लोकसभा चुनाव 2019: गोड्डा लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: झारखंड की गोड्डा लोकसभा सीट से सांसद भाजपा के निशिकांत दुबे हैं। उन्होंने साल 2014 के लोकसभा चुनाव में इंडियन नेशनल कांग्रेस के फुक्रान अंसारी को 60,682 के अंतर से हरा कर इस सीट पर विजय प्राप्त की। गोड्डा की लोकसभा सीट पर निशिकांत दूसरी बार सांसद बने हैं। गोड्डा भारत में झारखंड प्रान्त का एक जिला है। यह जिला राज्य के पूर्वोत्तर भाग में बसा है।वर्तमान में जो हिस्सा गोड्डा जिले का भाग है वो पहले संथल परगना का एक भाग था| यह जिला खनिज संपदाओ से भरा है। यहाँ एशिया प्रसिद्ध खुला कोयला खदान ललमटिया है। जिसके कोयले से दो ताप बिजली घर कहलगाँव व फरक्का संचालित होती है।
भौगोलिक तौर पर यह जिला देश के प्राकृतिक संपदाओं में भरपूर कई जिलों में से एक है। यहाँ की जनसंख्या मुख्यतः कृषि आधारित है जिसकी प्रमुख उपज है गेंहू, मक्का और चावल हैं। इस जिले तक पहुँचने का कोई रेल मार्ग नहीं है। यहाँ का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन हंसडीह है। गोड्डा को संथल प्रदेश भी कहते हैं। यह स्थान अपने घने जंगलों और पहाड़ों के लिए मशहूर है। यहाँ की कोयले की खदानें ईसीएल खदान का का एक बड़ा हिस्सा जो एशिया की सबसे बड़ी कोयला खदान है। अगर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र की बात करें तो गोड्डा के अंतर्गत 6 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र आते हैं। मधुपुर, देवघर, जरमुंडी, पोरेयाहत, गोड्डा और महागमा। इनमें से देवघर एक अरक्षित विधानसभा सीट है।
निशिकांत दुबे का लोकसभा में प्रदर्शन
वर्तमान सांसद निशिकांत दुबे के संसद में प्रदर्शन की बात करें तो इनकी उपस्थिति का प्रतिशत 98% रहा जोकि राज्य उपस्थिति औसत 86 % से काफी बेहतर है। इन्होने अपने कार्यकाल में 305 डिबेट्स में हिस्सा लिया। आपको बताते चलें की डिबेट्स में हिस्सा लेने का सांसदों का राज्य औसत 81.4 है और राष्ट्रिय औसत 63.8 है। संसद में प्रश्न पूछने का इनका व्यक्तिगत औसत 637 है जो की राज्य औसत 406 और राष्ट्रिय औसत 273 के समकक्ष बहुत ही बेहतरीन आंकड़ा है। इन्होने अपने कार्यकाल में कुल 40 प्राइवेट मेम्बर बिल प्रस्तुत किये हैं जोकि 5.9 के राज्य और 2 के राष्ट्रिय औसत से काफी उम्दा प्रदर्शन है।
हालाँकि यहाँ की कृषि उन्मुख जनता यानी की किसान जनता के आंकड़ों पर नज़र डालें तो दिखेगा की यहाँ की 26,12,889 की जनसंख्या में 86.99 प्रतिशत ग्रामीण जनता है और 13.01 शहरी जनता है। निर्वाचकों की संख्या जहाँ यहाँ पर 15,90,628 रही वहीँ 2014 में कुल 10,49,442 लोगों ने ही मतदान किया। इसका अर्थ यह है की यहाँ पर 2014 में कुल 66 प्रतिशत वोट गिरा। और इसी के साथ ही 2004 से लेकर अबतक स्ट्राइक रेट में 67 प्रतिशत जीत भाजपा के हिस्से में गयी। अब देखना है कि आगागी लोकसभा चुनाव में जनता किसे चुनती है।