निर्भया: रेपिस्ट विनय के बाद मुकेश ने भी सुप्रीम कोर्ट में दायर की क्यूरेटिव पिटीशन
नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप के चार गुनहगारों में से एक विनय कुमार शर्मा के बाद मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दायर की है। इससे पहले, दोपहर में एक अन्य दोषी विनय कुमार शर्मा ने फांसी से बचने के आखिरी प्रयास में क्यूरेटिव पिटिशन डाली थी। दोषियों की पुनर्विचार याचिका खारिज हो चुकी है लिहाजा क्यूरेटिव पिटिशन ही अब उनके लिए आखिरी कानूनी विकल्प है। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने मंगलवार को निर्भया के चारों दुष्कर्मियों के खिलाफ डेथ वॉरंट जारी किया था।
निर्भया कांड के दो दोषियों विनय कुमार शर्मा औैर मुकेश ने डेथ वारंट जारी होने के दो दिन बाद गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। दोषी विनय और मुकेश ने अपने कानूनी अधिकार का उपयोग करते हुए आज सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन (सुधारात्मक याचिका) दायर की है। याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता की सामाजिक-आर्थिक परिस्थितयों, उसके बीमार माता-पिता सहित परिवार के आश्रितों और जेल में उसके अच्छे आचरण और उसमें सुधार की गुंजाइश के बिन्दुओं पर पर्याप्त विचार नहीं किया गया है और जिसकी वजह से उसके साथ न्याय नहीं हुआ है।
याचिका में कहा गया है कि उसे और अन्य को सजा देने के बारे में कोर्ट ने अपने फैसले में 'समाज के सामूहिक अंत:करण' और 'जनता की राय' को आधार बनाया है। याचिका में इस फैसले को कानून की नजर में गलत बताते हुए कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने बाद के फैसलों में निश्चित ही कानून में बदलाव करके उसके जैसी स्थिति के अनेक दोषियों की मौत की सजा को उम्र कैद में तब्दील किया है।
अदालत ने सभी चारों दोषियों को 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी देने का आदेश दिया है। चारों दोषियों को जेल नंबर 3 में फांसी दी जाएगी। तीन दोषी जेल नंबर 2 में रखे गए हैं और एक को जेल नंबर 4 में रखा गया है। निर्भया के केस में वारदात के 2578 दिन बाद डेथ वॉरंट जारी हुआ था। 16 दिसंबर 2012 को निर्भया गैंगरेप का शिकार हुई थी।
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