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रोहित शर्मा ने ऐसा क्या किया जिसकी श्रीलंका में हो रही है जमकर तारीफ़

श्रीलंका के ख़िलाफ़ गुवाहाटी वनडे में भारत ने शानदार जीत हासिल की. ये मैच विराट कोहली और दासुन शनाका के शतक के अलावा एक अन्य वजह से भी चर्चा में है.

By BBC News हिन्दी
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भारत और श्रीलंका के बीच गुवाहाटी में हुए पहले वनडे मैच में विराट कोहली के शतक की चर्चा हुई, शुभमन गिल और कप्तान रोहित शर्मा की बैटिंग की भी तारीफ़ हुई.

praised of Rohit Sharma in Sri Lanka

श्रीलंका की ओर से कप्तान दासुन शनाका ने भी शतक लगाया.

फिर भी भारत ने आसानी से ये मैच जीत लिया. इस जीत के साथ भारत ने वनडे सिरीज़ में 1-0 की बढ़त हासिल कर ली है.

इस वनडे में कई यादगार पारियों के बीच मैच के आख़िरी ओवर की भी चर्चा है.

इस चर्चा के केंद्र में हैं श्रीलंका के कप्तान दासुन शनाका, भारत के कप्तान रोहित शर्मा और भारत के तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद शमी.

इस ओवर में जो कुछ भी हुआ, उसकी भारत के अलावा श्रीलंका में भी ख़ूब चर्चा है.

साथ ही भारतीय कप्तान रोहित शर्मा की भी जम कर तारीफ़ हो रही है.

क्या हुआ था आख़िरी ओवर में

आइए जानते हैं कि उस आख़िरी ओवर में भी हुआ क्या था.

49वें ओवर की समाप्ति पर श्रीलंका का स्कोर था आठ विकेट पर 288 रन.

श्रीलंका के कप्तान दासुन शनाका 95 रन पर खेल रहे थे और उनका साथ दे रहे थे कासुन रजिता, जो चार रन बनाकर नाबाद थे.

मैच का आख़िरी ओवर करने आए भारत के मोहम्मद शमी.

पहली गेंद पर शनाका ने दो रन बनाए, जबकि दूसरी गेंद पर कोई रन नहीं बना. तीसरी गेंद पर शनाका ने एक रन लिया.

अब शनाका 98 रन पर थे. स्ट्राइकर एंड पर कासुन रजिता आ गए थे और नॉन स्ट्राइकर थे कप्तान शनाका.

चौथी गेंद फेंकने के क्रम में श्रीलंका के कप्तान शनाका क्रीज़ से बाहर निकल आए और शमी ने गेंद न फेंक कर उसे स्टंप पर मार दिया.

शमी ने रन आउट की अपील की और अंपायर ने इसे थर्ड अंपायर को रेफ़र किया.

दरअसल क्रिकेटिंग टर्म में इसे मनकडिंग कहते हैं और इस तरह आउट करना हमेशा से विवादित रहा है.

क्रिकेट में इस तरह से आउट करने को लेकर हमेशा बहस होती रही है और इसे पक्ष और विपक्ष में तर्क दिए जाते रहे हैं.

हालाँकि क्रिकेट के नियमों के तहत अब इस तरह आउट करने को वैध माना गया है. लेकिन कई लोग इसे खेल भावना के ख़िलाफ़ मानते हैं.

शमी की अपील पर जब अंपायर ने इसे थर्ड अंपायर को रेफ़र किया, उसी समय भारत के कप्तान रोहित शर्मा शमी के पास पहुँचे.

रोहित शर्मा ने शमी से बात की और फिर अपील वापस लेने का फ़ैसला किया. श्रीलंका के कप्तान शनाका बच गए और फिर उन्होंने शतक भी मारा.

हालाँकि श्रीलंका ये मैच हार गया, लेकिन अपील वापस लेने के कप्तान रोहित शर्मा के फ़ैसले की ख़ूब तारीफ़ हो रही है.

मैच के बाद पूर्व क्रिकेटर और कमेंटेटर मुरली कार्तिक के साथ बातचीत में रोहित शर्मा ने अपील वापस लेने के फ़ैसले पर स्पष्टीकरण भी दिया.

रोहित शर्मा ने कहा- मुझे कोई आइडिया नहीं था कि शमी ने ऐसा किया है. जब शमी ने रन आउट की अपील की, उस समय शनाका 98 रन पर खेल रहे थे. जिस तरह शनाका ने बल्लेबाज़ी की थी, वो बेहतरीन था. हमें उन्हें आउट तो करना था, लेकिन हम उन्हें ऐसे आउट करना नहीं चाहते थे. सच में शनाका ने बेहतरीन पारी खेली.

https://twitter.com/BCCI/status/1612848249903394821?s=20&t=GmH6cDCQMal2W_A1pkFeQw

श्रीलंका के पूर्व कप्तान सनत जयसूर्या ने रोहित शर्मा की जमकर तारीफ़ की है. जयसूर्या ने ट्वीट कर लिखा है कि इस मैच में रोहित शर्मा की खेल भावना असली विजेता थी.

https://twitter.com/Sanath07/status/1612853461263220737?s=20&t=GmH6cDCQMal2W_A1pkFeQw

एक अन्य श्रीलंकाई क्रिकेटर एंजेलो मैथ्यूज़ ने भी रोहित शर्मा की खेल भावना की सराहना की है.

https://twitter.com/Angelo69Mathews/status/1612858813501276161?s=20&t=GmH6cDCQMal2W_A1pkFeQw

श्रीलंकाई क्रिकेट बोर्ड ने भी एक तस्वीर ट्वीट करके इस फ़ैसले की तारीफ़ की है.

https://twitter.com/OfficialSLC/status/1612854773572841475?s=20&t=GmH6cDCQMal2W_A1pkFeQw

ट्विटर पर रोहित शर्मा के इस फ़ैसले की ख़ूब तारीफ़ हो रही है.

https://twitter.com/_FaridKhan/status/1612851607934222343?s=20&t=GmH6cDCQMal2W_A1pkFeQw

https://twitter.com/BantyKu56086743/status/1612852903869566976?s=20&t=GmH6cDCQMal2W_A1pkFeQw

https://twitter.com/SPORTYVISHAL/status/1612852963948757002?s=20&t=GmH6cDCQMal2W_A1pkFeQw

https://twitter.com/rohind_/status/1612847291634786305?s=20&t=GmH6cDCQMal2W_A1pkFeQw

महिला क्रिकेटर दीप्ति शर्मा विवाद

पिछले साल सितंबर में भारतीय महिला क्रिकेट टीम की गेंदबाज़ दीप्ति शर्मा के इसी तरह के रन आउट को लेकर काफ़ी विवाद हुआ था.

उस समय महिला टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने अपील वापस नहीं थी और इंग्लैंड की क्रिकेटर को पवेलियन लौटना पड़ा था.

मैच लॉर्ड्स में हुआ था. भारत और इंग्लैंड के बीच तीसरा वनडे मैच खेला जा रहा था.

ये वनडे मैच सिरीज़ का आख़िरी वनडे मैच था. ये मैच तेज़ गेंदबाज़ झूलन गोस्वामी का आख़िरी वनडे था.

इस मैच में भारतीय महिला टीम ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 169 रन बनाए थे और एक समय इंग्लैंड ने नौ विकेट सिर्फ़ 118 रन पर गँवा दिए थे.

ख़ासकर चार्ली डीन की संयमित पारी ने भारतीय कैंप को परेशान ज़रूर कर रखा था. डीन ने हिम्मत नहीं हारी.

डीन और फ़्रेया डेविस ने आख़िरी विकेट के लिए 35 रनों की साझेदारी कर ली थी और ओवर्स काफ़ी बचे थे. लग रहा था कि डीन और डेविस इंग्लैंड को ये मैच जिता देंगी.

तभी 44 वें ओवर में ऐसा कुछ हुआ, जिससे क्रिकेट की दुनिया पूरी तरह बँट गई.

दीप्ति शर्मा गेंदबाज़ी कर रही थीं. इंग्लैंड की टीम ने 153 रन बना लिए थे. उनके नौ विकेट ही गिरे थे.

तभी नॉन स्ट्राइकर चार्ली डीन ने गेंद फेंके जाने से पहले ही क्रीज़ छोड़ दी और दीप्ति शर्मा ने विकेट की गिल्ली गिरा दी और आउट की अपील की.

हालाँकि चार्ली डीन क्रीज़ छोड़कर बहुत आगे निकल गई थीं, लेकिन अंपायर ने फिर भी इसे थर्ड अंपायर के पास भेजा और थर्ड अंपायर ने चार्ली डीन को आउट क़रार दिया.

इसके साथ ही स्टेडियम में एक तबका भारतीय टीम की हूटिंग करने लगा. मैच की कमेंट्री कर रहे पूर्व क्रिकेटर्स की राय भी अलग-अलग आने लगी.

लेकिन अगर नियमों की बात करें, तो दीप्ति शर्मा ने जो किया वो ग़लत नहीं था.

उस समय भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर ने भी इस फ़ैसले का बचाव किया था.

उन्होंने उस समय कहा था- हमने आईसीसी के नियमों को उल्लंघन नहीं किया है. आईसीसी के नियमों के मुताबिक़ ही आउट था. मैं अपनी टीम और अपने खिलाड़ी के साथ हूँ. हमने कुछ ग़लत नहीं किया. जीत आख़िर जीत ही होती है.

क्रिकेट के नियम बनाने वाली संस्था एमसीसी ने भी उस समय बयान जारी करके कहा था कि क्रिकेट के नियम बदले गए हैं और नॉन स्ट्राइकर एंड पर रन आउट को नियम संख्या 41 से हटाकर 38 में डाल दिया गया है.

पहले इस तरह के रन आउट को आउट तो दिया जाता था, फिर इस तरह के आउट को अनफ़ेयर प्ले की श्रेणी में रखा गया था, लेकिन अब इसे रन आउट माना गया है.

मनकडिंग

नॉन स्ट्राइकर रन आउट की शुरुआत बहुत पहले हुई थी. सबसे पहले इस तरह के आउट की चर्चा 1835 में हुई थी, जब इंग्लैंड में फ़र्स्ट क्लास क्रिकेट में थॉमस बेकर ने जॉर्ज बेजेंट को इस तरह आउट किया था.

लेकिन इसकी सबसे ज़्यादा चर्चा उस समय हुई जब ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ मैच में भारत के वीनू मनकड ने इसे आज़माया था.

13 दिसंबर 1947 को वीनू मनकड ने सिडनी टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के बिल ब्राउन को इस तरह रन आउट किया था. तभी से इसे मनकडिंग कहा जाने लगा.

उस समय भी वीनू मनकड की खेल भावना पर सवाल उठे थे. लेकिन उस समय ऑस्ट्रेलिया के कप्तान डॉन ब्रैडमन वीनू मनकड के समर्थन में आए थे और कहा था कि इस मामले में खिलाड़ी को निशाना नहीं बनाना चाहिए क्योंकि क्रिकेट के नियम कहते हैं कि नॉन स्ट्राइकर को गेंद फेंके जाने तक अपनी क्रीज़ में रहना चाहिए.

इसके बाद भारत के कपिल देव की भी चर्चा होती है, जब उन्होंने दक्षिण अफ़्रीका के पीटर कर्स्टन को ऐसे ही रन आउट किया था. 9 दिसंबर 1992 को भारत और दक्षिण अफ़्रीका के बीच फ़्रेंडशिप सिरीज़ के दौरान कपिल देव ने ऐसा किया था.

लेकिन इससे पहले कपिल देव ने तीन बार पीटर कर्स्टन को चेतावनी भी दी थी.

लेकिन कर्स्टन बार-बार क्रीज़ से बाहर निकल रहे थे. तीसरी बार कपिल देव ने उन्हें रन आउट कर दिया. हालांकि इससे पीटर कर्स्टन काफ़ी नाराज़ दिख रहे थे.

2019 के आईपीएल में भी विवाद हुआ था, जब आर अश्विन ने जोस बटलर को इस तरह आउट किया था. उस समय भी बटलर काफ़ी ग़ुस्सा हुए थे और अश्विन पर उस दौरान भी ख़ूब सवाल उठे.

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