निर्भया के साथ हैवानियत करने से पहले क्या-क्या काम करते थे चारों दोषी
नई दिल्ली। दिल्ली में हुए निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले (Nirbhaya Case) में आज करीब सवा सात साल बाद इंसाफ हुआ है। तिहाड़ जेल के फांसी घर में शुक्रवार सुबह ठीक 5.30 बजे निर्भया के चारों दोषियों को फांसी दी गई है। निर्भया के चारों दोषियों विनय, अक्षय, मुकेश और पवन गुप्ता को एक साथ फांसी के फंदे पर लटकाया गया। इस मामले में कुल छह दोषी थे, जिनमें से एक राम सिंह ने ट्रायल के दौरान आत्महत्या कर ली और एक नाबालिग होने का फायदा उठाकर तीन साल साज काटकर बाहर आ गया था। तो चलिए जानते हैं कि ये चारों दोषी अपराध करने से पहले क्या काम किया करते थे।
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क्या है मामला?
दिल्ली में पैरामेडिकल छात्रा से 16 दिसंबर, 2012 की रात 6 लोगों ने चलती बस में दरिंदगी की थी। 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर में इलाज के दौरान निर्भया की मौत हो गई थी। घटना के 9 महीने बाद यानी सितंबर 2013 में निचली अदालत ने 5 दोषियों- राम सिंह, पवन, अक्षय, विनय और मुकेश को फांसी की सजा सुनाई थी। फिर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा बरकरार रखी थी।
मुकेश सिंह (33)
निर्भया मामले का दोषी मुकेश सिंह बस साफ करने का काम किया करता था। उसी ने चलती बस में निर्भया और उसके दोस्त पर लोहे की रोड से हमला किया था। साल 2015 में बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को दिए इंटरव्यू में मुकेश सिंह ने कहा था कि 'रात में बाहर जाने वाली महिलाएं खुद दोषी होती हैं, अगर वह अपनी ओर किसी का ध्यान आकर्षित करती हैं।' उसने कहा था कि 'दुष्कर्म के लिए लड़की हमेशा लड़के से ज्यादा जिम्मेदार होती है। लड़का और लड़की बराबर नहीं हैं। लड़की को घर का काम करना चाहिए, ना कि रात को डिस्को या बार में जाकर गलत काम करने और खराब कपड़े पहनने चाहिए।'
अक्षय ठाकुर (33)
दोषी अक्षय ठाकुर बिहार के औरंगाबाद जिले का रहने वाला था और स्कूल ड्रॉपआउट था। वह शादीशुदा था और उसका एक बेटा भी था। अपने तीन भाईयों में वह सबसे छोटा था। अक्षय की पत्नी ने ही अदालत में तलाक की अर्जी दाखिल की थी। उसने फांसी से कुछ दिन पहले ही ये अर्जी दाखिल की। अक्षय की पत्नी ने कहा था कि वह विधवा बनकर नहीं जीना चाहती है।
विनय शर्मा (27)
विनय शर्मा एक जिम इंस्ट्रक्टर के तौर पर काम करता था। वह उस वक्त बस चला रहा था जब नाबालिग दोषी और अन्य चार दोषी निर्भया के साथ बलात्कार कर रहे थे। उसने बाद में मुकेश से बस चलाने को कहा और खुद भी बाकियों के साथ मिलकर निर्भया के साथ बलात्कार करने चला गया। पांच दोषियों में से केवल विनय की ऐसा था, जिसने स्कूली पढ़ाई पूरी की थी और अंग्रेजी बोल सकता था।
पवन गुप्ता (25)
पवन गुप्ता फल बेचने का काम किया करता था। उसने भी निर्भया के साथ दरिंदगी की, साथ ही उसके दोस्त पर भी हमला किया था। जिन चार दोषियों को फांसी दी गई है, उनमें इसकी उम्र सबसे कम थी। पवन गुप्ता ने तिहाड़ जेल में रहकर ही ग्रेजुएशन की पढ़ाई भी पूरी की।
राम सिंह (33)
राम सिंह दोषी मुकेश सिंह का बड़ा भाई था। वह उसी बस में ड्राइवरी करता था, जिसमें अपराध को अंजाम दिया गया। राम सिंह ने पीड़िता पर लोहे की रोड से हमला किया था, जिससे उसकी आंतें बाहर आ गई थीं। राम सिंह को सबसे पहले 17 दिसंबर, 2012 में गिरफ्तार किया गया। वह उस वक्त उसी बस में बैठा था, जिसमें अपराध को अंजाम दिया गया। जब पुलिस ने राम सिंह को गिरफ्तार किया, तो उसके खून में लथपथ कपड़े भी इसी बस में मिले थे। राम सिंह मार्च, 2013 में तिहाड़ जेल की अपनी सेल में फांसी के फंदे पर लटका मिला था।
नाबालिग दोषी
निर्भया मामले में छठा आरोपी नाबालिग था। जिसे तीन साल सुधार गृह में रखे जाने के बाद छोड़ दिया गया। ये आरोपी आज अपनी पहचान छिपाकर आजादी से रह रहा है। नाबालिग दोषी को भी पीड़िता के रेप और हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया था। वह अपनी सजा पूरी करके दिसंबर, 2015 में रिहा हो चुका है। नाबालिग दोषी दक्षिणी दिल्ली में ही सड़क पर खाने के किसी ठेले पर खाना बनाने का काम करता था। इसके साथ ही उसने एक रेस्त्रां में भी काम किया है।
नाबालिग दोषी महज 11 साल की उम्र में अपने घर से भाग गया था। उसका घर दिल्ली से 240 किमी की दूरी पर स्थित है। उसके घर में एक बड़ी बहन, बीमार मां और पिता और छोटे भाई बहन हैं। ये परिवार अभी भी अपने गांव वाले घर में ही रहता है।
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