इस्तीफे के बाद एक्शन में सिद्धू, समर्थकों के सामने कांग्रेस को लेकर तोड़ी चुप्पी
इस्तीफे के बाद एक्शन में सिद्धू, समर्थकों के सामने कांग्रेस को लेकर तोड़ी चुप्पी
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नई दिल्ली। पंजाब सरकार के मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू एक बार फिर सियासी तौर पर सक्रिय हो गए हैं। बुधवार को नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने घर पर अपने समर्थकों की बैठक बुलाई और उन्हें अपनी भविष्य की योजना के बारे में बताया। इस दौरान सिद्धू ने कांग्रेस पार्टी में रहने या ना रहने को लेकर चल रहे कयासों पर भी चुप्पी तोड़ी। गौरतलब है कि पिछले दिनों ही पंजाब कैबिनेट में अपना पोर्टफोलियो बदले जाने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। सिद्धू ने ट्विटर पर अपने इस्तीफे की कॉपी अपलोड करते हुए लिखा था कि वो मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे रहे हैं। इस बीच बुधवार को सिद्धू एक बार फिर एक्शन में नजर आए।
कांग्रेस में रहने को लेकर क्या बोले सिद्धू
पंजाब मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के करीब एक हफ्ते बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने घर पर अपने समर्थकों से मुलाकात की। इस दौरान सिद्धू ने अपने घर पर बुलाए गए स्थानीय नगरपालिका के पार्षदों सहित समर्थकों के सामने कहा कि वो कांग्रेस पार्टी में ही बने रहेंगे। इस बैठक में मौजूद एक स्थानीय पार्षद मोनिका शर्मा ने बताया कि सिद्धू ने स्पष्ट तौर पर कहा कि उन्होंने केवल पंजाब कैबिनेट से इस्तीफा दिया है, कांग्रेस पार्टी से नहीं। सिद्धू ने अपने समर्थकों से अपील की है कि वो पूरी मेहनत और दम-खम के साथ कांग्रेस पार्टी के लिए काम करते रहें। सिद्धू ने यह भी कहा कि भविष्य में भी उनका कांग्रेस पार्टी छोड़ने का कोई इरादा नहीं है।
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फिर एक्शन में नवजोत सिंह सिद्धू
पार्षद मोनिका शर्मा ने बैठक के बारे में जानकारी देते हुए बताया, 'नवजोत सिंह सिद्धू ने सभी पार्षदों से विकास कार्यों को बढ़ावा देने के लिए कहा। उन्होंने आश्वासन दिया है कि वह विकास परियोजनाओं और अपने क्षेत्र से संबंधित समस्याओं के आधार पर हर दिन पार्षदों से मुलाकात करेंगे। सिद्धू ने इस बैठक में कहा कि क्षेत्र में विकास कार्यों की हकीकत जानने के लिए वो रोज अलग-अलग इलाकों का दौरा कर लोगों से फीडबैक लेंगे और मौके पर ही उनकी समस्याएं भी सुनेंगे। बैठक में उन्होंने इस्तीफे के बाद के हालात को लेकर कहा कि हर किसी को अपने जीवन में अस्थिर परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है।'
पोर्टफोलियो बदले जाने के बाद दिया इस्तीफा
आपको बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद से ही पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू की बीच खींचतान चल रही थी। इसी खींचतान के बीच नवजोत सिंह सिद्धू ने बीते रविवार को पंजाब सरकार की कैबिनेट से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया। सिद्धू ने अपने ट्विटर हैंडल पर राहुल गांधी को भेजे गए इस्तीफे की कॉपी भी अपलोड की। इसके एक दिन बाद सिद्धू ने अपना इस्तीफा पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को भी भेज दिया। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सिद्धू के इस्तीफे को मंजूर करते हुए राज्यपाल के पास भेज दिया था। इसके बाद से ही नवजोत सिंह सिद्धू के कांग्रेस में बने रहने को लेकर कयास लगाए जा रहे थे।
अमरिंदर बोले, मैंने तो अहम मंत्रालय दिया था
नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा, 'उनके साथ मेरा कोई विवाद या मसला नहीं है। बल्कि वास्तव में तो, मंत्रिमंडल के फेरबदल में मैंने उन्हें बेहद अहम मंत्रालय ही दिया था। कैबिनेट छोड़ने का फैसला उनका अपना फैसला है। मुझे बताया गया है कि उन्होंने अपना इस्तीफा मेरे कार्यालय में भेजा है। मैं पहले उसे देख लूं और उसके बाद तय करेंगे कि इस मामले में क्या किया जाना चाहिए। मैंने कभी उनकी पत्नी नवजौत कौर का विरोध नहीं किया, बल्कि वो मैं ही था, जिसने राहुल गांधी जी से सिफारिश की थी कि उन्हें बठिंडा से लोकसभा का चुनाव लड़वाया जाए। और वो नवजोत सिंह सिद्धू थे, जिन्होंने कहा था कि उनकी पत्नी बठिंडा से नहीं बल्कि चंडीगढ़ से चुनाव लड़ेंगी। अब यह तो पार्टी तय करती है कि कौन कहां से चुनाव लड़ेगा।'
सिद्धू को मिला सीएम उम्मीदवार बनने का मौका
गौरतल है कि इस्तीफे के बाद सिद्धू को सीएम का चेहरा बनाए जाने का ऑफर भी मिल चुका है। पंजाब कैबिनेट से नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफा देने के बाद लोक इंसाफ पार्टी (लोकपा) के अध्यक्ष और विधायक सिमरजीत सिंह बैंस ने कहा, 'हम नवजोत सिंह सिद्धू जी से अपील करते हैं कि वो हमारी पार्टी में आएं। कांग्रेस में ईमानदार लोगों की कद्र नहीं है। हम 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव में नवजोत सिंह सिद्धू को मुख्यमंत्री पद के दावेदार के रूप में अपनी पार्टी का चेहरा बनाएंगे। नवजोत सिंह सिद्धू को साथ लेकर हम पंजाब की जनता की उम्मीदों को पूरा करेंगे। उन्होंने अपना इस्तीफा सीएम को भेज दिया है, क्योंकि कांग्रेस में ईमानदार लोगों का दम घुटता है। नवजोत सिंह सिद्धू को केवल मंत्रिमंडल से ही इस्तीफा नहीं देना चाहिए, बल्कि उन्हें कांग्रेस से भी इस्तीफा देना चाहिए।'
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