सेना में भी गुलामी के निशान खत्म करेगी मोदी सरकार, अब रेजिमेंट्स के नाम और वर्दी बदलेगी
नई दिल्ली, 21 सितंबर। देश में गुलामी के निशान को खत्म करने के लिए केंद्र की मोदी सरकार सड़कों और भवनों के नाम को बदल रही है। बीते दिनों सरकार ने राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ कर दिया। इसके अलावा पिछले ही दिनों मोदी सरकार ने नौसेना के पुराने झंडे को भी खत्म कर दिया। नौसेना के पुराने झंडे पर किंग जॉर्ज के क्रॉस का सिंबल था। अब यह झंडा नेवी के नाम से जाना जाएगा। वहीं, केंद्र सरकार के निर्देश पर अब भारतीय सेना में औपनिवेशिक प्रथाओं और इकाइयों व रेजिमेंटों के नामों को भी खत्म करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
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बदलाव की प्रकिया हुई शुरू
द-ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट की मानें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशों के अनुरूप जनरल मनोज पांडे के नेतृत्व में भारतीय सेना में औपनिवेशिक प्रथाओं व रेजिमेंटों के नामों को खत्म करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। माना जा रहा है कि जल्द ही सेना के कई रेजीमेंटों के नाम, ड्रेस पर लिखे गए नाम प्लेट सहित कई अन्य चीजों को बदल दिया जाएगा। इसको लेकर तैयारियां जोरों पर चल रही है।
वर्दी में भी होगा बदलाव
मीडिया रिपोर्ट्स में सेना के एक डॉक्यूमेंट्स के हवाले से दावा किया गया है कि समय-समय पर कुछ प्रथाओं की समीक्षा की आवश्यकता होती है। ऐसे में भारतीय सेना में औपनिवेशक गुलामी को मिटाने के लिए पूर्व-औपनिवेशिक युग से रीति-रिवाजों और परंपराओं, सेना की वर्दी और परिधान, नियम-कानून, नीतियां, इकाई की स्थापाना, औपनिवेशिक अतीत के संस्थान, कुछ यूनिट्स के अंग्रेजी नाम, इमारतों, प्रतिष्ठानों, सड़कों, पार्कों, औचिनलेक या किचनर हाउस का नाम बदला जाएगा।
ऐसा इसलिए किया जा रहा है, गुलामी का प्रतीक खत्म हो सके
भारतीय सेना से गुलामी के प्रतीकों को मिटाने को लेकर सेना के अधिकारी ने कहा है कि ब्रिटिश औपनिवेशिक विरासत को खत्म करना जरूरी है। सेना के अधिकारी ने कहा कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है, ताकि राष्ट्रीय भावना के साथ उन पांच प्रतिज्ञाओं के अनुरूप हो सकें, जिन्हें प्रधानमंत्री ने लोगों से पालन करने के लिए कहा है।
इन रेजीमेंट्स के नामों को भी बदला जाएगा
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो भारतीय सेना के कंधे के चारों ओर की रस्सी को भी बदलने पर विचार किया जा रहा है। इसके अलावा रेजिमेंटों के नाम को भी बदलने पर विचार किया जा रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक जिन रेजिमेंट्स के नाम को बदलने का दावा किया जा रहा है, उनमें सिख, गोरखा, जाट, पंजाब, डोगरा, राजपूत और असम जैसी इन्फैंट्री रेजिमेंटों के नाम शामिल हैं। इन रेजिमेंट्स का नाम इसलिए बदला जाएगा, क्योंकि इनके नाम अंग्रेजों की दर्ज पर रखें गए हैं।