महाराष्ट्र: बीजेपी विधायक कालिदास कोलंबकर बने प्रोटेम स्पीकर
नई दिल्ली। महाराष्ट्र में सियासी उलटफेर के बीच बीजेपी विधायक कालिदास कोलंबकर को प्रोटेम स्पीकर बनाया गया है। बता दें कि मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद प्रोटेम स्पीकर के लिए अलग-अलग पार्टी के नेताओं में रेस लगी हुई थी। न्यायालय के आदेश के बाद कालिदास कोलंबकर को प्रोटेम स्पीकर को रूप में चुना गया है। मंगलवार की शाम महाराष्ट्र के राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने कोलंबकर को प्रोटेम स्पीकर पद पर शपथ दिलाई।
राज्यपाल ने दिलाई शपथ
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में जारी सियासी ड्रामें पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए बुधवार को फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया था, इसके अलावा कोर्ट ने प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति कर उनकी निगरानी में फ्लोर टेस्ट कराए जाने का निर्देश दिया। कोर्ट के आदेश के बाद बीजेपी विधायक कालिदास कोलंबकर को प्रोटेम स्पीकर के रूप में चुन लिया गया है। मीडिया से बात करते हुए बीजेपी विधायक ने कहा कि सत्र शुरू होने पर बुधवार को विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी।
बुधवार को विधायकों को दिलाएंगे शपथ
गौरतलब है कि बुधवार को महाराष्ट्र विधानसभा का पहला सत्र शुरू हो रहा है, इस दौरान प्रोटेम स्पीकर कालिदास कोलंबकर सुबह आठ बजे विधायकों को शपथ दिलाएंगे। जिस समय कालिदास कोलंबकर को प्रोटेम स्पीकर चुना गया उससे ठीक पहले देवेंद्र फडणवीस ने प्रेस कॉन्फेंस कर सीएम पद से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया। मीडिया से बात करने के बाद वह राज्यापाल से मिलने पहुंचे थे और अपना इस्तीफा उन्हें सौंप दिया। फडणवीस ने कहा कि अजित पवार के इस्तीफे के बाद हमारे पास बहुमत नहीं है।
Maharashtra: BJP MLA Kalidas Kolambkar takes oath as Protem Speaker, at Raj Bhawan in Mumbai. Oath administered by Governor Bhagat Singh Koshyari pic.twitter.com/mSYjRXgmQk
— ANI (@ANI) November 26, 2019
सुप्रीम कोर्ट के फैसले बाद मोदी-शाह की मीटिंग
केंद्र की सत्ताधारी बीजेपी के दोनों टॉप लीडर्स ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कुछ विकल्पों पर चर्चा की। दोनों नेताओं ने इस पर चर्चा की कि फडणवीस को अब सीएम रहना चाहिए या फिर उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने फडणवीस को आदेश दिया था कि वह तुरंत ही फ्लोर टेस्ट प्रक्रिया का पालन करें क्योंकि अगर ऐसा नहीं हुआ तो फिर विधायकों की खरीद-फरोख्त की संभावना बढ़ जाएगी। यह लोकतंत्र की नैतिकता के खिलाफ है।
यह भी पढ़ें: महाराष्ट्र: देवेंद्र फडणवीस ने 3 हफ्ते में दो-दो बार दिया मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा