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PDP के नेता ने ही महबूबा मुफ्ती के खिलाफ खोला मोर्चा, Article-370 पर बयान भड़काऊ था

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नई दिल्ली- जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 हटाने के पांच महीने बाद और राज्य के केंद्र शासित प्रदेश में तब्दील होने के बाद वहां के सियासतदानों को अपनी गलतियों का एहसास होना शुरू हो गया है। यही कारण है कि वहां की मुख्यधारा की पार्टियों के जो नेता जेलों से बाहर आए हैं, उन्होंने अपने ही नेताओं के खिलाफ ही मोर्चा खोलना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में पीडीपी के वरिष्ठ नेता मुजफ्फर हुसैन बेग भी सामने आए हैं, जो अपनी पार्टी सुप्रीमो महबूबा मुफ्ती के पूर्व में दिए गए एक विवादास्पद बयान के चलते अब उनपर भड़ास निकाल रहे हैं। बेग ने कहा है कि अगर महबूबा ने आर्टिकल-370 के खिलाफ भड़काऊ बयान नहीं दिया होता तो आज राज्य की हैसियत घटकर एक केंद्र शासित प्रदेश की नहीं रह जाती।

महबूबा का बयान भड़काऊ था- पीडीपी नेता

महबूबा का बयान भड़काऊ था- पीडीपी नेता

जम्मू-कश्मीर में पीडीपी के वरिष्ठ नेता मुजफ्फर हुसैन बेग को अब लगने लगा है कि उनकी नेता महबूबा मुफ्ती ने आर्टिकल-370 को लेकर भड़काऊ बयान दिया था, जिससे उन्हें परहेज करना चाहिए था। उन्होंने कहा है कि "मैं उस समय खुद वहां मौजूद नहीं था जब उन्होंने (महबूबा) ऐसी टिप्पणी की थी,लेकिन वे भड़काऊ थे......." दरअसल, महबूबा ने प्रदेश को मिले विशेषाधिकार हटाए जाने से कुछ दिनों पहले ही एक उकसावे वाला बयान देते हुए कहा था कि अगर आर्टिकल-370 के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ होती है तो जम्मू-कश्मीर में कोई तिरंगा उठाने वाला नहीं बचेगा।

हाल में मीडिया से बात करने वाले पहले पीडीपी नेता

अब मुजफ्फर हुसैन बेग जैसे नेताओं को लग रहा है कि कहीं न कहीं ऐसे बयानों की वजह से ही आज जम्मू-कश्मीर की हैसियत एक राज्य से भी घटकर केंद्र शासित प्रदेश की रह गई है। उन्होंने कहा है, "उस तरह के बयानों की वजह से ही जम्मू एवं कश्मीर का दर्जा राज्य से कम होकर केंद्र शासित प्रदेश का हो गया है। इससे हमें कोई फायदा नहीं हुआ। इस तरह के बयान नहीं आने चाहिए थे।" उन्होंने अपनी नेता पर भड़ास निकालते हुए कहा कि देश के प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को कोई धमका नहीं सकता। बेग पिछली सरकार में राज्य के वित्त मंत्री की हैसियत से काम कर चुके हैं। बड़ी बात है कि 5 अगस्त के बाद से बेग पीडीपी के पहले नेता हैं जिन्होंने गुरुवार को मीडिया से बातचीत की है। आर्टिकल-370 हटने के बाद बेग भी नजरबंद थे।

हिरासत में रखे गए नेताओं की रिहाई की मांग

हिरासत में रखे गए नेताओं की रिहाई की मांग

इस दौरान उन्होंने कुछ और नेताओं समेत तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों को हिरासत में रखे जाने पर खेद जताया। उन्होंने कहा कि फारूक अब्दुल्ला भारत माता की जय के नारे लगाते हैं, दूसरे नेता भारतीय संविधान के तहत शपथ ले चुके हैं। वे हुर्रियत के खिलाफ खड़े हुए हैं और आतंकवाद से लड़े हैं। हमने अपने रिश्तेदारों को खोया है। लेकिन, सभी 4 अगस्त से ही हिरासत में रखे गए हैं। उन्होंने कहा कि फारूक अब्दल्ला के एक दोस्त ने आईपीसी की धारा-107 के तहत उनकी हिरासत पर सवाल उठाया तो उनपर पीएसए लगा दिया गया। अब पीएसए के डर से कोई ऐसा करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा। उन्होंने कहा कि, 'मैं सरकार से मांग करता हूं कि हिरासत में रखे गए नेताओं को फौरन रिहा किया जाए और अगर उन्होंने कुछ गलत किया है तो उनपर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज हो और उन्हें ट्रायल का सामना करने दिया जाए।' इसके अलावा उन्होंने जम्मू-कश्मीर के लोगों को भी उत्तर-पूर्व की तरह आर्टिकल-371 के तहत डोमिसाइल की सुरक्षा देने की मांग की।

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English summary
Hussain Baig, the PDP leader who came out of jail, said that Mehbooba's statement on article 370 was provocative.
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