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फर्जी फोटो बनाकर किया था Everest फतह का दावा, पुरस्कार से नाम कटा, नेपाल ने भी किया बैन

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Maount Everest Fake Summit: नई दिल्ली। भारत के दो पर्वतारोहियों नरेंद्र सिंह यादव और सीमा रानी गोस्वामी की करतूत ने पूरी दुनिया में भारत का नाम बदनाम किया है। इन दोनों ने 2016 में नेपाल स्थित संसार की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने का दावा किया था। इसके लिए इन दोनों ने तस्वीरें भी दिखाई थीं। यही नहीं नरेंद्र सिंह यादव ने तो बकायदा पर्वतारोहण के क्षेत्र में दिये जाने वाले तेनजिंग नोर्गे पुरस्कार के लिए अपना नाम दिया था। लेकिन बाद में एवरेस्ट फतह पर सवाल खड़े किए गए और कहा गया कि सबूत के तौर पर दिखाई गई तस्वीरें फर्जी थीं।

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नेपाल ने 6 साल का लगाया प्रतिबंध

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इसके बाद मामले की जांच की गई जिसमें ये खुलासा हुआ कि दोनों ने एवरेस्ट फतह करने का फर्जी दावा किया था। दोनों ने एवरेस्ट फतह दिखाने के लिए फर्जी फोटो बनवाई और उसे सबूत के तौर पर दिखाया। जिसके बाद खेल मंत्रालय ने नरेंद्र यादव का नाम तेनजिंग नोर्गे पुरस्कार की लिस्ट से काट दिया है।

इसके एक दिन पहले बुधवार को नेपाल सरकार ने नरेंद्र सिंह यादव और सीमा रानी को एवरेस्ट फतह का फर्जी दावा करने के चलते छह साल तक पर्वतारोहण करने से प्रतिबंधित कर दिया है। इतना ही नहीं 2016 में एवरेस्ट फतह करने को लेकर दिया गया उनका प्रमाणपत्र भी रद्द कर दिया गया है।

खेल मंत्रालय ने काटा नाम

खेल मंत्रालय ने काटा नाम

समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में खेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि उनके लिए नरेंद्र यादव का मुद्दा खत्म हो गया है। नरेंद्र यादव के बारे में जानकारी मिलने पर मंत्रालय ने जांच की थी जिसमें पता चला कि उसका एवरेस्ट पर चढ़ने का दावा फर्जी था। इसके लिए उसने फर्जी तस्वीरें सबूत के तौर पर दिखाई थीं। इसलिए 2020 के तेनजिंग नोर्गे पुरस्कार की सूची से उसका नाम काट दिया गया है। यह पुरस्कार अब उसे नहीं दिया जाएगा।

नरेंद्र यादव का नाम शीर्ष साहसिक खेल पुरस्कार की श्रेणी के लिए आगे किया गया था लेकिन जब मीडिया में उनके फर्जी एवरेस्ट फतह के दावे की खबर सामने आई तो इसे रोक दिया गया। बाद में मंत्रालय ने जांच समिति गठित की जिसमें पाया गया कि जो दस्तावेज उसने सौंपे थे वह फर्जी थे जिसके बाद उसका नाम सूची से हटा दिया गया।

नेपाल के पर्यटन मंत्रालय ने की थी जांच

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वहीं नेपाल ने भी कड़ा एक्शन लेते हुए नरेंद्र यादव और सीमा रानी के साथ ही पर्वतारोहण दल का नेतृत्व करने वाले नाबा कुमार फुकोन को भी नेपाल में पर्वतारोहण से जुड़ी किसी भी तरह की गतिविधि में हिस्सा लेने से प्रतिबंधित कर दिया है।

नेपाल के पर्यटन मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि उनकी जांच और दूसरे पर्वतारोहियों से पूछताछ में पता चला है कि दोनों कभी चोटी तक नहीं गए थे। मंत्रालय के तारानाथ अधिकारी के मुताबिक "वे चोटी पर पहुंचने से संबंधित कोई भी प्रमाण प्रस्तुत नहीं कर सके। यहां तक कि वे चोटी पर पहुंचने की विश्वसनीय फोटो भी नहीं पेश कर सके।"

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English summary
mount everest nepal two indian climbers banned for fake summit claim
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