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कौन हैं रोहिंग्‍या मुसलमान और क्‍यों मोदी सरकार उन्‍हें देश से बाहर निकालेगी

म्‍यांमार के रोहिंग्‍या मुसलमानों को देश से बाहर भेजने के लिए सरकार ने तैयार कर लिया है एक ब्‍लूप्रिंट। जम्‍मू कश्‍मीर सरकार के साथ केंद्र सरकार ने की चर्चा और सरकार ले सकती है कोई बड़ा फैसला।

By Staff
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नई दिल्‍ली। केंद्र सरकार उन रोहिंग्‍या मुसलमानों को देश से बाहर निकालने की योजना पर काम कर रही है जो गैर-कानूनी तरीके से देश में दाखिल हुए थे। ये मुसलमान म्‍यांमार से देश में आए थे और अब जम्‍मू कश्‍मीर के अलग-अलग हिस्‍सों में गैर-कानूनी तरीके से रह रहे हैं। सरकार अब उस योजना पर काम कर रही है जिसके तहत इन रोहिंग्‍या मुसलमानों को गिरफ्तार करके उन्‍हें फारॅनर्स एक्‍ट के तहत म्‍यांमार प्रत्‍यर्पित किया जाए।

कौन हैं रोहिंग्‍या मुसलमान और क्‍यों मोदी सरकार उन्‍हें देश से बाहर निकालेगी

भारत में हैं करीब 40,000 रोहिंग्‍या मुसलमान

इंग्लिश डेली टाइम्‍स ऑफ इंडिया की ओर से दी गई खबर के मुताबिक इस योजना में देश में रह रहे रोहिंग्‍या मुसलमानों को हिरासत में लेना, उनकी गिरफ्तारी और फिर उनका प्रर्त्‍यपण शामिल है। गृह मंत्रालय के मुताबिक देश के अलग-अलग हिस्‍सों में करीब 40,000 रोहिंग्‍या मुसलमानों ने शरण ले रखी है जिसमें से जम्‍मू में ही अकेले 5,500 से 5,700 रोहिंग्‍या मुसलमान हैं और यह संख्‍या 11,000 तक हो सकती है। जम्‍मू कश्‍मीर की मुख्‍यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने 20 जनवरी को जम्‍मू कश्‍मीर विधानसभा में कहा था कि राज्‍य में कुछ मदरसे हैं जो रोहिंग्‍या मुसलमानों से जुड़े हैं। उनका कहना था कि अभी तक किसी भी रोहिंग्‍या मुसलमान को राज्‍य में आतंकवाद से जुड़ी किसी भी घटना में शामिल नहीं पाया गया है लेकिन 38 रोहिंग्‍या मुसलमानों पर अलग-अलग केसों में 17 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। इन एफआईआर में गैर-कानूनी तरीके से बॉर्डर क्रॉस करना भी शामिल है। यूनाइटेड नेशंस ह्यूमन राइट्स कमीशन की ओर से कहा गया है कि 14,000 रोहिंग्‍या मुसलमान भारत में शरणार्थी के तौर पर रह रहे हैं। लेकिन भारत की ओर से इस दावे को खारिज कर दिया गया है। भारत उन्‍हें विदेशी मानता है जो गैर-कानूनी तरीके से देश में दाखिल हुए हैं।

कौन हैं रोहिंग्‍या मुसलमान

  • रोहिंग्‍या मुसलमान मूलत: म्‍यांमार के रहने वाले हैं।
  • यहां के पश्चिमी रखाइन इलाके में इनकी आबादी करीब 10 लाख है।
  • कहते हैं कि ये 16वीं सदी से ही रखाइन में बसे हैं।
  • रोहिंग्या मुसलमानों का कोई देश नहीं है और उनके पास किसी देश की नागरिकता नहीं है।
  • वे म्‍यामारं में रहते हैं और म्‍यांमार उन्हें कानूनी बांग्लादेशी प्रवासी मानता है।
  • म्‍यांमार में बौद्ध धर्म के मानने वालों की आबादी कहीं ज्‍यादा है।
  • बौद्ध धर्म के अनुयायियों पर रोहिंग्‍या मुसलमानों को प्रताड़‍ित करने का आरोप लगता रहता है।
  • यूनाइटेड नेशंस इन्‍हें दुनिया की सबसे प्रताड़ित जातीय समूह मानता है।
  • रखाइन प्रांत में बसे इन रोहिंग्‍या लोगों को बौद्ध 'बंगाली' कहकर भगा देते हैं।
  • रोहिंग्‍या मुसलमान बांग्लादेश के चटगांव की बोली बोलते हैं।
  • मलेशिया और थाइलैंड के बॉर्डर के पास रोहिंग्या मुसलमानों की कई सामूहिक कब्रें मिली हैं।
  • म्यांमार से सटे बांग्लादेश के दक्षिणी हिस्से में करीब तीन लाख रोहिंग्या मुसलमान रहते हैं।
  • बांग्लादेश भी सिर्फ कुछ ही रोहिंग्या मुसलमानों को शरणार्थी के तौर पर मान्यता देता है।
  • अब रोहिंग्या मुसलमान भारत, थाईलैंड, मलेशिया और चीन जैसे देशों की ओर भी जा रहे हैं।
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English summary
Jammu Kashmir government along with Central's Modi Government are looking forward those ways to deport Rohingya Muslims who have entered illegally.
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