दिग्विजय के बेटे जयवर्धन बनेंगे कमलनाथ के वित्त मंत्री, जानिए क्यों?
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भोपाल। मध्य प्रदेश की कमलनाथ कैबिनेट के स्पेशल 28 तय होने के बाद अब उनके विभागों के बंटवारे को लेकर कवायद तेज़ हो गई है। सूत्रों की मानें तो मंत्रियों में विभागों का बंटवारा कुछ इस तरह हो सकता है। जयवर्धन को वित्त विभाग की जिम्मेदारी दी जा सकती है। दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह को यह जिम्मेदारी सौंपने के पीछे उनका कोलंबिया यूनिवर्सिटी से माइक्रो फाइनेंस में एमबीए करना है। दूसरी वजह यह भी है कि वित्त मंत्रालय सभी विभागों को मुख्य हिस्सा होता है तथा इसमें निर्माण विभागों जैसे 'छीटें' भी मंत्री के दामन पर नहीं उछलते हैं। हालांकि कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि वित्त विभाग सीएम कमलनाथ अपने पास खुद रख सकते हैं। इसके अलावा गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी बाला बच्चन को दी जा सकती है।
इन्हें मिल सकता है ये मंत्री पद
सज्जन सिंह वर्मा और तरुण भनोत के बीच नगरीय प्रशासन और पीडब्ल्यूडी विभागों का बंटवारा हो सकता है। गोविंद सिंह को राजस्व, उमंग सिंघार को वन, जीतू पटवारी को युवा एवं खेल मंत्रालय, ओंकार मरकाम को आदिम जाति कल्याण और हर्ष यादव को नवकरणीय ऊर्जा के साथ-साथ सूक्ष्म एवं लघु उद्योग मंत्रालय दिया जा सकता है। विजयलक्ष्मी साधौ को महिला एवं बाल विकास विभाग की जिम्मेदारी दी जा सकती है।
28 में से 22 पहली बार बने मंत्री
मुख्यमंत्री कमलनाथ की टीम में जातीय एवं क्षेत्रीय संतुलन के साथ ही मिशन 2019 के लिए राजनीतिक समीकरण साधे गए हैं। राजभवन में 40 मिनट चले समारोह में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने 28 को मंत्री पद की शपथ दिलाई। सभी को कैबिनेट का दर्जा मिला है। टीम में 22 चेहरे ऐसे हैं, जिन्हें पहली बार मंत्री बनाया है। मंत्रियों के चयन में कमलनाथ-दिग्विजय का दबदबा दिखा। सिंधिया के सात समर्थकों को जगह दी गई है। सोमवार देर रात सूची को अंतिम रूप देने के बाद तीनों दिग्गज कांग्रेस नेता शपथ समारोह से ठीक पहले भोपाल पहुंचे।
कमलनाथ की टीम का सबसे युवा चेहरा हैं जयवर्धन सिंह
मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार की टीम तैयार हो चुकी है। मंगलवार को कुल 28 विधायकों ने मंत्रिपद की शपथ ली है। इसमें सबसे युवा विधायक जयवर्धन सिंह हैं जिनकी उम्र 32 साल है। जयवर्धन सिंह पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बेटे हैं और राघोगढ़ से दूसरी बार विधायक हैं। विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस सरकार बनते ही यह तय हो गया था कि जयवर्धन सिंह मंत्री बन सकते हैं क्योंकि वे उन मापदंडों पर फिट बैठते दिखाई दे रहे थे जिन पर टीम कमलनाथ मंत्रिमंडल गठन का चयन कर रही थी।
राघोगढ़ राजघराने की परम्परा को आगे बढ़ा रहे हैं जयवर्धन
जयवर्धन सिंह के पिता दिग्विजय सिंह पूर्व मुख्यमंत्री रहे हैं। उनकी तरह वे भी राघोगढ़ राजघराने की परम्परा को आगे बढ़ा रहे हैंऍ मध्य प्रदेश की राजनीति में राघोगढ़ राजघराने का प्रभाव शुरू से ही रहा हैऍ पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के गृह नगर राघोगढ़ में उनका ऐतिहासिक किला भी है जहां उनका परिवार निवास करता है। किले के रखरखाव से लेकर दिग्विजय की राजनीतिक एवं धार्मिक विरासत को अब उनके बेटे जयवर्धन सिंह ही संभालते हैं। राघोगढ़ दिग्विजय सिंह की पुरखों की जमीन रही है। दिग्विजय सिंह के पिताजी बलभद्र सिंह मध्य प्रदेश की पहली विधानसभा में विधायक थे। उसके बाद 1977 में दिग्विजय सिंह भी पहली बार वहीं से विधायक बने। उसके बाद 2013 में जयवर्धन सिंह भी वहीं से पहली बार विधायक बने।