो कहते हैं, "पुर्तगाली भारत में 500 साल पहले 1498 में पहले केरल पहुँचे और फिर गोवा में जमे और फिर धीरे-धीरे मिर्ची भारत के अलग अलग हिस्सों में फैली, जहाँ जहाँ वो गए. लेकिन ये असभंव है कि भारत के पूर्वोत्तर में, जहाँ पहुँचना उस वक़्त बहुत दुर्गम था, वहाँ पुर्तगाली इस मिर्ची (राजा मिर्चा) को लेकर पहुँचे हों. इस वजह से वनस्पति शास्त्री आज एकमत हैं कि भारत में कोई जंगली मिर्ची पुर्तगालियों के आने के पहले उगती थी और वो है राजा मिर्चा."
इस लिहाज से देखें तो 'भूत जोलोकिया' यानी 'राजा मिर्चा' भारत की सबसे पुरानी मिर्ची की प्रजाति है. हालांकि इसका ज़िक्र पुराने इतिहास की किताबों में नहीं मिलता.
इसके पीछे की वजह बताते हुए पुष्पेश पंत कहते हैं कि भारत का सम्पर्क पूर्वोत्तर राज्यों से पहले बहुत कम था. नगालैंड या किसी दूसरे पूर्वोत्तर के राज्यों के लोकगीतों में इसका ज़िक्र इसलिए नहीं मिलता क्योंकि वहाँ के लोगों के लिए ये बहुत ही सामान्य बात थी.
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मिर्ची का भूगोल
मिर्ची को अंग्रेजी में 'चिली' कहा जाता है, जो मेक्सिकन शब्द है, जिसका मतलब बड़ा कैप्सिकम है.
मिर्ची का वानस्पतिक नाम 'कैप्सिकम एनम' है. हरी मिर्ची में विटामिन A, B और C पर्याप्त मात्रा में मिलते हैं. इसके अतिरिक्त इसमें कैल्शियम और फॉस्फोरस भी काफ़ी मात्रा में होती है. मिर्ची का तीखापन इसमें पाए जाने वाले एल्केलायड रसायन 'कैप्सेसिन' (ओलियोरेजिन) की वजह से होता है. मिर्ची के पक जाने पर लाल रंग 'कैप्सेन्थिन' के कारण होता है.
भारत दुनिया में मिर्ची का न सिर्फ़ सबसे बड़ा उत्पादक देश है, बल्कि सबसे बड़े उपभोक्ता देशों में से भी एक है.
वैसे तो भारत में मिर्ची साल भर कई प्रदेशों में उगाई जाती हैं. इसके लिए 20 से 30 डिग्री तापमान की ज़रूरत पड़ती है. आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र कर्नाटक और तमिलनाडु की वेराइटी ज़्यादा प्रसिद्ध है.
अब इस मानचित्र में नगालैंड और असम का नाम भी जुड़ गया है.
राजा मिर्चा की बात करें तो ये चार-पाँच इंच लंबी होती है. हरे रंग के अलावा ये लाल और चॉकलेट रंग की भी होती हैं. इनका इस्तेमाल खाने में मसाले की तरह और अचार में होता है. इससे बने नॉन वेज काफ़ी स्वादिष्ट माने जाते हैं. पूर्वोत्तर के इलाक़ों में इसका इस्तेमाल सॉस बनाने में भी किया जाता है.
भारत के बाज़ार में इसकी क़ीमत 300 रुपए प्रति किलो है. लेकिन लंदन के बाज़ार में ये 600 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिकेगी.
फ़िलहाल नगालैंड और असम में छोटे पैमाने पर ये उगाई जाती है, लेकिन एक बार निर्यात शुरु होने पर, स्थानीय लोग बड़ी मात्रा में इसे उगाएँगे, ऐसा कृषि मंत्रालय के अधिकारियों का मानना है. इस वजह से केंद्र सरकार इसके निर्यात में दिलचस्पी दिखा रही है.
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कितनी तीख़ी है ये मिर्ची
मिर्ची के तीखेपन को मापने का एक स्केल होता है. इस स्केल को स्कोविल हीट यूनिट (एसएचयू) कहा जाता है. ये पैमाना अमरीकी फार्मासिस्ट विल्बर स्कोविल के नाम पर बना है.
मिर्ची में मौजूद 'कैप्सैसिन' के आधार पर ये तय किया जाता कि मिर्ची कितनी तीखी है.
जानकारों की मानें, तो इस स्केल पर राजा मिर्चा का स्कोर 1 मिलियन एसएचयू है. दुनिया के सबसी तीखी मिर्ची का एसएचयू स्कोर 2 मिलियन के ऊपर है.
दुनिया भर के पाँच सबसे तीखी मिर्ची में राजा मिर्चा का पाँचवा स्थान है.
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से बीबीसी को दी गई जानकारी के मुताबिक़ मिर्ची के तीखेपन में सबसे पहला स्थान है - प्योर कैप्साइसिन (Pure Capsaicin) का है, दूसरे स्थान पर है - स्टैंडर्ड पेपर स्प्रे (Standard Pepper Spray), तीसरे पर कैरोलिना रीपर (Carolina Reaper) और चौथे पर ट्रिनिडाड मोरुगा स्कोर्पियन (Trinidad Moruga Scorpion) है.
पुष्पेश पंत कहते हैं कि आम तौर पर भारतीय घरों में लाल मिर्ची का जिस मात्रा में इस्तेमाल किया जाता है उस मात्रा में राजा मिर्चा या ऊपर लिखी दूसरी मिर्ची का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. इस मिर्ची का नाम मात्र का हिस्सा खाने में डाला जाता है, जिससे खाने का स्वाद और महक दोनों बढ़ जाते हैं.
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दुनिया भर में लोगों का मिर्ची प्रेम
अब तक आपने पढ़ा राजा मिर्चा की कहानी.
लेकिन देखा जाए तो दुनिया भर में लोगों को मिर्ची से बहुत प्यार है. भारतीय खाने में हल्दी और मिर्ची दो ऐसी चीज़ें हैं जिनका इस्तेमाल ज़्यादतर सब्ज़ियों में होता ही है.
लेकिन क्या आप जानते हैं, हर आदमी औसतन कितनी मिर्ची साल भर में खाता है?
एक अनुमान के मुताबिक़ 2018 में औसतन हर व्यक्ति ने क़रीब पाँच किलो मिर्ची खाई. ये आँकड़े मार्केट एनालिसिस फर्म इंडेक्स बॉक्स के हैं.
कुछ देशों में तो और ज़्यादा मिर्ची खाई जाती है.
तुर्की में एक दिन में एक शख़्स औसतन 86.5 ग्राम मिर्ची खाता है. यानी पूरी दुनिया में यहाँ सबसे ज़्यादा मिर्ची खाई जाती है.
वैसे तो मेक्सिको अपने मसालेदार खाने के लिए मशहूर है, लेकिन तुर्की में मेक्सिको से ज़्यादा मिर्ची खाई जाती है.
मेक्सिको में एक शख़्स एक दिन में औसतन 50.95 ग्राम मिर्ची खाता है.
इनके अलावा इस्तेमाल की बात करें तो भारत, थाइलैंड, फिलीपिंस और मलेशिया मिर्ची का इस्तेमाल करने में आगे हैं.
वहीं स्वीडन, फ़िनलैंड और नॉर्वे जेसे देशों में मिर्ची का सबसे कम इस्तेमाल किया जाता है.
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