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Covid-19:समुद्री लाल काई से निकल सकता है प्रकोप को रोकने का रास्ता- रिलायंस के शोधकर्ता

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नई दिल्ली- समुद्री लाल काई (शैवाल) से कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने का रास्ता मिल सकता है। एक रिसर्च के बाद रिलायंस इंडस्ट्री के शोधकर्ताओं ने इस तरह के नतीजे पर पहुंचने का दावा किया है। शोधकर्ताओं के मुताबिक समंदर में मौजूद लाल काई से जो जैव रसायन निकलेगा उसका पाउडर इसके प्रकोप को रोकने में कारगर साबित हो सकता है। यही नहीं, रिसर्च में इस पाउडर से एंटीवायरल दवा बनाने की भी उम्मीद जताई गई है, जो नोवल कोरोना वायरस के इलाज में भी काम आने की संभावना है। गौरतलब है कि मुकेश अंबानी ने इसी महीने रिलायंस लाइफ साइंसेज में कोरोना वायरस पर कुछ बेहद अहम रिसर्च जारी रहने का दावा किया था।

समुद्री लाल काई रोकेगा कोरोना वायरस?

समुद्री लाल काई रोकेगा कोरोना वायरस?

रिलायंस के वैज्ञानिकों ने जो शोध किया है उसके मुताबिक समुद्री लाल शैवाल से तैयार होने वाले जैव रासायनिक पाउडर का इस्तेमाल अगर सैनिटरी की वस्तुओं पर की जाएगी तो उसपर कोरोना के प्रकोप को कम किया जा सकता है। शोधकर्ताओं के अनुसार समुद्री लाल शैवाल से निकलने वाले पॉलीसचराइड्स कोविड-19 के खिलाफ एंटी-वायरल एजेंट के तौर पर काम कर आ सकते हैं। रिसर्च का मानना है कि अगर इसके पाउडर की कोटिंग सैनिटरी के सामानों के सतहों पर इस्तेमाल हो तो कोरोना वायरस का फैलाव रुक सकता है। क्योंकि, अभी तक की जानकारी के मुताबिक नोवल कोरोना वायरस सतह पर लंबे वक्त तक टिका रह सकता है, ऐसे में अगर सैनिटरी के सामानों पर इस तरह की कोटिंग उसे बेअसर कर दे तो इसे बहुत बड़ी सफलता मानी जा सकती है।

इलाज में इस्तेमाल की भी जताई गई उम्मीद

इलाज में इस्तेमाल की भी जताई गई उम्मीद

यही नहीं रिसर्च में यहा भी दावा किया गया है कि समुद्री लाल शैवाल से मिले सल्फेटेड पॉलीसचराइड्स का सैनिटरी आइटम पर कोटिंग के अलावा एंटी-वायरल दवा बनाने में भी इस्तेमाल हो सकता है। रिसर्च पेपर के अनुसार 'मौजूदा समीक्षा से शोधकर्ताओं को काई से प्राप्त सल्फेटेड पॉलीसचराइड्स से कोरोना वायरस की वजह से सांस की नली में होने वाले संक्रमण की रोकथाम या इलाज के लिए उपयुक्त एंटी-वायरल फार्मास्युटिकल कंपोजिशन तैयार करने के उपयोग का लाभ मिल सकता है।' रिसर्च पेपर के अनुसार, 'सल्फेटेड पॉलीसचराइड्स के एंटीवायरल ऐक्टिविटी के दुनिया भर में विश्लेषणों के आधार और इसके इम्युनिटी बढ़ाने वाले गुणों की वजह से हम कह सकते हैं कि यह सूक्ष्मकाई वायरल बीमारियों के इलाज में बहुत अहम रोल निभा सकता है।'

मुकेश अंबानी ने किया था रिसर्च का दावा

मुकेश अंबानी ने किया था रिसर्च का दावा

बता दें कि रिलायंस इंडस्ट्री के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर मुकेश अंबानी ने इसी महीने की शुरुआत में अपने कर्मचारियों को एक आंतरिक नोट में कहा था कि रिलायंस लाइफ साइंसेज में कोविड-19 पर रिसर्च किया जा रहा है। उन्होंने ये भी कहा था कि रिलायंस लाइफ साइंसेज खुद का कंफर्मेटरी टेस्ट विकसित कर भारत के कोविड-19 टेस्टिंग की क्षमता का विस्तार कर रहा है। यह टेस्ट रिलायंस के कर्मचारियों के लिए प्राथमिकता पर उपलब्ध होगा और जल्द ही इसे सबके लिए इस्तेमाल किया जाएगा।

दुनिया में करीब 18 लाख लोग हुए संक्रमित

दुनिया में करीब 18 लाख लोग हुए संक्रमित

बता दें कि दुनिया इस वक्त कोरोना वायरस की वजह से त्राहिमाम कर रही है। भारत में 8,356 मरीजों में इसके वायरस की पुष्टि हो चुकी है और 273 लोग इसकी वजह से जान भी गंवा चुके हैं। जबकि, दुनिया में इसके संक्रमित मरीजों की संख्या करीब 18 लाख पहुंच चुकी है और मरने वालों का आंकड़ा 1 लाख 10 हजार की संख्या को भी पार कर चुका है। अलबत्ता 4 लाख से ज्यादा मरीज स्वस्थ होकर घर भी लौटे हैं।

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English summary
Marine red algae may be the way to stop the outbreak of Covid-19- Reliance researchers
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