कोरोना वायरस से लड़ाई में ओडिशा सरकार का बड़ा फैसला, सरपंचों को जिला कलेक्टर जैसे अधिकार
कोरोना वायरस: ओडिशा में सरपंचों को जिला कलेक्टर जैसे अधिकार
नई दिल्ली। ओडिशा सरकार ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई को ज्यादा प्रभावी बनाने के लिए बड़ा फैसला किया है। राज्य में ग्राम पंचायत के सरपंच को जिला कलेक्टर जैसे अधिकार दिए जाएंगे। रविवार को सीएम नवीन पटनायक ने बताया है कि सरपंचों को उनके क्षेत्र में कलेक्टर जितने अधिकार होंगे। ये अधिकार डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 के तहत दिए जाएंगे।
नवीन पटनायक ने इस संबंध में कहा है कि कोरोना वायरस को रोकने के लिए क्वारंटीन एक अहम हथियार है। बाहर से जो भी कोई आ रहा है, उसे 14 दिन सबसे दूर रखना अहम है। इसको ज्यादा बेहतर तरीके से अमल में लाया जा सके, इसलिए राज्य सरकार ने इस अवधि के लिए सरपंचों के अधिकार जिला कलेक्टर की तरह करने का फैसला किया है। लॉकडाउन खत्म होने पर बहुत से लोग राज्य में लौटेंगे, उनके लिए अपना नाम ग्राम पंचायत के रजिस्टर में दर्ज कराके 14 दिन आईसोलेशन में रहना जरूरी होगा। पटनायक ने ये भी कहा कि क्वरंटीन सेंटरों में हर तरह की सुविधा का ख्याल रखा जाएगा। साथ ही जो लोग जो दिन क्वारंटीन रहेंगे, राज्य सरकार उनको दो हजार रुपए नकद भी देगी।
पटनायक ने यह भी कहा कि लॉकडाउन समाप्त होने के बाद उनकी सरकार राज्य के बाहर फंसे हुए लोगों की वापसी की व्यवस्था करेगी। पटनायक ने कहा, ओडिशा में कुल मामलों में कमी आने की मुख्य वजह सभी विदेश से लौटने वाले लोगों का पंजीकरण और उन्हें अनिवार्य तौर पर क्वारंटीन में रखना है।
ओडिशा में कोविड-19 मामलों की कुल संख्या फिलहाल 61 है। 15 मार्च को कोरोना का पहला मामला सामने आने के बाद राज्य में अब तक चौबीस मरीज ठीक हो गए हैं जबकि एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है। ओडिशा की नवीन पटनायक सरकार कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अपनी भूमिका को लेकर चर्चा में है। शुरू से ही ओडिशा सरकार कई मोर्चों पर इस लड़ाई में आगे दिखी है। अब उसने ये एक और फैसला लिया है ताकि गांव में पहुंचने वालों लोगों क्वारंटीन जरूर रहें।
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