देश में तैयार किए जा रहे 1 लाख नए फ्रंटलाइन वर्कर, पीएम मोदी ने लॉन्च किया स्पेशल प्रोग्राम
नई दिल्ली, 18 जून: भारत कोरोना महामारी की दो लहर झेल चुका है, जिसमें अब तक 3.83 लाख से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं। विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि जल्द ही देश में तीसरी लहर भी आ सकती है। इसको देखते हुए केंद्र सरकार ने कोरोना फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए एक विशेष ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू किया है, जिसको शुक्रवार को पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लॉन्च किया। इस शुभारंभ के साथ ही 26 राज्यों के 111 प्रशिक्षण केन्द्रों में इस कार्यक्रम की शुरूआत हो गई।
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कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा ये वायरस हमारे बीच अभी भी है और इसके म्यूटेट होने की संभावना भी बनी हुई है, इसलिए हर इलाज और सावधानी के साथ आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए हमें देश की तैयारियों को बढ़ाना होगा। इसी लक्ष्य के साथ देश में एक लाख फ्रंटलाइन कोरोना वॉरियर तैयार करने का महाअभियान शुरू हो रहा है।
पीएम के मुताबिक कोरोना से लड़ रही वर्तमान फोर्स को सपोर्ट करने के लिए देश में करीब 1 लाख युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है। ये कोर्स 2-3 महीने में ही पूरा हो जाएगा, इसलिए ये लोग तुरंत काम के लिए उपलब्ध भी हो जाएंगे। ऐसे में इस अभियान से कोविड से लड़ रही हमारी हेल्थ सेक्टर की फ्रंटलाइन फोर्स को नई ऊर्जा भी मिलेगी। साथ ही हमारे युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे। पीएम ने बताया कि वैक्सीनेशन के मामले में 45 साल से ज्यादा के लोगों को जो सुविधाएं दी जा रहीं, वही सुविधाएं 45 साल से कम लोगों के लिए दी जाएंगी।
कोरोना के मामलों में गिरावट, 24 घंटों में 62480 नए केस और 1587 लोगों की मौत
276
करोड़
होगा
खर्च
आपको
बता
दें
कि
276
करोड़
रुपये
की
लागत
से
प्रधानमंत्री
कौशल
विकास
योजना
तृतीय
के
तहत
ये
स्पेशल
ट्रेनिंग
प्रोग्राम
लॉन्च
हुआ
है।
इससे
स्वास्थ्य
के
क्षेत्र
में
श्रमशक्ति
की
वर्तमान
और
भविष्य
की
जरूरतों
को
पूरा
करने
के
लिए
कुशल
गैर-चिकित्सा
स्वास्थ्यकर्मियों
को
तैयार
किया
जाएगा।
इस
कोर्स
की
अवधि
बहुत
ही
छोटी
है,
जिस
वजह
से
इसे
क्रैश
कोर्स
कहा
जा
रहा
है।