असम-मेघालय बॉर्डर हिंसा: कैंडल मार्च के दौरान फिर बवाल, उपद्रवियों ने पुलिस बूथ फूंका, 48 घंटे तक इंटरनेट बंद
मेघालय सरकार ने सात जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं के निलंबन को अगले 48 घंटे के लिए बढ़ा दिया है। इस संबंध में सरकार की तरफ से एक प्रेस रिलीज भी जारी कर दी गई है। इसके मुताबिक वेस्ट जयंतिया हिल्स, ईस्ट जयंतिया हिल्स, ईस्ट खासी हिल्स, री-भोई, ईस्टर्न वेस्ट खासी हिल्स, वेस्ट खासी हिल्स और साउथ वेस्ट खासी हिल्स जिलों में शनिवार तक इंटरनेट सेवा बंद रहेगी। वहीं, समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार गुरुवार की शाम हिंसा के विरोध में आयोजित कैंडल मार्च के दौरान भी बॉर्डर पर झड़प हुई। इस दौरान उपद्रवियों ने एक ट्रैफिक बूथ में आग लगा दी और सिटी बस सहित तीन पुलिस वाहनों पर हमला कर दिया।
Meghalaya government has extended the suspension of mobile internet and data services in seven districts by another 48 hours. pic.twitter.com/lVOJD7F0s9
— ANI (@ANI) November 24, 2022
आपको बता दें कि इससे पहले मंगलवार को मेघालय सरकार ने मुकरोह में गोलीबारी की घटना के बाद बढ़ते तनाव को रोकने के लिए इन 7 जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को 22 नवंबर तक निलंबित कर दिया था। जिसे आज फिर 48 घंटे के लिए बढ़ा दिया गया। इस गोलीबारी में 4 लोगों की मौत हुई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विवाद असम के वन रक्षकों की तरफ से मेघालय के चार लोगों की कथित तौर पर गोली मारकर हत्या करने के बाद उपजा था। जिन लोगों को गोली मारा गया था, वे दोनों राज्यों के विवादित सीमा एरिया से लकड़ी काटकर लौट रहे थे।
इस घटना में मेघालय के पांच और असम फॉरेस्ट गार्ड सहित कुल छह लोग मारे गए थे। घटना के बाद मेघालय के मुख्यमंत्री ने कहा था कि मामले में राज्य पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है। जबकि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भी मेघालय के मुख्यमंत्री को पूरा सहयोग देने की बात कही थी। वहीं, मेघालय के मुख्यमंत्री ने मारे गए लोगों के परिजनों के लिए 5-5 लाख रुपए के मुआवजे का भी ऐलान किया था।
दोनों
राज्यों
के
बीच
ये
है
विवाद
की
वजह?
असम
और
मेघालय
की
884.9
किलोमीटर
लंबी
सीमा
लगी
हुई
है।
इस
सीमा
से
लगे
हुए
12
इलाकों
को
लेकर
लंबे
समय
से
दोनों
राज्यों
के
बीच
विवाद
चला
आ
रहा
है।
क्योंकि
दोनों
राज्यों
की
तरफ
से
इन
इलाकों
पर
अपना-अपना
दावा
किया
जाता
रहता
है।
आपको
बता
दें
कि
1972
तक
मेघालय
असम
राज्य
का
हिस्सा
था।
इसके
बाद
मेघालय
ने
असम
के
1971
के
पुनर्गठन
नीति
को
चुनौती
दी
थी,
तब
से
ही
दोनों
राज्यों
के
बीच
सीमा
विवाद
होता
आ
रहा
है।
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