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पत्‍नी की सोशल मीडिया पर नौकरी संबंधी पोस्‍ट और एजुकेशन भरण-पोषण से इनकार करने का आधार नहीं: HC

पत्‍नी की सोशल मीडिया पर नौकरी संबंधी पोस्‍ट और उसकी एजुकेशन भरण-पोषण से इनकार करने का आधार नहीं: HC

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Mumbai High Court: सोशल मीडिया पर इन दिनों लोग अपने हर छोटे बड़े दुख सुख शेयर करते हैं। ऐसा ही एक महिला ने किया उसने एक पोस्‍ट बिना जांच के सोशल मीडिया पर शेयर कर दी थी जिसके आधार पर पारिवारिक न्‍यायालय ने उसका भरण पोषण दिलवाने से इंकार कर दिया था। हालांकि मुंबई हाई कोर्ट ने फैमिली कोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया और कहा कि सोशल मीडिया पर लिखा पोस्‍ट वास्‍तविक प्रमाण नहीं कि है कि उसकी पत्‍नी नौकरी करती है।

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मुंबई हाई कोर्ट ने पारिवारिक न्‍यायालय के एक आदेश को रद्द कर दिया जिसमें पत्नी को अंतरिम भरण-पोषण देना सिर्फ इस आधार मना कर दिया था क्‍योंकि पत्‍नी के पास बड़ी डिग्रियां थी और उसने सोशल मीडिया पर ये लिखा है कि उसने लंदन में नौकरी हासिल कर ली है। कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा 'एक महिला को अंतरिम गुजारा भत्ता देने का आदेश देते हुए कहा कि नौकरी की प्रपोजन के बारे में केवल सोशल मीडिया पोस्ट करने का मतलब यह नहीं है कि वह वास्तव में नौकरी कर रही है।

नकली ईमेल मिला था जिसे उसने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया था

वकील एसवी देशमुख ने अदालत में ये तर्क दिया कि पत्नी द्वारा योग्यता का अधिकार केवल अंतरिम भरण-पोषण से इनकार करने का कारण नहीं हो सकता है, खासकर जब वह बेरोजगार हो। उन्होंने अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया कि क्षमता या कमाई करने की क्षमता वास्तविक कमाई से अलग है। जिसके बाद पति के वकील ने सोशल मीडिया पर लंदन में नौकरी करने वाली पोस्‍ट का हवाला दिया तो महिला ने कोर्ट को बताया कि उसे एक नकली ईमेल मिला था जिसे उसने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया था।

पति के वकील ने लगाए ये आरोप

पति के वकील एए निंबालकर ने तर्क दिया कि पत्नी ने शादी के चार महीने के भीतर अनुचित रूप से पति की कंपनी से अलग हो गई थी और पति के खिलाफ नपुंसकता का आरोप लगा दिया था। उसने अदालत को यह भी बताया कि पत्नी के राजनीतिक संबंध थे और उसकी पर्याप्त आय थी।उसकी योग्यता को देखते हुए, पारिवारिक न्यायालय ने अनुमान लगाया है कि नौकरी हासिल करने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।

कोई प्रूफ नहीं है कि पत्नी को लंदन में नौकरी मिली हो

अदालत ने कहा कि रिकॉर्ड में ऐसी कोई प्रूफ नहीं है कि पत्नी को लंदन में नौकरी मिली हो और भले ही उसने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया हो, यह उसे राहत देने से इनकार करने का कोई आधार नहीं है। अदालत ने अंतरिम गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया।

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English summary
Post of wife on social media regarding job and her education is not a ground to deny maintenance: HC
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