मोदी सरकार के खिलाफ 19 विपक्षी दलों का 11 दिवसीय विरोध प्रदर्शन आज से शुरू, जानिए क्या हैं मांगें?
नई दिल्ली, 20 सितंबर। आज से 19 विपक्षी दल केंद्र सरकार के खिलाफ पूरे देश भर में विरोध प्रदर्शन करेंगे। ये प्रदर्शन पूरे 11 दिन का है। इस प्रदर्शन में केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ समूचा विपक्ष एकजुट हो गया है। मालूम हो कि बीते शुक्रवार को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विपक्षी दलों की एक वर्चुअल मीटिंग बुलाई थी, जिसमें 19 दल शामिल हुए थे। उस मीटिंग में ही ये देशव्यापी विरोध की बात तय हुई थी।
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इस वर्चुअल मीटिंग में विपक्षी दलों ने 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हराने के लिए एकजुट होकर आगे बढ़ने पर जोर दिया। इन दलों के नेताओं ने केंद्र के समक्ष 11 सूत्रीय मांगों का चार्ट भी जारी किया। इस मीटिंग के बाद नेताओं ने एक संयुक्त बयान में कहा, 'हम संयुक्त रूप से 20 से 30 सितंबर, 2021 तक पूरे देश में विरोध प्रदर्शन करेंगे, हम, 19 विपक्षी दलों के नेता, भारत के लोगों से आह्वान करते हैं कि वे अपनी पूरी ताकत से अपनी धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक, गणतंत्रात्मक व्यवस्था की रक्षा करने के लिए इस अवसर पर उठ खड़े हों। भारत को आज बचाएं, ताकि हम इसे बेहतर कल के लिए बदल सकें।'
क्या है मांगे
- तीन नए कृषि कानूनों को निरस्त करना
- पेगासस हैकिंग विवाद की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच
- जम्मू-कश्मीर में जल्द चुनाव
- जम्मू-कश्मीर में सभी राजनीतिक बंदियों की रिहाई
- राफेल सौदे की उच्च स्तरीय जांच
विपक्ष ने लगाए केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप
इसके साथ ही इन सभी नेताओं ने संसद के मानसून सत्र को अचानक समाप्त करने के लिए भी केंद्र की कड़ी आलोचना की। इन सभी का कहना है कि केंद्र पेगासस मुद्दे,नए कृषि कानूनों, मुद्रास्फीति, मूल्य वृद्धि, बेरोजगारी और कोरोनोवायरस बीमारी के कथित प्रबंधन पर जानबूझकर बातचीत नहीं करना चाहता है। यही नहीं उन्होंने महामारी की तीसरी लहर को रोकने के लिए कोविड -19 के खिलाफ टीकाकरण अभियान को तत्काल तेज करने की भी मांग की है।
पीएम मोदी के भाषण की आलोचना
यही नहीं विरोधी दलों ने 15 अगस्त पर दिए गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण की भी कड़ी आलोचना की। इन सभी ने कहा कि यह भाषण नहीं था बल्कि ये खोखली बयानबाजी, नारों और दुष्प्रचारों का लेखा-जोखा था। सही मायने में से साल 2019 और 2020 में दिए गए भाषणों की एक रीपैकेजिंग थी। जिससे केवल जनता को भ्रमित करने की कोशिश हुई है।