मराठा आरक्षण पर बेटे पार्थ के बयान पर जानिए क्या बोले महाराष्ट्र उपमुख्यमंत्री अजित पवार
मराठा आरक्षण पर बेटे पार्थ के बयान पर जानिए क्या बोले महाराष्ट्र उपमुख्यमंत्री अजित पवार
मुंबई। महाराष्ट्र में एक बार फिर मराठा आरक्षण का मुद्दा गरमाता नजर आ रहा है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने भी मराठा आरक्षण को लेकर बड़ा बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि इस मामले पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) अपना रुख स्पष्ट कर चुकी है। डिप्टी सीएम ने कहा कि नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण के पात्र सभी समुदायों को इसका लाभ मिलना चाहिए। इसके साथ ही अजित पवार ने राजनीतिक रूप से संवेदनशील इस मुद्दे पर अपने बेटे पार्थ के ट्वीट पर भर अपना जवाब दिया है।
पार्थ के मराठा आरक्षण की मांग को लेकर एचसी में अर्जी देने के बारे में क्या बोले अजीत पवार
गौरतलब है कि गुरुवार को अजित पवार के बेटे और शरद पवार के पोते पार्थ पवार ने एक के बाद कई ट्वीट किया था जिसमें पार्थ ने कहा था कि मराठा आरक्षण मामले पर हस्तक्षेप के लिए वह उच्चतम न्यायालय में अर्जी देंगे। बेटे पार्थ पवार के ट्वीट के बारे में पूछने पर अजित ने कहा कि मेरी बहन सुप्रिया सुले पहले ही इस बारे में रुख स्पष्ट कर चुकी है और हमने भी स्पष्ट कर दिया है कि यह राकांपा का रुख बिल्कुल भी नहीं है। मराठा, धनगर या कोई अन्य समुदाय हो, सभी को उनका उचित आरक्षण मिलना चाहिए।"उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि हर कोई किसी भी विषय पर सोचने और ट्वीट करने के लिए सभी स्वतंत्र है।
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पोते पार्थ के बयान पर जानिए क्या बोले शरद पवार
गुरुवार को, एनसीपी नेता और पार्टी प्रमुख शरद पवार के पोते, पार्थ ने ट्वीट किया था कि वह मराठा आरक्षण पर रोक लगाने के लिए एससी से संपर्क करेंगे, यहां तक कि वह मराठा समुदाय के आंदोलन के लिए "जलती मशाल उठाने के लिए तैयार" भी हैं। पुणे में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए, शरद पवार ने कहा "राज्य सरकार आरक्षण के मुद्दे पर पहले ही अदालत में जा चुकी है। यदि कोई और अदालत में जाना चाहता है, तो वे ऐसा कर सकते हैं मराठा आरक्षण पर शरद पवार ने भी अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकार मराठा आरक्षण के पक्ष में है। सरकार इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष प्रस्तुत करेगी।
जरूरत पड़ने पर सभी समुदायों को आरक्षण दिया जाना चाहिए
पार्थ की योजना के बारे में बार-बार सवाल पूछे जाने पर, अजीत पवार ने कहा, जब भी कोई ट्वीट होता है, मुझसे सवाल किए जाते हैं,लेकिन मेरे पास अन्य बहुत काम है। राज्य में मेरे ऊपर और भी कई जिम्मेदारियां हैं। उन्होंने कहा कि सभी लोग किसी भी विषय पर सोचने और ट्वीट करने के लिए आजाद हैं। वहीं "उन्होंने कभी नहीं कहा कि वह मेरे बयान से सहमत नहीं हैं। अजित पवार ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि जरूरत पड़ने पर सभी समुदायों को आरक्षण दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मेरा स्वतंत्र रुख है और लोकतंत्र में आपको अपनी राय देने की अनुमति है।
मेरे पास सुप्रीम कोर्ट का रूख करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है
गुरुवार को पार्थ ने एक बयान जारी कर कहा था कि एक पूरी पीढ़ी का भविष्य दांव पर है। मेरे पास सुप्रीम कोर्ट का रूख करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। इसलिए अदालत के समक्ष लंबित मराठा आरक्षण मामले में हस्तक्षेप याचिका दायर करूंगा। जबकि SC ने कोटा पर रोक लगा दी है और मामले को एक बड़ी संवैधानिक पीठ के पास भेज दिया गया है। उन्होंने कहा, 'मैंने उक्त मामले में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक हस्तक्षेप करने का फैसला किया है। मेरे वकील एसएलपी (स्पेशल लीव पिटीशन) का मसौदा तैयार करने की प्रक्रिया में हैं और हम इसे कानूनी तौर पर सभी विकल्पों को लागू करके जल्द से जल्द दाखिल करेंगे। "
मराठा युवक की आत्महत्या के बाद पार्थ ने किया था ये ट्वीट
बता दें पार्थ पवार ने मराठवाड़ा में बीड जिले के ने ये सभी सिलसिलेवार ट्वीट मराठा लड़के विवेक रहाड़े की की आत्महत्या से दुखी होकर किया था। पार्थ ने लिखा था इस तरह की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं की श्रृंखला शुरू होने से पहले मराठा नेताओं को जगाना होगा। इस संकट को हल करने के लिए राज्य सरकार को भी कदम उठाना चाहिए। आगे उन्होंने लिखा था विवेक ने हमारे मन में जो ज्वाला प्रज्वलित की है, वह पूरी व्यवस्था को अस्त-व्यस्त कर सकती है।