मदर टेरेसा को संत की उपाधि देने के लिए तैयार वेटिकन सिटी, सुषमा, ममता और केजरी मौजूद
नई
दिल्ली।
मदर
टेरेसा
को
संत
की
उपाधि
देने
के
लिए
वेटिकन
सिटी
का
सेंट
पीटर्स
स्क्वायर
तैयार
है।
आज
यहां
एक
समारोह
के
दौरान
रोमन
कैथोलिक
चर्च
के
पोप
फ्रांसिस
मदर
टेरेसा
को
संत
घोषित
करेंगे।
इस
समारोह
में
भारत
का
नेतृत्व
विदेश
मंत्री
सुषमा
स्वराज
कर
रही
हैं।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में भी एक दल वेटिकन में इस इतिहास का हिस्सा बन रहा है। इसके अलावा अरविंद केजरीवाल भी वेटिकन सिटी पहुंच गए हैं।
जानिए पूरी प्रक्रिया.. कैसे बनते हैं संत?
मदर टेरेसा को दोपहर 2 बजे संत उपाधि मिलनी है। इसके साथ ही देश के विभिन्न चर्चों में लोग पहुंचने लगे हैं। इस अहम मौके पर करीब एक लाख लोग वेटिकन में होने वाले कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे तो पश्चिम बंगाल समेत पूरे भारत में लाखों लोग टीवी के जरिए इस ऐतिहासिक पल के गवाह बनेंगे।
उत्साहित है कोलकाता, मना रहा है जश्न
मदर टेरेसा को संत की उपाधि मिलने के अवसर पर कोलकाता में उत्साह भरा माहौल है। यहां उत्साह मनाने के लिए खास तैयारियां भी की गई हैं। इस अवसर पर उनके द्वारा शुरू किए गए संगठन मिशनरीज ऑफ चैरिटी में भी खुशी का महौल है और वैटिकन के इस कार्यक्रम को देखने की उत्सुकता भी। मिशनरीज ऑफ चैरिटी की प्रवक्ता सुनीता कुमार का कहना है कि हम सभी उत्साहित हैं।
Must Read: मदर टरेसा से जुड़ी खास और अनकही बातें
स्थानीय लोगों का कहना है कि मदर टेरेसा ने कोलकाता के लिए बहुत कुछ किया। अपनी सारी ज़िंदगी गरीबों के लिए गुजार दी। उन्हें संत की उपाधि मिलना बहुत अच्छी बात है। कोलकाता में वैटिकन के इस समारोह को देखने के लिए खास प्रबंध किए गए हैं। शहर के कुछ दूसरे हिस्सों के साथ mother's house के बाहर भी खास कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
क्या कहा सुषमा स्वराज ने?
सुषमा स्वराज ने कहा कि ये हमारे लिए बहुत खुशी का दिन है। हम वेटिकन में हर धर्म के लोगों को हर प्रदेश से लाने की कोशिश की है। भारत अनेकता में एकता वाला देश है। यही भारत की विशेषता है। पूरा देश इस सम्मान को पाकर गौरान्वित महसूस कर रहा है यहीं भारत की खूबसूरती है कि हर धर्म को बराबरी का दर्जा मिला है।
Addressing Indian community in Rome. pic.twitter.com/pF0mxYwoCZ
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) September 3, 2016
मदर टेरेसा के बारे में
- मदर टेरेसा का जन्म 26 अगस्त 1910 को अल्बानिया में हुआ था।
- उनका मूल नाम अग्नेसे गोंकशे बोजाशियु था।
- 1928 में वह नन बन गईं थी।
- जिसके बाद लोग उन्हें सिस्टर टेरेसा के नाम से बुलाने लगे।
- नोबेल पुरस्कार विजेता मदर टेरेसा ने 1950 में मिशनरी ऑफ चैरिटी की स्थापना की थी, जो अब 133 देशों में काम करता है।
- 5 सितंबर 1997 को मदर टेरेसा का निधन हो गया था।