बकरीद पर जानवरों की कुर्बानी के खिलाफ मुस्लिम युवक ने खोला मोर्चा, 72 घंटे के रोजे पर बैठा
नई दिल्ली, 21 जुलाई। आज पूरे देश में ईद उल अजहा का त्योहार यानि बकरीद को मनाया जा रहा है। इस त्योहार के मौके पर जानवरों की बलि दी जाती है, लेकिन इस बलि के खिलाफ पश्चिम बगाल के एक मुस्लिम व्यक्ति ने अभियान शुरू कर दिया है। पश्चिम बंगाल के कोलकाता में रहने वाले अल्ताब हुसैन ने बकरीद के मौके पर जानवरों की कुर्बानी को गलत बताते हुए इसके खिलाफ आवाज उठाई और 72 घंटे का रोजा रखा है। हुसैन ने मंगलवार की रात को यह रोजा शुरू किया है।
परिवार में होती है कुर्बानी
अहम बात है कि हुसैन के भाई हर बार की तरह इस बार भी बकरीद के मौके पर काटने के लिए बकरा लेकर आए, जिसे देखकर हुसैन बिल्कुल खुश नहीं हैं। हुसैन का कहना है कि जानवरों को लेकर क्रूरता काफी बढ़ गई है, लेकिन इसके खिलाफ कोई आवाज नहीं उठाता है। मैं लोगों का इस मसले की ओर ध्यान खींचना चाहता हूं, इसी वजह स मैंने 72 घंटे का उपवास रखने का फैसला लिया है।
Recommended Video
2014 से हुए शाकाहारी
बता दें कि अल्ताब हुसैन 2014 से शाकाहर को अपना चुके हैं। जब हुसैन डेयरी के कारोबार से जुड़े थे तो उस वक्त उन्होंने एक वीडियो देखा था, जिसमे पशुओं के साथ बेहद क्रूर व्यवहार किया जा रहा है। इसी के बाद से उन्होंने मांस को खाना छोड़ दिया था, यही नहीं हुसैन ने चमड़े से बने उत्पादों का इस्तेमाल भी छोड़ दिया था। हालांकि हुसैन का परिवार उनके विचारों से सहमत नहीं है और उन्हें लगता है कि कुर्बानी बेहद जरूरी है।
लोग देते हैं धमकी
अपने अनुभव को साझा करते हुए हुसैन ने बताया कि पशुओ के प्रति क्रूरता के खिलाफ आवाज उठाने की वजह से मुझे सोशल मीडिया पर धमकी मिलने लगी, हिंदू समुदाय के भी कई लोग मेरे खिलाफ हैं क्योंकि मैं डेयरी उत्पाद का भी विरोध करता हूं, लेकिन एक तबका ऐसा भी है जो मेरा समर्थन करता है। अपने शाकाहर जीवन के बारे में हुसैन बताते हैं कि मैं भी पहले कुर्बानी करता था, लेकिन जब मैंने इसका एक वीडियो देखा कि किस तरह से जानवरों को पीटा जा रहा है, उन्हें ज्यादा दूध के लिए इंजेक्शन लगाए जा रहे हैं तो मैंने हर तरह के मांस का इस्तेमाल बंद कर दिया।
घर से बाहर निकाल दिया गया था
अल्ताब ने बताया कि जब मैंने अपने घर में गाय की कुर्बानी का विरोध किया तो मुझे घर से निकाल दिया गया था और तकरीबन एक महीने के बाद मैंने अपने घर पर लोगों से माफी मांगी और वापस आया। उसके बाद से मैंने सीधे तौर पर जानवरों की कुर्बानी को रोकने की बजाए उदार तरीके को अपनाना शुरू किया जिससे कि लोगों को इस बारे में सझा सकूं। मैंने सोशल मीडिया पर कुर्बानी की तस्वीरें और अपने भाई की तस्वीर व फोन नंबर शेयर कर दिया था, जिसकी वजह से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था।