लोकसभा चुनाव 2019: पटना साहिब लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: बिहार की हाई-प्रोफाइल लोकसभा सीट पटना साहिब से मौजूदा सांसद फिल्म अभिनेता और 'शॉटगन' के नाम से मशहूर शत्रुघ्न सिन्हा हैं। उन्होंने साल 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस नेता और अभिनेता कुणाल सिंह को 265,805 वोटों के अंतर से पराजित किया था। साल 2014 के चुनाव में इस सीट पर 'बिहारी बाबू' शत्रुघ्न सिन्हा को 485,905 वोट मिले थे, तो वहीं कांग्रेस नेता को केवल 220,100 वोटों पर संतोष करना पड़ा था। इस सीट पर नंबर तीन पर जेडीयू नेता गोपाल प्रसाद सिन्हा थे, जिन्हें कि केवल 91,024 वोट मिले थे, तो वहीं इस सीट पर नंबर चार की पोजिशन आप को मिली थी, जिसके प्रत्याशी प्रवीण अमुउल्लाह को मात्र 16,381 वोट प्राप्त हुए थे। इस सीट पर 7,727 वोट नोटा को भी मिले थे।
पटना साहिब लोकसभा सीट का इतिहास
बिहार की राजधानी पटना के अंदर पटना साहिब लोकसभा सीट आती है। तख़्त श्री पटना साहिब या श्री हरमंदिर जी, पटना शहर में स्थित सिख आस्था से जुड़ा एक ऐतिहासिक दर्शनीय स्थल है। यह सिखों के दसवें गुरु गोबिंद सिंह का जन्मस्थान भी है। यह गुरुद्वारा सिखों के पांच पवित्र तख्त में से एक है। गुरुद्वारा को महाराजा रणजीत सिंह द्वारा बनाया गया था। यहां की कुल आबादी 25,74,108 है, जिसमें से 26.63% लोग गांवों में और 73.37% लोग शहरों में रहते हैं, जिसमें से 6.12% लोग एससी वर्ग के हैं। दो चुनाव पहले अस्तित्व में आई पटना साहिब लोकसभा सीट में बख्तियारपुर, दीघा, बांकीपुर, कुम्हरार, पटना साहिब और फतुहा विधानसभा क्षेत्र शामिल है।
साल 2008 में परिसीमन के बाद पटना सीट दो लोकसभा सीटों में बंट गई , जिसमें से एक पाटलीपुत्र लोकसभा सीट है और दूसरी पटना साहिब लोकसभा सीट है। यह सीट जबसे अस्तित्व में आई है तब से ही इस पर रोचक जंग देखने को मिली है, साल 2009 के चुनाव में इस सीट पर फिल्म अभिनेता शेखर सुमन को कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया था और 2014 में भोजपुरी फिल्म अभिनेता कुणाल सिंह प्रत्याशी थे लेकिन दोनों ही चुनावों में यह सीट हिंदी सिनेमा के 'विश्वनाथ' यानी कि शत्रुघ्न सिन्हा के ही नाम रही है और तो और दोनों ही चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशी को भाजपा नेता शत्रुघ्न सिन्हा के मुकाबले आधे वोट ही मिल पाए थे।
शत्रुघ्न सिन्हा का लोकसभा में प्रदर्शन
दिसंबर 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक शत्रुघ्न सिन्हा की लोकसभा में उपस्थिति 68% रही है। पर्दे पर सबको 'खामोश' कहने वाले शॉटगन शत्रुघ्न सिन्हा खुद लोकसभा में खामोश ही रहे हैं, उन्होंने एक भी डिबेट में हिस्सा नहीं लिया है और ना ही एक भी सवाल पूछा हैं। आपको यह भी बता दें कि शत्रुध्न सिन्हा की जन्मस्थली पटना ही है और वो लंबे वक्त से भाजपा के स्टार प्रचारक के रूप में भी काम करते आए हैं।
साल 2014 के चुनाव में इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 19,46,249 थी, जिसमें से केवल 8,82,262 लोगों ने अपने मतों का प्रयोग यहां पर किया था, जिसमें पुरुषों की संख्या 5,11,447 और महिलाओं की संख्या 3,70,815 थी। पिछली बार के मुकाबले इस बार यहां की सियासी हवा बदली-बदली है, भाजपा-जेडीयू साथ हैं तो वहीं तीन हिंदी भाषी राज्यों में सरकार बनने से कांग्रेस के हौसले बुलंद हैं, ऐसे में क्या यहां पर भाजपा और शत्रुघ्न सिन्हा जीत की हैट्रिक पूरी कर पाएंगे, यही सवाल सबके जेहन में घूम रहा है, जिसका जवाब जानने के लिए हमें चुनावी नतीजों का इंतजार करना होगा, फिलहाल आजमाइश कड़ी है और इम्तहान बेहद मुश्किल, देखते हैं जीत की बाजी किसके हाथ लगती है।