राजस्थान में जीत के लिए भाजपा ने लगाया जोर, प्रचार के लिए इन 3 दिग्गज नेताओं की डिमांड सबसे ज्यादा
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), राजस्थान में अपनी सरकार को बचाने के लिए एक कठिन दौर का सामना कर रही है। ऐसे उसके पास उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्टार प्रचारक के रूप में होंगे। नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख खत्म हो जाने के बाद बेशक प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और राजस्थान मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का रैलियां करने का दौरा शुरू हो जाएगा। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर भी रैलियों को संबोधित करेंगे।
योगी आदित्यनाथ की डिमांड ज्यादा
प्रधानमंत्री का कार्यक्रम बहुत व्यस्त है और उनके लिए अधिक रैलियों को संबोधित करना मुश्किल है। ऐसी स्थिति में मोदी, शाह और वसुंधरा के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अधिक से अधिक रैलियों को संबोधित करने की मांग बढ़ रही है। सूत्रों ने कहा कि उम्मीदवारों के नाम अभी तक तय नहीं किए गए हैं, लेकिन जिलों से आने वाली फीडबैक बताती है कि उत्तर प्रदेश से सटे राजस्थान के कुछ इलाकों में योगी आदित्यनाथ की मांग है। ऐसा कहा जा रहा है कि योगी की रैली में बड़ी भीड़ इकट्ठो होगी । लेकिन सभी कार्यक्रमों का फैसला क्षेत्र के नेताओं की मांग और राज्य के राजनीतिक समीकरणों को देखकर किया जाएगा।
15 दिन में करेंगे 22 रैलियों को संबोधित
हालांकि, स्टार प्रचारकों की सूची में ज्यादातर यही नाम होंगे। सूत्रों ने कहा कि असली अभियान 23 नवंबर के बाद से शुरू होगा। इसलिए प्रधानमंत्री और पार्टी अध्यक्ष की यात्रा को अंतिम रूप दिया जा रहा है। सूत्रों ने कहा कि चुनाव के पहले 15 दिनों में, मोदी और शाह राज्य के 22 जिलों में रैलियों और बैठक को संबोधित करेंगे। यह 23 नवंबर से शुरू होगा और 5 दिसंबर तक चलेगा क्योंकि 7 दिसंबर को राज्य में वोटिंग है।
इन जिलों में रैली को संबोधित कर सकते हैं पीएम
सूत्रों ने कहा कि राज्य में प्रधानमंत्री की ओर से हनुमानगढ़, सीकर, नागौर, अलवर, जयपुर, दौसा, भीलवाड़ा और कोटा में 10 रैलियों को संबोधित करने की संभावना है, जबकि अमित शाह बदर, जलोर, सिरोही, डुंगरपुर, देग-कुमर, करोली, सवाई माधोपुर, नवलगढ़ और सुजानगढ़ में रैलियों को संबोधित करेंगे। वह राज्य में 12 रैलियों को संबोधित करेंगे। इन नेताओं से उन क्षेत्रों में रैलियों को संबोधित करने के लिए कहा जाएगा जहां पार्टी की मजबूत स्थिति नहीं है। इसके अलावा यह योजना बनाई गई है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता की कम से कम 100 बैठकें होंगी।