370 पर चकराए राहुल गांधी, समझ नहीं आ रहा क्या कहें
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने जिस तरह से जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए हटाने का फैसला लिया, उसके बाद कांग्रेस के भीतर इस पूरे मसले पर दो मत सामने आए हैं। विपक्षी पार्टी के कई दिग्गज नेता सरकार के इस फैसले के समर्थन में नजर आ रहे हैं। हाल ही में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद को छोड़ने वाले राहुल गांधी ने भी अभी तक इस मसले पर अपनी राय जाहिर नहीं की है। राहुल गांधी से जब पूछा गया कि क्या पार्टी के भीतर फूट है और वह आपातकाल वर्किंग कमेटी की बैठक बुला सकते हैं तो उन्होंने कहा कि मैं बैठक नहीं बुला सकता हूं क्योंकि मैं पार्टी का अध्यक्ष नहीं हूं।
कांग्रेस का रुख
सूत्रों की मानें तो पार्टी के भीतर इस बात को लेकर बहस हो रही है इस पूरे मसले पर कांग्रेस का क्या रुख रहेगा, जिसके बाद यह फैसला लिया गया है कि वह अनुच्छेद 370 को खत्म किए जाने के फैसले का समर्थन नहीं करेगी, क्योंकि जिस तरह से यह फैसला लिया गया है, पार्टी उसका समर्थन नहीं करती है। यही वजह है कि गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल ने राज्यसभा में सरकार के इस फैसले को लोकतंत्र की हत्या करार दिया है। वहीं कांग्रेस के सांसद लोकसभा से वॉकाउट कर गए, खुद सोनिया गांधी और तमाम पार्टी के सांसदों ने लोकसभा से वॉकआउट किया। लेकिन बावजूद पार्टी के फैसले के कुछ कांग्रेस सांसदों ने सरकार के फैसले का समर्थन करते हुए इसे अपनी व्यक्तिगत राय बताया है।
कांग्रेस में दो गुट
जयवीर शेरगिल ने कहा कि मेरी व्यक्तिगत सोच यह है कि मैं अनुच्छेद 370 को खत्म किए जाने का समर्थन करता हूं, लेकिन इसे संविधान के नियमों के तहत खत्म करने का मैं समर्थक हूं, जिसमे कहा गया है कि जम्मू कश्मीर की विधानसभा की राय भी ली जाएगी, इसके अलावा कोई भी रास्ता असंवैधानिक है। मुंबई से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मिलिंद देवड़ा ने भी कहा कि बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि अनुच्छेद 370 को खत्म करने को लिबरल बनाम कंजर्वेटिव के बीच की बहस के तौर पर बांट दिया गया है। तमाम दलों को अपनी वैचारिक मतभेद को अलग रखते हुए इस मुद्दे पर बहस करनी चाहिए। जम्मू और कश्मीर में शांति के लिए, युवाओं के लिए, कश्मीरी पंडितों के लिए बहस करनी चाहिए।
अमित शाह ने किया था ऐलान
बता दें कि सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले आर्टिल 370 और 35ए को खत्म किए जाने का ऐलान किया था, जिसके बाद से यह मसला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। अनुच्छेद 370 हटाने के ऐलान के बाद अब राज्य के सभी हिस्सों में कड़ी चौकसी बरती जा रही है। जम्मू संभाग में भी पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की नजर संदिग्ध और असामाजिक तत्वों पर है। जम्मू शहर समेत इस संभाग के 10 जिलों में एहतियातन धारा 144 लगा दी गई है। जम्मू की सड़कों पर बैरीकेडिंग करके वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है, लेकिन शहर को कश्मीर और देश के दूसरे हिस्सों से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों पर यातायात जारी है।
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