प्रणब मुखर्जी बोले- दुनिया में GDP महत्वपूर्ण लेकिन इसके साथ खुशहाली भी जरूरी है
नई दिल्ली: देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने गुरुवार को कहा कि शिक्षा लोगों की खुशी का मूल आधार है। उन्होंने कहा कि ये इतना ही महत्वपूर्ण है, जितना कि किसी देश का सकल घरेलू उत्पाद(जीडीपी)। दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की किताब 'शिक्षा' के लॉन्च के दौरान आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए प्रणब ने कहा कि आज दुनिया केवल सकल घरेलू उत्पाद(जीडीपी) के बारे में बात नहीं कर रही है।
पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि एक नई अवधारणा सामने आई है, जिसमें सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के साथ सकल खुशी उत्पाद(जीएचपी) भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि खुशी महत्वपूर्ण है और खुशी का मूल आधार शिक्षा है। प्रणब मुखर्जी ने जीडीपी के विषय पर बोलने के अलावा मनीष सिसोदिया की तारीफ की। उन्होंने कहा कि मनीष सिसोदिया कि किताब काफी बेहतरीन है। ये पुस्तक काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह शिक्षा मंत्री के अनुभवों पर आधारित है।
Former President Pranab Mukherjee in Delhi: The world today is not merely talking about Gross Domestic Product (GDP), world wants more. A new concept has come that GDP is important but side by side Gross Happiness is also important & its basic foundation is education. (05.09.19) pic.twitter.com/Um2CAjq3Ux
— ANI (@ANI) September 5, 2019
प्रणब मुखर्जी ने छात्रों को शिक्षक दिवस के मौके पर शुभकामनाएं दी और कहा कि छात्रों को सवाल पूछने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इस मौके पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि मनीष सिसोदिया की पुस्तक ने दिल्ली में शिक्षा में क्रांति लाने में मदद की। उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल में दिल्ली में शिक्षा के क्षेत्र में हुए काम को पूरे देश और दुनिया ने देखा है। है। कई लोग कहते हैं कि यह किसी क्रांति से कम नहीं है।
केजरीवाल ने आगे कहा कि उनकी सरकार ने दिल्ली में शिक्षा में सुधार के लिए प्रणब मुखर्जी से बहुत मार्गदर्शन प्राप्त किया, क्योंकि वे खुद इसमें बहुत रुचि रखते थे। उन्होंने कहा कि सभी छात्रों के लिए एक समान शिक्षा पूरे देश का एक सपना है। हमारा विचार सरकारी स्कूलों में सुधार और उसे बेहतर बनाना है ताकि लोग अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल से सरकारी स्कूल में ट्रांसफर कर सके।