असम की BJP सरकार फिर शर्मसार, लकड़ी का पुल टूटने से जांच के लिए जा रहे अधिकारी नदी में गिरे
असम की बीजेपी सरकार के लिए एक और शर्मसार कर देने वाली घटना तब हुई जब युवक की मौत के मामले में जांच के लिए उसके घर जा रहे अधिकारी नदी में गिर पड़े।
गुवाहाटी। असम में मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के विधानसभा क्षेत्र में सड़क न होने की वजह से साइकिल पर शव बांधकर ले जाने की घटना के बाद एक और शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है। घटना की जांच के लिए पीड़ित परिवार से मिलने जा रहे चार अधिकारी नदी पर बने लड़की के पुल के टूटने से नदी में गिर पड़े।
दो
एंगल
से
जांच
कर
रहा
है
प्रशासन
मजुली
जिले
के
डिप्टी
कमिश्नर
पल्लव
गोपाल
झा
ने
कहा,
'हमने
जांच
शुरू
कर
दी
है।
दो
एंगल
से
जांच
की
जा
रही
है।
पहली
ये
कि
क्या
लड़के
के
परिजनों
ने
108
एंबुलेंस
को
फोन
करके
मदद
मांगी
थी,
और
दूसरा
ये
कि
क्या
अस्पताल
के
किसी
कर्मचारी
ने
उन्हें
साइकिल
से
शव
को
बांधते
हुए
देखा
था?'
18
साल
के
युवक
की
मौत
अस्पताल
में
हुई
थी।
गांव
तक
पहुंचने
के
लिए
सड़क
न
होने
की
वजह
से
पीड़ित
परिवार
शव
को
साइकिल
पर
बांधकर
ले
गया
था।
लकड़ी
का
पुल
टूटा,
नदी
में
गिरे
अधिकारी
असम
की
बीजेपी
सरकार
के
लिए
एक
और
शर्मसार
कर
देने
वाली
घटना
तब
हुई
जब
युवक
की
मौत
के
मामले
में
जांच
के
लिए
उसके
घर
जा
रहे
अधिकारी
नदी
में
गिर
पड़े।
दरअसल,
गांव
तक
पहुंचने
के
लिए
न
तो
सड़क
है
और
न
ही
नदी
पर
पुल।
नदी
पर
लकड़ी
का
एक
पुल
बनाया
गया
था
जिससे
गांव
के
लोग
जरूरत
पड़ने
पर
पार
करते
थे।
मुख्यमंत्री
के
आदेश
पर
अधिकारी
गांव
में
जांच
करने
के
लिए
निकले
लेकिन
लड़की
का
पुल
एक
साथ
उनका
भार
सह
नहीं
पाया
और
टूट
गया।
लकड़ी
का
पुल
टूटने
से
राज्य
की
स्वास्थ्य
सेवाओं
के
डायरेक्टर
रथिन
भुयान
बाल-बाल
बचे
जबकि
चार
अधिकारी
नदी
में
गिर
पड़े।
इनमें
एडिशनल
डायरेक्टर
तंकेश्वर
दास
और
मजुली
के
एडिशनल
डिप्टी
कमिश्नर
नरेन
दास
भी
शामिल
थे।
8
किलोमीटर
तक
साइकिल
पर
ले
गए
शव
सोमवार
को
मजुली
सरकारी
अस्पताल
में
18
साल
के
युवक
की
मौत
के
बाद
उसके
परिजन
शव
को
साइकिल
में
बांधकर
ले
गए
थे।
घटना
को
लेकर
लोगों
ने
काफी
सवाल
उठाए
और
सरकार
की
निंदा
की।
क्योंकि
यह
घटना
असम
के
मुख्यमंत्री
सर्बानंद
सोनोवाल
के
विधानसभा
क्षेत्र
में
हुई
है।
सरकारी
अस्पताल
से
करीब
8
किलोमीटर
दूर
गांव
तक
पीड़ित
परिवार
के
लोग
शव
को
साइकिल
में
बांधकर
ले
गए।