लोकसभा चुनाव 2019: कृष्णगिरि लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: तमिलनाडु की कृष्णगिरि लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद AIADMK नेता के. अशोक कुमार हैं। उन्होंने साल 2014 के आम चुनाव में DMK के चिन्ना पी को 206,591 वोटों से हराया था। के. अशोक कुमार को यहां पर 480, 491, वोट हासिल हुए थे तो वहीं डीएमके प्रत्याशी को मात्र 273, 900 वोटों पर संतोष करना पड़ा था। इस सीट पर नंबर तीन के स्थान पर PMK थी, जिसके प्रत्याशी को मात्र 224, 963 वोट मिले थे, जबकि नंबर चार पर इस सीट पर कांग्रेस थी, जिसके प्रत्याशी को मात्र 388, 85 वोट नसीब हुए थे।
कृष्णागिरि लोकसभा सीट पर सबसे पहले आम चुनाव 1951 में हुए जिसे कि कांग्रेस ने जीता था। साल 1957 में भी यह सीट कांग्रेस के ही पास रही, 1962 और 1967 का चुनाव यहां पर DMK ने जीता था तो 1971 के चुनाव और उपचुनाव दोनों में यहां कांग्रेस की जीत हुई थी। 1977 का चुनाव यहां पर AIADMK मे जीता तो 1980, 1984, 1989 और 1991 में यहां पर कांग्रेस का राज रहा, 1996 का चुनाव यहां पर तमिल मनीला कांग्रेस ने जीता, तो वहीं 1998 के चुनाव में यहां पर AIADMK की जीत हुई, 1999 का चुनाव यहां पर DMK ने जीता और उसका राज यहां साल 2004 और साल 2009 में भी रहा लेकिन साल 2014 के चुनाव में यह सीट AIADMK के खाते में चली गई और अशोक कुमार यहां से जीतकर लोकसभा पहुंचे।
कृष्णागिरि, परिचय-प्रमुख बातें-
अल्फांसो आमों के लिए प्रसिद्ध कृष्णागिरि तमिलनाडु के प्रमुख शहरों में से एक है। प्राचीन काल में यह तमिलनाडु के कोंगू नाडु क्षेत्र का हिस्सा था। कृष्णागिरी हसूर से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह विशेष रूप से कृष्णागिरी बांध व सरकारी संग्रहालय के लिए प्रसिद्ध है। कृष्णागिरी दो शब्दों कृष्ण और गिरी से मिलकर बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ है 'काला पहाड़'। यहां काले ग्रेनाइट चट्टानों के पहाड़ हैं। यहां का कृष्णागिरी बांध आकर्षण का केंद्र है, यह बांध एक हजार एकड़ की भूमि पर बना हुआ है। इस बांध का निर्माण वर्ष 1955-57 में किया गया था। कृष्णगिरि की जनसंख्या 18,79,809 है, जिसमें से 77 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है और 22 प्रतिशत लोग शहरों में निवास करते हैं, यहा 14 प्रतिशत लोग एससी वर्ग के और 1 प्रतिशत लोग एसटी वर्ग के हैं।
अशोक कुमार का लोकसभा में प्रदर्शन
दिसंबर 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक के अशोक कुमार की पिछले पांच सालों में लोकसभा में उपस्थिति 89 प्रतिशत रही है और इस दौरान इन्होंने 92 डिबेट में हिस्सा लिया और 402 प्रश्न पूछे हैं। साल 2014 के चुनाव में इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 13,79,957, जिसमें से मात्र 10,68,391 लोगों ने अपने मतों का प्रयोग यहां पर किया था, जिसमें पुरूषों की संख्या 5,45,948 और महिलाओं की संख्या 5,22,443 थी।
कृष्णगिरि लोकसभा सीट पर पिछले 15 सालों से DMK राज कर रही थी लेकिन साल 2014 में यह सीट AIADMK के पास आ गई जो कि DMK के लिए बहुत बड़ा झटका थी, साल 2014 के चुनाव में मुख्यमंत्री जयललिता के नेतृत्व में AIADMK ने लोकसभा चुनावों में पूरे राज्य में काफी अच्छा प्रदर्शन किया था लेकिन जयललिता के निधन के बाद AIADMK फूट की शिकार हुई और उसे काफी संघर्ष का सामना करना पड़ा है, ऐसे हालात में क्या वो अपनी यह सीट अपने पास बचाकर रख पाएगी, यह एक बड़ा सवाल है, जिसका जवाब हमें चुनावी नतीजे देंगे, इसमें कोई शक नहीं कि इस बार इस सीट पर मुकाबला कड़ा होगा, जहां DMK की पूरी कोशिश अपने हार का बदला लेने की होगी तो वहीं AIADMK का पूरा प्रयास अपनी जीत को बचाने का होगा, देखते हैं इस जंग में जीत का सेहरा किसके सिर बंधता है।
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