गंजाम में केवड़ा फूल और काजू की खेती को बढ़ावा देने के लिए विशेष कृषि नीति ला रही ओडिशा सरकार
ओडिशा की नवीन सरकार ने एक बार फिर किसानों को बड़ी राहत देने को तैयार है। उन्होंने गंजम में केवड़ा फूल और काजू की खेती को बढ़ावा देने के लिए विशेष कृषि नीति लाने के लिए केंद्र सरकार के पास मसौदा भेज दिया है।
कृषि ओडिशा की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने हमेशा राज्य में कृषि के विकास और किसानों के सशक्तिकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। कालिया जैसी अनूठी पहल से लेकर भूमि के विकास और तकनीकी सहायता तक राज्य सरकार किसानों को हर तरह का समर्थन दे रही है।
किसानों का विकास उनके उत्पादों के लिए उचित बाजार लिंकेज पर निर्भर करता है। किसान तभी आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो सकते हैं जब वे अधिक फसल ले सकें और अपने उत्पादों को उचित बाजार व्यवस्था में बेच सकें। इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार जल्द ही एक विशेष कृषि नीति ला रही है।
मसौदा नीति केंद्र सरकार के कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण निर्यात विकास प्राधिकरण को भेज दी गई है। यदि यह नीति लागू की जाती है तो राज्य के सामान्यत: गंजाम जिले के किसान जो केवड़ा फूल की खेती पर निर्भर हैं, उन्हें अत्यधिक लाभ होगा। नई नीति से केवड़ा फूल की खेती करने वालों के लिए अपने उत्पादों को सीधे विदेशी बाजारों में बेचने का मार्ग प्रशस्त होने की उम्मीद है।
जब केवड़ा के फूलों की खेती और प्रसंस्करण की बात आती है तो गंजाम देश में एक विशेष स्थान रखता है। केवड़ा फूल की खेती गंजम जिले के रंगीलुंडा, छत्रपुर और चिकिती ब्लॉक में बड़े पैमाने पर की जाती है। केवड़ा संयंत्रों से इत्र और अन्य उत्पाद जैसे केवड़ा तेल तैयार करने के लिए जिले में बड़ी संख्या में भट्टियां हैं। जिले के 250 से अधिक गांवों के लोग इस खेती से अपनी आजीविका सुरक्षित करते हैं। केवड़ा के फूल का एक टुकड़ा 8 से 11 रुपये में बिकता है। केवड़ा के तेल की कीमत करीब 4 लाख से 5 लाख रुपये और परफ्यूम की प्रति लीटर कीमत करीब 30,000 से 40,000 रुपये है।
यह भी पढ़ें- CM नवीन पटनायक ने FIH 2023 हॉकी विश्व कप ट्रॉफी का टूर किया शुरु