पी. चिदंबरम ने की नए आर्थिक पैकेज की मांग, कहा- कई वर्गों को सरकार भूली
नई दिल्ली: कोरोना को लेकर देश में चौथे चरण का लॉकडाउन शुरू हो गया है। जिस वजह से अभी भी ज्यादातर उद्योग-धंधे बंद हैं, ऐसे में अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान हो रहा है। इस लॉकडाउन की मार गरीब, मजदूर और मध्यम वर्गीय लोगों पर सबसे ज्यादा पड़ी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज का ऐलान किया था, जिसकी पांच किस्तों की घोषणा वित्त मंत्री ने की है। वहीं कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने इस आर्थिक पैकेज को निराशाजनक बताया है।
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आर्थिक पैकेज पर बोलते हुए पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि केंद्र द्वारा घोषित प्रोत्साहन पैकेज पर वो और कांग्रेस पार्टी अपनी पूरी निराशा व्यक्त करती है। वो सरकार से कम से कम 10 लाख करोड़ के अतिरिक्त खर्च का रिवाइज्ड राजस्व प्रोत्साहन पैकेज देने की मांग करते हैं। उन्होंने कहा कि ज्यादातर विश्लेषकों, रेटिंग एजेंसियों और बैंकों ने राजस्व प्रोत्साहन का आकार 0.8 प्रतिशत से 1.5 प्रतिशत के बीच रखा है। इस पैकेज को अपर्याप्त माना जाना चाहिए और सरकार को संशोधित व्यापक पैकेज के साथ फिर से घोषणा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार के आर्थिक पैकेज ने कई वर्गों की महत्वाकांक्षाओं को पूरा नहीं किया है। जिसमें 13 करोड़ परिवार, प्रवासी, मजदूर शामिल हैं। इसके साथ ही आर्थिक पैकेज में कई घोषणाएं तो पहले से बजट का हिस्सा हैं, जिसको सरकार ने नहीं बताया है। मौजूदा वक्त में जनता को सरकार से मदद चाहिए लोन नहीं।
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सिर्फ
3.22
लाख
करोड़
का
पैकेज
वित्त
मंत्री
निर्मला
सीतारमण
के
ऐलान
के
बाद
कांग्रेस
के
राज्यसभा
सांसद
आनंद
शर्मा
ने
कहा
कि
पीएम
मोदी
ने
आर्थिक
पैकेज
के
20
लाख
करोड़
के
होने
का
दावा
किया
था,
लेकिन
ये
सिर्फ
3.22
लाख
करोड़
का
है,
जो
जीडीपी
का
1.6
प्रतिशत
है।
वहीं
इस
आर्थिक
पैकेज
में
मजदूरों
और
गरीबों
के
लिए
कुछ
नहीं
है।
अगर
सरकार
को
उनकी
फिक्र
होती
तो
लोग
सड़कों
पर
नहीं
मर
रहे
होते।
उन्होंने
कहा
कि
कोरोना
महामारी
की
वजह
से
खड़े
हुए
संकट
से
निपटने
के
लिए
सरकार
के
पास
कोई
रोडमैप
ही
नहीं
है,
जिस
वजह
से
वो
लोगों
की
सिर्फ
जुबानी
मदद
कर
रही
है।