क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

तो सीएम महबूबा नहीं चाहती है अलगावादियों के खिलाफ कड़े कदम?

Google Oneindia News

श्रीनगर। कश्‍मीर के अलगाववादी नेताओं को मिल रही सुविधाओं को लेकर पिछले कई दिनों में कई तरह की बातें हो चुकी हैं और कई तरह की खबरें आ चुकी हैं। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर कहा कि उसे भी लगता है कि इन
नेताओं को मिल रही आर्थिक मदद बंद होनी चाहिए। फिलहाल केंद्र सरकार ऐसा कुछ नहीं सोच रही है। इस पूरे मसले के बीच अब जम्‍मू कश्‍मीर की मुख्‍यमंत्री महबूबा मुफ्ती के लिए मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं।

mehbooba-mufti-separtist-funding.jpg

पढ़ें-सुप्रीम कोर्ट को भी लगता है बंद होनी चाहिए अलगाववादी नेताओं की फंडिंगपढ़ें-सुप्रीम कोर्ट को भी लगता है बंद होनी चाहिए अलगाववादी नेताओं की फंडिंग

बदलना पड़ा सरकार को अपना फैसला

गृह मंत्रालय इस बात पर फैसला ले चुका था कि कश्‍मीर के अलगाववादी नेताओं को मिलने वाली सुविधाओं पर लगाम लगेगी लेकिन मुख्‍यमंत्री महबूबा ने इसे लेकर अपनी चिंताएं जाहिर की थीं।

जिस समय ऑल पार्टी डेलीगेशन जम्‍मू कश्‍मीर गया था, उसमें शामिल कुछ नेताओं ने अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा में कटौती को लेकर अपने विचार जाहिर किए थे।

इन नेताओं को भी सुरक्षा में कटौती को लेकर कुछ चिंताएं थीं। इसके बाद गृह मंत्रालय ने अपना फैसला बदल लिया था।

पढ़ें-वानी के पिता ने कहा- कोई बेटा मां-बाप की मर्जी से बंदूक नहीं उठातापढ़ें-वानी के पिता ने कहा- कोई बेटा मां-बाप की मर्जी से बंदूक नहीं उठाता

हालात बिगड़ने की संभावना

गृह मंत्रालय ने फैसला किया कि अब अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा में किसी तरह की कोई कटौती नहीं होगी। जम्‍मू कश्‍मीर गए प्रतिनिधिमंडल से पहले बताया जाता है कि महबूबा मुफ्ती ने जेडी (यू) के नेता शरद यादव को कॉल किया था।

इस फोन कॉल में महबूबा ने इस तरह के कदमों को लेकर अपनी राय व्‍यक्ति की थी। सूत्रों की मानें तो महबूबा ने कहा था कि ऐसे कदमों से हालात और बिगड़ सकते हैं।

पढें-कश्मीर के बवालियों पर सरकार ने पांच साल में 560 करोड़पढें-कश्मीर के बवालियों पर सरकार ने पांच साल में 560 करोड़

इसलिए सरकार ने पीछे खीचें कदम

चार और पांच सितंबर को जम्‍मू कश्‍मीर गए प्रतिनिध मंडल ने गृहमंत्री से मुलाकात की तो उन्‍होंने इस मुद्दे को उठाया।
कश्‍मीर की समस्‍या का हल तलाश रही केंद्र सरकार किसी भी तरह से प्रक्रिया को पटरी से नहीं उतरने देना चाहती थी। मजबूरी में सरकार को अपने कदम पीछे खींचनें पड़े।

Comments
English summary
While the home ministry had decided that it would downgrade security to the separatist leaders, it was Mehbooba who had raised concerns over it.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X