जनरल अनिल चौहान CDS का पदभार संभालेंगे, सपूत के कंधों पर सितारे पिता सजाएंगे ! जानिए प्राथमिकता क्या होगी
सीडीएस अनिल चौहान शुक्रवार को भारत के दूसरे चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के रूप में पदभार संभालेंगे। उनके कार्यकाल में मिलिट्री थिएटर कमांड शीर्ष प्राथमिकता रहेगी। new cds general anil chauhan military theatrization top
नई दिल्ली, 29 सितंबर : चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) अनिल चौहान शुक्रवार को पद संभालेंगे। पूर्वी सेना के पूर्व कमांडर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के सैन्य सलाहकार जनरल चौहान के कार्यकाल में मिलिट्री थिएटर कमांड शीर्ष प्राथमिकता रहेगी। खबरों के मुताबिक इस साल के अंत तक पहले थिएटर कमांड के अस्तित्व में आने की उम्मीद है। जनरल चौहान के पिता उनके कंधों पर सितारे सजाएंगे।
सपूत के कंधों पर सितारे पिता सजाएंगे
भारत के दूसरे चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) अनिल चौहान ने शुक्रवार सुबह सीडीएस मुख्यालय में पूर्ण जनरल का पद संभालेंगे। फोर स्टार जनरल अनिल चौहान सैन्य मामलों के विभाग के सचिव के रूप में भी पदभार संभालेंगे। बताया जा रहा है कि जनरल चौहान के पिता अपने होनहार सपूत के कंधों पर चार सितारे सजाएंगे। इसके बाद फोर स्टार जनरल बनने की औपचारिकता पूरी हो जाएगी।
नए CDS की सर्वोच्च प्राथमिकता
पूर्वी सेना के पूर्व कमांडर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के सैन्य सलाहकार जनरल चौहान के कार्यकाल में मिलिट्री थिएटर कमांड का एजेंडा सर्वोच्च प्राथमिकता पर रहेगा। इस साल के अंत तक भारत के पहले थिएटर कमांड के अस्तित्व में आने की उम्मीद है। जनरल चौहान की नियुक्ति के बाद उत्तराखंड में उनके पैतृक गांव गवाना (पौड़ी गढ़वाल) में उत्साह का वातावरण है।
जैसे को तैसा कहने की शैली
दिवंगत जनरल बिपिन रावत के सीडीएस रहने के समय जनरल चौहान सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) थे। जब वह सेना प्रमुख थे उस समय भी दोनों करीबी सैन्य अधिकारी रहे। जनरल रावत 11 गोरखा बटालियन जूनियर के प्रति खास लगाव रखते थे। जनरल रावत ने जनरल चौहान की युद्ध क्षमता और किसी भी बात को बिना लाग लपेट के जैसे को तैसा कहने की शैली (call a spade a spade) से काफी प्रभावित थे।
जनरल चौहान और सीडीएस रावत की मदद
जनरल चौहान वरिष्ठता क्रम में नीचे थे। इस कारण चौहान सेना प्रमुख के पद तक नहीं पहुंच सके। भले ही जनरल चौहान सेना प्रमुख नहीं बने, लेकिन उनका अनुभव अहम रहा, इसलिए वह पूर्वी लद्दाख सेक्टर में चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के खिलाफ भारत के सैनिकों को सैन्य प्रतिक्रिया के लिए तैयार कर रहे थे। चौहान एनएसए डोभाल और तत्कालीन सीडीएस जनरल बिपिन रावत की सहायता कर रहे थे।
जनरल चौहान एक्शन से जवाब देते हैं
सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में एलएसी के साथ लगे इलाकों में बुनियादी सैन्य ढांचे को उन्नत करने के प्रयासों के लिए भी जनरल चौहान की प्रशंसा होती है। इस समय चौहान पूर्वी सेना कमांडर के रूप में सेवाएं दे रहे थे। सेना में जनरल चौहान को नो नॉनसेंस जनरल के रूप में जाना जाता है। चौहान की छवि ऐसे सैन्य अधिकारी की है जो बोलने के बजाय अपने एक्शन से जवाब देता है।
CDS पद नौ महीने बाद भरा गया
बता दें कि सीडीएस के रूप में जनरल चौहान की नियुक्त से पहले सभी सैन्य मुख्यालयों में सेवारत और सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारियों के बीच जनरल रावत के उत्तराधिकारी बनने की उम्मीदें थीं। 28 सितंबर को मोदी सरकार के फैसले के बाद दूसरे सीडीएस की नियुक्ति हुई और 9 महीनों से खाली शीर्ष सैन्य पद भरा गया।
क्यों जरूरी है मिलिट्री थिएटर कमांड
जनरल चौहान जब दूसरे सीडीएस के रूप में पदभार ग्रहण करेंगे तो उनके सामने मिलिट्री थिएटर कमांड के साथ-साथ तीनों सेनाओं के बीच बेहतरीन तालमेल का तरीका खोजने की चुनौती भी होगी, जिससे थल सेना, नौसेना और वायुसेना समेत सभी सैन्य विभागों के बीच विरोधाभास छोड़ सर्वश्रेष्ठ सामंजस्य (breaking down silos) स्थापित किया जा सके।
चुनौतियों का जवाब देने के लिए मिलिट्री थिएटर कमांड
भले ही तीनों सेनाएं अपने क्षेत्र और शक्ति के मुताबिक सीमाओं और देश की रक्षा करना चाहती हैं, लेकिन सैन्य मामलों के जानकारों का मानना है कि भविष्य में अधिक शक्तिशाली विरोधियों और चुनौतियों का जवाब देने के लिए तालमेल और मिलिट्री थिएटर कमांड (military theatrization) जरूरी है। सीडीएस चौहान करीब चार साल तक पद पर रहेंगे। ऐसे में इस दिशा में अहम पहल होने की पूरी संभावना है।