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लाइट, कैमरा, सैनिटाइज़र! कोरोना से कितना बदला बॉलीवुड?

खाली ख़जाना,संक्रमण से बचने की चुनौती ओटीटी के बढ़ते दख़ल से जूझते फ़िल्मकार और कलाकार.

By मधुपाल
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लाइट, कैमरा, सैनिटाइज़र! कोरोना से कितना बदला बॉलीवुड?

बॉलीवुड यानी हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री पटरी पर लौट रही है. सेट पर 'लाइट, कैमरा और एक्शन' आवाज़ गूंजने लगी हैं.

सलमान ख़ान, आमिर ख़ान, अक्षय कुमार और कंगना रनौत जैसे बड़े सितारे सेट पर लौट आए हैं और शूटिंग में जुट गए हैं. संजय लीला भंसाली जैसे बड़े फ़िल्ममेकर भी कोरोनावायरस के कारण रूके प्रोजक्ट पर काम शुरू कर चुके हैं.

लेकिन ये पुराने दिनों की वापसी नहीं है. कोविड-19 ने फ़िल्म इंडस्ट्री को काफी हद तक बदल दिया है.

दरअसल, लंबे वक़्त तक बंद रहने से करोड़ों रूपये का नुक़सान तो हुआ ही कई फ़िल्में लेट हो गईं और शूटिंग शेड्यूल अस्त-व्यस्त हो गए.

फ़िल्म उद्योग के काम करने का तरीका भी बदल गया है. शूटिंग के दौरान संक्रमण से बचाव पर ध्यान दिया जा रहा है. कलाकार एहतियात बरत रहे हैं तो फ़िल्म को रिलीज़ करने का तरीका भी बदल गया है.

लाइट, कैमरा, सैनिटाइज़र! कोरोना से कितना बदला बॉलीवुड?

बॉलीवुड को बड़ा झटका

मैरी कॉम और भूमि जैसी फ़िल्में बना चुके फ़िल्म निर्देशक ओमंग कुमार कहते हैं कि कोरोना वायरस ने फ़िल्म उद्योग 'बड़ा झटका' दिया है.

कोरोना काल शुरू होने के बाद से देश में मल्टीप्लेक्स और सिंगिल स्क्रीन थियेटर बंद हो गए. ऐसे में फ़िल्में ओटीटी यानी 'ओवर द टॉप' रिलीज़ हुईं. ओटीटी की बढ़त कोविड-19 की दस्तक के पहले ही शुरू हो गई थी. लॉकडाउन के दौरान ग्राफ बहुत तेज़ी से ऊपर गया. यही वजह है कि अब ज़्यादा से ज़्यादा फ़िल्में अब इस प्लेटफार्म पर रिलीज़ हो रही है.

कौन सी फ़िल्म थियेटर में रिलीज़ होगी और कौन सी ओटीटी प्लेटफॉर्म पर ये भी पहले से ही तय हो जाता है और फ़िल्म निर्माण के दौरान उसी मुताबिक बदलाव किए जाते हैं.

लाइट, कैमरा, सैनिटाइज़र! कोरोना से कितना बदला बॉलीवुड?

ओटीटी पर ध्यान

'बाजीराव मस्तानी', 'तानाजी' और 'मणिकर्णिका' जैसी फ़िल्मों में सेट तैयार करने वाले आर्ट डायरेक्टर सुजीत सावंत दोनों प्लेटफ़ॉर्म के लिए काम कर रहे हैं.

सुजीत सावंत ने बताया, "ओटीटी के लिए काम करने का अंदाज़ थोड़ा अलग होता है. यहां बारीकियों पर ध्यान दिया जाता है. कुछ पैटर्न बदलने पड़ते हैं."

वो आगे कहते हैं, "कुछ रंग ओटीटी और टीवी की स्क्रीन के लिए अच्छे नहीं लगते लेकिन वो ही रंग थिएटर की बड़ी स्क्रीन पर अच्छे लगते है."

सुजीत सावंत कहते हैं कि कोविड की वजह से फ़िल्म देखने का प्लेटफार्म तो बदला है लेकिन दर्शक और उनकी मांग वही है. ऐसे में फ़िल्म निर्माण से जुड़े लोगों की चुनौतियां बढ़ गई हैं.

इन चुनौतियों का ज़िक्र करते हुए वो कहते हैं, "अब पहले की तरह सेट पर 50 कारीगर नहीं होते. हमें 30 लोगों के साथ ही काम करना होता है. पूरे सेट को चार से पांच बार सैनिटाइज करना पड़ता है. थिएटर के लिए बन रही फ़िल्म के लिए हम लांग शॉट लेते हैं. लेकिन छोटी स्क्रीन के लिए ही प्रोजेक्ट हो तो खर्च बचाने के लिए सिर्फ उसी कोने को दिखाते है जिसकी सीन में ज़रुरत हो."

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बढ़ गई हैं चुनौतियां

वहीं ओमंग कुमार कहते हैं कि फ़िल्म किसी भी प्लेटफॉर्म के लिए बने आर्ट डायरेक्टर का काम उतना ही चुनौती भरा रहता है.

वो कहते हैं, "कोविड-19 की वजह पूरी इंडस्ट्री में आर्थिक तंगी आ गई है. ओटीटी पर हमेशा से ही कम लागत वाले प्रोजेक्ट रहते हैं हैं. विदेश में जब नेटफ्लिक्स ओरिजनल सिरीज़ बनाता है तो बहुत पैसे खर्च करता है लेकिन भारतीय सिनेमा के लिए उतना खर्च नहीं करता."

ओमंग कहते हैं, " हम आर्ट डायरेक्टर पहले 10 से 15 करोड़ रुपये के सेट डिज़ाइन करते थे. अब ओटीटी का बजट सीधा एक से दो करोड़ हो जाएगा."

बिग बॉस के लिए बनाए सेट का ज़िक्र करते हुए वो कहते हैं, "मैंने बिग बॉस का सेट लॉकडाउन में ही तैयार किया. उसे बनाने के लिए हमारे पास पहले की तरह पैसे नहीं थे और ना ही काम करने वाले लोग. लेकिन जब आप टीवी पर देखेंगे तो पता ही नहीं चलेगा कि हमने कम बजट में सेट बनाया है. ये ही हम आर्ट डायरेक्टर के लिए चैलेंज है."

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'बड़ी फ़िल्मों में नहीं होगा समझौता'

उमंग ये भी दावा करते हैं कि इंडस्ट्री में पैसों की तंगी ज़रूर है लेकिन "बड़े निर्माता, निर्देशक और बड़े स्टार अपनी फ़िल्मों में कोई समझौता नहीं करेंगे."

अक्षय कुमार की फ़िल्म 'पृथ्वीराज चौहान' और 'बेल बॉटम', आमिर खान की फ़िल्म 'लाल सिंह चड्ढा' और सलमान खान की फ़िल्म 'राधे: यॉर मोस्ट वांटेड भाई' की शूटिंग शुरू हो गई है. निर्देशक संजय लीला भंसाली 'गंगूबाई काठियावाड़ी' और कंगना रनौत अपनी फ़िल्म 'थलाइवी' की शूटिंग में व्यस्त हो गए हैं.

मास्क और पाबंदियों का घेरा

कोविड-19 ने कलाकारों की दुनिया भी काफी बदल दी है. अभिनेता अक्षय ओबेरॉय इन दिनों दुबई में शूटिंग कर रहे हैं.

सेट पर हुए बदलावों का ज़िक्र करते हुए अक्षय ओबेरॉय कहते हैं, "शूटिंग के वक़्त एक टेक में मुझे महसूस होता है कि मैं अपने साथी कलाकार को गले लगा लूं. तभी अचानक मैं कोविड के बारे में सोचने लगता हूं कि पता नहीं मेरे को स्टार को ठीक लगेगा या नहीं.लेकिन हमें इस बदलाव की आदत डालनी होगी."

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अमरीका में शूटिंग कर रहे अभिनेता रणवीर शौरी भी नए बदलावों को अजीब बताते हैं.

शौरी कहते हैं, "बस ख़ुशी इसी बात की है कि शूटिंग फिर से शुरू हो गई है."

वो बताते हैं कि फ़िल्म यूनिट में कोविड-19 पर रोक के लिए नया डिपार्टमेंट बनाया गया है

शौरी के मुताबिक, "सबका रोज़ बुखार नापा जाता है. मास्क पहनना ज़रूरी है. शूटिंग की जगह को अच्छे से सैनिटाइज़ किया जाता है. सेट पर बाहर का कोई भी व्यक्ति नहीं आ सकता है. सिर्फ़ अभिनेता ही बिना मास्क के शूटिंग करते हैं. सेट पर मौजूद बाकी लोगों को मास्क पहने रखना होता है."

वो आगे कहते हैं,"हम कोरोना वारियर्स हो गए हैं जो अपनी जान जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं."

तमाम तब्दीलियों के बाद भी कलाकारों और फ़िल्म से जुड़े दूसरे लोगों को तसल्ली इस बात की है, बंदिशों के साथ ही सही लेकिन 'कैमरा और एक्शन' शुरू तो हो गया है.

BBC Hindi
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English summary
Light, Camera, Sanitizer! How much Bollywood changed from Corona?
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