प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर कसा तंज, कहा-लॉकडाउन की मर्यादा का पाठ पढ़ा रहे हैं CM
पटना। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने शनिवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा। प्रशांत किशोर ने कहा कि देश भर में बिहार के लोग फंसे पड़े हैं और नीतीश कुमार जी लॉकडाउन की मर्यादा का पाठ पढ़ा रहे हैं। दरअसल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लॉकडाउन के बीच यूपी से कोटा के लिए 300 बसों के चलाए जाने का विरोध किया है। नीतीश कुमार ने यूपी सरकार के इस फैसले की निंदा की थी और इसे लॉक डाउन का उल्लंघन करार दिया था।
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नीतीश कुमार के इस बयान पर प्रशांत किशोर ने कहा कि, देश भर में बिहार के लोग फंसे पड़े हैं और नीतीश कुमार जी लॉकडाउन की मर्यादा का पाठ पढ़ा रहे हैं। स्थानीय सरकारें कुछ कर भी रहीं हैं, लेकिन नीतीश जी ने सम्बंधित राज्यों से अब तक कोई बात भी नहीं की है। पीएम मोदी के साथ मीटिंग में भी उन्होंने इसकी चर्चा तक नहीं की। प्रशांत किशोर ने अपने इस ट्वीट में एक न्यूज वेबसाइट का लिंक भी शेयर किया है।
उत्तरप्रदेश सरकार ने राजस्थान के कोटा में फंसे राज्य के साढ़े सात हजार से अधिक छात्रों को वापस लाने के लिए शुक्रवार को 300 बसें भेज दीं जो देर शाम तक कोटा पहुंच गईं। यूपी के विभिन्न जिलों के ये छात्र कोटा में कोचिंग ले रहे हैं। लॉकडाउन के बीच इतनी तादाद में छात्रों को निकालने के फैसले पर राजनीति भी गरमा गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यूपी से कोटा के लिए बस चलाए जाने का विरोध करते हुए कहा- यह लॉकडाउन के नियमों और उद्देश्य के खिलाफ है। ऐसा नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि, केंद्र सरकार को इस मामले को देखना चाहिए। हमलोग बिहार के बाहर रहने वाले लोगों की स्थानीय स्तर पर ही मदद कर रहे हैं। यूपी सरकार के इस फैसले से देश के दूसरे राज्यों पर भी दबाव बनेगा। वहीं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने योगी की तरफदारी की है। उन्होंने कहा-उन्होंने बाहर फंसे अपने लोगों को घर लौटने का इंतजाम कराया। फिर, जहां-तहां बड़ी संख्या में फंसे बिहार के लोग क्यों नहीं लौट सकते हैं? बिहारी छात्र कोटा के डीएम से विशेष अनुमति लेकर बिहार लौटना चाह रहे, लेकिन उन्हें प्रदेश में घुसने नहीं दिया जा रहा है, क्यों? बाहर रह रहे बिहारी मजदूरों की हालत बहुत दयनीय है।
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