लोकसभा चुनाव 2019: श्रीपेरंबदुर लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: तमिलनाडु की श्रीपेरंबदुर लोकसभा सीट की, जहां से AIADMK नेता के.एन. रामचंद्रन (K. N. Ramachandran) सांसद हैं, साल 2014 के चुनाव में उन्होंने इस सीट पर DMK प्रत्याशी जगतरक्स 102, 646 वोटों से पराजित किया था। के.एन. रामचंद्रन को यहां पर 545, 820 वोट मिले थे तो वहीं जगतरक्स को मात्र 443, 174 वोटों पर संतोष करना पड़ा था। इस सीट पर नंबर तीन पर MDMK के प्रत्याशी थे, जिन्हें कि 187, 094 वोट मिले थे और नंबर चार का स्थान कांग्रेस को मिला था, जिसके प्रत्याशी को केवल 39, 015 वोट हासिल हुए थे। रामचंद्रन 2014 में पहली बार इस सीट से सांसद निर्वाचित हुए थे।
श्रीपेरंबदुर
लोकसभा
सीट
लोकसभा
सीट
का
इतिहास
तमिलनाडु
की
सबसे
बड़ी
संसदीय
सीट
श्रीपेरंबदुर
में
सबसे
पहले
आम
चुनाव
1962
में
हुए
थे
जिसे
कि
DMK
ने
जीता
था,
तब
से
लेकर
साल
1971
तक
उसी
की
सत्ता
यहां
पर
रही,
1977
के
चुनाव
में
यहां
पर
AIADMK
ने
जीत
दर्ज
की
तो
वहीं
1980
में
यहां
फिर
से
डीएमके
जीती,
1984,
1989
और
1991
में
यहां
पर
कांग्रेस
का
राज
रहा,
तो
वहीं
1996
का
चुनाव
यहां
पर
डीएमके
ने
जीता
लेकिन
1998
के
चुनाव
में
ये
सीट
AIADMK
के
खाते
में
आ
गई
लेकिन
इसके
एक
साल
बाद
ही
हुए
आम
चुनाव
में
DMK
ने
यहां
जोरदार
वापसी
की
और
तब
से
लेकर
साल
2009
में
उसी
का
राज
यहां
पर
रहा,
साल
2009
के
चुनाव
में
यहां
से
टीआर
बालू
जीतकर
संसद
पहुंचे
थे
लेकिन
साल
2014
के
चुनाव
में
डीएमके
को
यहां
हार
का
मुंह
देखना
पड़ा
और
AIADMK
ने
यहां
बाजी
मार
ली
और
इस
सीट
पर
के.एन.
रामचंद्रन
सांसद
चुने
गए।
श्रीपेरंबदुर
,
परिचय-प्रमुख
बातें-
राजधानी
चेन्नई
से
40
किमी
की
दूरी
पर
स्थित
श्रीपेरंबदुर
शहर
बहुत
सारी
सांस्कृतिक,
धार्मिक
और
ऐतिहासिक
विरासत
को
संजोए
हुए
है।
वैष्णव
संत
रामानुजाचार्य
का
जन्म
स्थान
होने
के
वजह
से
यह
स्थान
लाखों
लोगों
की
आस्था
का
केंद्र
है।
श्रीपेरंबदुर
का
पुराना
नाम
'बूधापुरी'
था
और
ऐसा
माना
जाता
है
कि
श्रीपेरंबदुर
में
मरने
वालों
के
लिये
स्वर्ग
के
द्वार
खुले
रहते
हैं।
हाल
ही
के
दिनो
में,
श्रीपेरंबदुर
ने
कई
अन्तर्राष्ट्रीय
संस्थाओं
को
आकर्षित
किया
है
जिनके
कार्यालय
यहां
स्थित
हैं।
इसके
कारण
शहर
का
तेजी
से
औद्यौगिकीकरण
हुआ
है।
श्रीपेरंबदुर
ही
वो
जगह
है
जहां
पर
देश
के
पूर्व
पीएम
राजीव
गांधी
की
हत्या
हुई
थी,
जिस
स्थान
पर
राजीव
गांधी
को
मारा
गया
था,
उस
स्थान
को
राजीव
गांधी
स्मारक
के
रूप
में
संरक्षित
किया
गया
है,
जहां
कई
पर्यटक
श्रृद्धांजलि
अर्पित
करने
के
लिये
आते
हैं।
श्रीपेरंबदुर
की
जनसंख्या
23,87,412
है,
जिसमें
से
10
प्रतिशत
लोग
गांवों
में
रहते
हैं
और
89
प्रतिशत
लोग
शहरों
में
निवास
करते
हैं,
यहां
पर
16
प्रतिशत
लोग
एससी
वर्ग
के
हैं।
दिसंबर 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक के.एन. रामचंद्रन की पिछले 5 सालों के दौरान लोकसभा में उपस्थिति 73 प्रतिशत रही है और इस दौरान इन्होंने 26 डिबेट में हिस्सा लिया है और 442 प्रश्न पूछे हैं, साल 2014 के चुनाव में इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 19,46,503 थी, जिसमें से मात्र 12,86,647 लोगों ने अपने मतों का प्रयोग यहां पर किया था, जिसमें पुरुषों की संख्या 6,66,226 और महिलाओं की संख्या 6,20,421 थी।
श्रीपेरंबदुर , डीएमके की सेफ सीट मानी जाती रही है लेकिन साल 2014 के चुनाव में उसे यहां पर हार मिली जो कि उसके लिए किसी कुठाराघात से कम नहीं था लेकिन तब और अब के सियासी समीकरणों में काफी अंतर है, साल 2014 के चुनाव में जयललिता के नेतृत्व में AIADMK ने जोरदार प्रदर्शन किया था लेकिन उनके निधन के बाद AIADMK में काफी बिखराव हो गया, फूट की शिकार हुई AIADMK को काफी संघर्ष का सामना करना पड़ा है, ऐसे में इस सीट को अपने पास बचाकर रखने में उसे काफी मशक्कत करनी पड़ सकती है तो वहीं डीएमके की भी पूरी कोशिश इस सीट को वापस अपनी झोली में डालने की होगी, देखते हैं जीत और हार के इस खेल में बाजी किसके हाथ लगती है और कौन बनता है यहां का सिंकदर।
ये भी पढ़ें- लोकसभा चुनाव 2019: चेन्नई नार्थ लोकसभा सीट के बारे में जानिए