महिलाओं का प्रतिनिधित्व उच्च न्यायपालिका में बढ़ाने की आवश्यकता: कानून मंत्री किरण रिजिजू
सुप्रीम कोर्ट में संविधान दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कानून मंत्री किरण रिजिजू ने कई बड़ी बातें कहीं। उन्होंने न्यायपालिका में महिलाओं मौजूदगी पर जोर देते हुए कहा कि पिछले 70 वर्षों में काफी बदलाव आए हैं।
Kiren Rijiju in SC Constitution Day: सुप्रीम कोर्ट में संविधान दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कानून मंत्री किरण रिजिजू ने कई बड़ी बातें कहीं। उन्होंने न्यायपालिका में महिलाओं मौजूदगी पर जोर देते हुए कहा कि पिछले 70 वर्षों में काफी बदलाव आए हैं। महिलाओं का न्यायपालिका मे प्रतिनिधित्व बढ़ा है। जबकि उच्च अदालतों में अभी इस दिशा में आगे बढ़ने की आवश्यकता है।
फास्ट-ट्रैक
के
मुद्दे
पर
आगे
नहीं
बढ़े
कई
राज्य
कानून
मंत्री
किरेन
रिजिजू
ने
शनिवार
को
सुप्रीम
कोर्ट
में
संविधान
दिवस
समारोह
के
समापन
समारोह
को
संबोधित
किया।
इस
दौरान
राष्ट्रपति
द्रौपदी
मुर्मू
और
भारत
के
मुख्य
न्यायाधीश
डी
वाई
चंद्रचूड़
भी
उपस्थित
रहे।
कानून
मंत्री
ने
कहा
कि
कानूनी
पारिस्थितिकी
तंत्र
में
समावेश
और
लैंगिक
समानता
महत्त्वपूर्ण
है।
महिलाओं
और
बच्चों
से
संबंधित
अपराधों
से
निपटने
के
लिए
केंद्र
सरकार
ने
विभिन्न
फास्ट-ट्रैक
विशेष
अदालतें
बनाने
की
मंजूरी
दी
है।
कानून
मंत्री
ने
कहा
है
कि
अफसोस
है
कि
कुछ
राज्यों
ने
इस
दिशा
में
कार्य
नहीं
किया।
न्यायपालिका
में
महिलाओं
का
प्रतिनिधित्व
बढ़ा
कानून
मंत्री
ने
आगे
कहा,
"पिछले
सात
दशकों
में
न्यायाधीशों
के
रूप
में
महिलाओं
का
प्रतिनिधित्व
बढ़ा
है।
जबकि
उच्च
न्यायपालिका
में
अभी
भी
इसे
बढ़ावा
देने
की
आवश्यकता
है।"
उन्होंने
कहा
कि
न्यायाधीशों
की
नियुक्ति
के
मामले
में
सामाजिक
विविधता
को
ध्यान
रखने
के
लिए
सरकार
प्रतिबद्ध
रही
है।
केंद्र
सरकार
उच्च
न्यायालयों
के
मुख्य
न्यायाधीशों
की
नियुक्ति
के
लिए
प्रस्ताव
भेजते
समय
इसका
प्रावधान
करने
का
अनुरोध
करती
रही
है।
केस
की
पेंडेंसी
कम
कर
हो
जोर
कानून
मंत्री
किरण
रिजिजू
कहा
कि
हमें
निचली
अदालतों
पर
ध्यान
केंद्रित
करने
की
आवश्यकता
है।
तभी
लंबित
मामलों
को
कम
किया
जा
सकता
है।
उन्होंने
कहा
कि
अधिकांश
पेंडेंसी
निचली
अदालतों
में
हैं।
अब
ये
आंकड़ा
पांच
करोड़
तक
पहुंचने
वाला
है।