शहीद पायलट की पत्नी बोलीं- अगर बेटी बड़ी होकर सेना में जाना चाहेगी तो कभी नहीं रोकूंगी
नई दिल्ली। बुधवार को जम्मू कश्मीर में शहीद हुए स्क्वाड्रन लीडर निनाद अनिल मांडवगणे की पत्नी विजेता ने जो बात कही है उसे एक बार जरूर सबको जानना चाहिए। पति के शहीद हो जाने के बाद विजेता ने कहा कि मैं एक सैनिक की पत्नी हूं। मेरे पति ड्यूटी करते हुए देश के लिए अपनी जान दे देते हैं तो मैं या मेरा परिवार सेना से अलग नहीं हो जाएगा। विजेता ने कहा कि मेरी दो साल की बेटी है, बड़ी होकर अगर वो सेना में जाना चाहेगी तो मैं उसे नहीं रोकूंगी।
नासिक में रहता है शहीद निनाद अनिल मांडवगणे का परिवार
बता दें कि शहीद निनाद अनिल मांडवगणे की दो साल की बेटी है जो दादा अनिल मांडवगणे, दादी सुषमा और मां विजेता के साथ नासिक में रहती है। निनाद ने यहीं से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी इसके बाद सेना में कमिशन मिलने के बाद पुणे के एनडीए में उनका प्रशिक्षण हुआ। 20 फरवरी को बेटी का जन्मदिन था लेकिन ड्यूटी की वजह से निनाद घर नहीं आ सके। लेकिन जन्मदिन के ठीक 6 दिन बाद बुधवार को उनके शहीद होने की सूचना मिली। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार को उनका पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए नासिक ले जाया जा सकता है।
युद्ध किसी के लिए भी अच्छा नहीं
पति के शहीद होने के बाद मीडिया से बात करते हुए विजेता ने कहा कि घर बैठके सोशल मीडिया पर राजनीति करते हुए युद्ध करना बहुत आसान है। लेकिन युद्ध किसी के लिए अच्छा नहीं होता है। क्योंकि युद्ध से होने वाला नुकसान के बारे में एक शहीद का परिवार ही जान सकता है। ऐसी स्थिति दोनों तरफ होती है। लेकिन विजेता ने कहा कि आतंकियों को रोकना होगा। इसके लिए सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक जैसे कदम उठाने जरूरी हैं।
पाक सेना के कब्जे में पायलट अभिनंदन
बता दें कि बुधवार को पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई में भारतीय वायु सेना के एक पायलट अभिनंदन को पाक सेना ने अपने कब्जे में ले लिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने एक बयान जारी करते हुए बताया था कि पाकिस्तानी विमानों के एंजेजमेंट के दौरान भारतीय वायु सेना का एक मिग-21 बाइसन लड़ाकू विमान क्रैश हो गया था और इसके चलते एक पायलट लापता हो गया है, जिसका नाम अभिनंदन बताया गया था।