आरएसएस मुखिया मोहन भागवत बोले-राष्ट्रपति की रेस में नहीं, संघ के लिए काम करता रहूंगा
राष्ट्रपति पद की दौड़ में खुद का नाम आने पर कहा कि अगर उन्हें राष्ट्रपति बनने का प्रस्ताव दिया जाता है तो भी वह इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करेंगे।
नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने राष्ट्रपति पद की दौड़ में खुद का नाम आने पर कहा कि अगर उन्हें राष्ट्रपति बनने का प्रस्ताव दिया जाता है तो भी वह इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि वो राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के लिए काम करना पसंद करेंगे। नागपुर में एक बैठक में उन्होंने कहा कि इस तरह के कयासों के बारे में मैंने कई समाचार पत्रों में पढ़ा है। पर उन्होंने इन खबरों को तवज्जों नहीं देते हुए साफ कर दिया कि वो राष्ट्रपति पद के इच्छुक नहीं है।
आपको बताते चले कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल खत्म हो रहा है और राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव जुलाई, 2017 में होने हैं। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के वरिष्ठ स्वयंसेवक ने कहा कि मोहन भागवत आरएसएस की सभी जुडें हुए संगठनों को गाइड करने का काम करते हैं। ऐसे में वो राष्ट्रपति पद को कैसे स्वीकार कर सकते हैं?
राष्ट्रपति पद को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसी नए चेहरे को राष्ट्रपति पद के लिए मौका दे सकते हैं। साथ ही पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में मिली सफलता के राष्ट्रपति चुनाव के लिए भाजपा की स्थिति मजबूत है।
आपको बताते चले कि शिवसेना ने कहा है कि अगर भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना है तो संघ प्रमुख मोहन भागवत को देश का राष्ट्रपति बना देना चाहिए। इस मांग के बाद राजनीतिक गलियारों में राष्ट्रपति के नाम के तौर पर मोहन भागवत का नाम भी सामने आने लगा था। पर अब उनके खुद मना करने से कुछ नए नाम सामने आ सकते हैं।