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Madhya Pradesh Criris: सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, विधायकों के इस्तीफे पर स्पीकर कब लेंगे फैसला

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नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में चल रहे सियासी ड्रामे की बीच आज इस पूरे मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के वकीलों की ओर से कोर्ट में दलील पेश की गई। सुनवाई के दौरान जज ने पूछा कि अगर जिन विधायकों ने अपना इस्तीफा दिया है वह स्पीकर से कल मिल लें तो क्या वह उनपर अपना फैसला ले लेंगे। बागी विधायकों के वकील ने कोर्ट में कहा कि हमारी सुरक्षा का सवाल है, हमने विचारधारा के कारण इस्तीफा दिया है और स्पीकर अनिश्चित काल के लिए इस्तीफे पर बैठ नहीं सकते हैं। कोर्ट का हाल का ही फैसला है जोकि कहता है कि जल्द से जल्द स्पीकर को फैसला लेना चाहिए। कोर्ट ने साफ कर दिया है कि वह इस बात पर कोई फैसला नहीं देगी कि विधानसभा में किसका बहुमत है, बतौर संवैधानिक कोर्ट, यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने कर्तव्यों का पालन करें। कोर्ट इस मामले की सुनवाई कल फिर से सुबह 10.30 बजे करेगा।

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6 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार करने पर कही ये बात

6 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार करने पर कही ये बात

मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने पूछा कि स्पीकर ने 6 विधायकों का इस्तीफा स्वीकार किया, क्या उन्होंने 22 विधायकों को लेकर अपने दिमाग का इस्तेमाल किया। स्पीकर को खुद को संतुष्ट करने की जरूरत है और इस्तीफे को स्वीकार करना चाहिए। जबतक स्पीकर इन विधायकों के इस्तीफे को स्वीकार नहीं करते हैं तबतक क्या ये विधायक विधानसभा के सदस्य हैं। इन इस्तीफों को स्पीकर को सत्यापित करना चाहिए। स्पीकर ने 16 विधायकों का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। हम विधायकों को विधानसभा में जाने के लिए मजबूर नहीं करने की जरूरत है। लेकिन हमे यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि सदन में जाएं या नहीं जाएं इसका फैसला ये विधायक खुद लें, यह कोर्ट की संवैधानिक जिम्मेदारी है।

विधायकों को बंधक नहीं बनाया जा सकता

विधायकों को बंधक नहीं बनाया जा सकता

जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि ये सभी 16 विधायक विधानसभा जाएं या नहीं ये उनका फैसला है। लेकिन हम उन्हें बंधक नहीं बना सकते हैं। आखिर हम ऐसा होने से कैसे रोक सकते हैं। हम ये नहीं कह रहे हैं कि उन्हें बंधक बनाया गया है, लेकिन हम इस तरह की संभावना की बात कर रहे हैं। विधायकों को बंधक नहीं बनाया जा सकता है। उन्हें आजादी है। वो जो चाहे करने की उन्हें आजादी है। वहीं जस्टिस हेमंत गुप्ता ने कहा कि अगर विधायक हाउस में जाना चाहते हैं तो इसकी उन्हें आजादी होनी चाहिए। इसपर एटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि वह विधायकों को कोर्ट में पेश कर सकते हैं, लेकिन कोर्ट ने इससे इनकार कर दिया।

इस्तीफे पर फैसला कब लेंगे

इस्तीफे पर फैसला कब लेंगे

कांग्रेस के वकील अभिषेक मनु सिंघवी से कोर्ट ने पूछा कि आप विधायकों का इस्तीफा क्यों स्वीकार नहीं कर रहे हैं। अगर ऐसा किया तो वह अपने आप अयोग्य घोषित हो जाएंगे। आप उनका इस्तीफा अस्वीकार भी कर सकते हैं अगर आप संतुष्ट नहीं हैं तो। लेकिन आपने बजट सत्र को स्थगित कर दिया, आखिर बिना बजट के कैसे राज्य काम करेगा। जस्टिस चंद्रचूड़ ने साफ लफ्जों में कहा कि कोर्ट का फैसला है कि स्पीकर को जल्दी फैसला लेने को कहता है, आप बताइए स्पीकर विधायकों के इस्तीफे को कब स्वीकार करने पर फैसला कब लेंगे।

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English summary
Madhya Pradesh Crisis: Supreme court asks when speaker can decide on MLA's resignation.
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