मुंबई की अदालत ने 'शादी का वादा कर बलात्कार' के आरोपी को ये कहते हुए किया बरी
मुंबई, 20 मई: मुंबई की एक अदालत ने बलात्कार के एक आरोपी को शादी का वादा तोड़ने पर बरी कर दिया। मुंबई सत्र अदालत ने 33 वर्षीय एक व्यक्ति को बलात्कार के एक मामले में यह कहते हुए बरी कर दिया कि "शादी का हर उल्लंघन शादी का झूठा वादा नहीं है।"
कोर्ट ने ये कहते हुए बरी करने का आदेश दिया कि शिकायतकर्ता पहले से ही किसी और से शादी कर चुकी थी और तलाक के बिना वह आरोपी से शादी नहीं कर सकती थी। यह फैसला उस मामले में किया गया था जिसमें एक महिला, जो शादीशुदा थी लेकिन अपने पति से अलग रह रही थी, ने दावा किया कि उसके साथ बलात्कार किया गया और उसे गर्भवती कर दिया गया और आरोपी ने उससे शादी करने का वादा किया लेकिन बाद में पीछे हट गया।
अदालत ने निष्कर्ष निकाला कि महिला वैसे भी आरोपी से शादी नहीं कर सकती थी। न्यायाधीश ने कहा कि रिकॉर्ड में ऐसा कुछ भी नहीं है जो यह दर्शाता हो कि महिला की पिछली शादी तलाक ले चुकी है।
जज ने अपने आदेश में कहा,
आरोप है कि वह अलग रह रही थी। रिकॉर्ड में ऐसा कुछ भी नहीं है कि तलाक की डिक्री द्वारा महिला की शादी को भंग कर दिया गया हो। इसलिए शादी के वादे का सवाल ही नहीं उठता। यहां तक कि अगर आरोपी शिकायतकर्ता से शादी करने के लिए तैयार था, तो भी वह अपनी पिछली शादी को निभाने के दौरान शादी करने के लिए सक्षम नहीं थी। इसके अलावा, शादी का हर उल्लंघन शादी का झूठा वादा नहीं है।"
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