'10 लाख रुपये का खर्च' कंगना की सुरक्षा पर वकील ने उठाए सवाल, एक्ट्रेस बोलीं- ये फैसला मेरे हाथ में नहीं
नई दिल्ली। बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत बीते कुछ समय से मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र सरकार पर दिए अपने बयानों को लेकर चर्चा में बनी हुई हैं। उन्होंने कहा था कि वह मुंबई में सुरक्षित महसूस नहीं करेंगी और उन्हें मुंबई पीओके जैसी लग रही है, जिसके बाद केंद्र की ओर से कंगना को वाई कैटिगरी की सुरक्षा मुहैया कराई गई थी। हालांकि बहुत से लोगों ने सोशल मीडिया पर उन्हें मिली सुरक्षा को लेकर सवाल भी उठाया था। अब एक वकील ने कंगना की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाया है, जिसका जवाब कंगना रनौत ने दिया है।
'10 लाख रुपये का खर्च आता है'
सुप्रीम कोर्ट में वकील ब्रिजेश कलप्पा ने ट्विटर पर कंगना को मिली सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं, जिसका कंगना रनौत ने भी जवाब दिया है। ब्रिजेश कलप्पा ने कंगना से कहा है कि अब वह हिमाचल प्रदेश में मौजूद अपने घर पर सुरक्षित हैं, तो क्या अब सरकार को सुरक्षा वापस ले लेनी चाहिए। अपने ट्वीट में वकील ने कहा, 'एक व्यक्ति की वाई कैटिगरी की सुरक्षा में केंद्र को प्रति महीने 10 लाख रुपये का खर्च आता है। ये पैसा करदाताओं का है। अब कंगना हिमाचल प्रदेश (पीओके से काफी दूर आ चुकी हैं) में सुरक्षित हैं, तो क्या मोदी सरकार उनकी सुरक्षा हटाएगी।'
'सुरक्षा को बढ़ाया भी जा सकता है'
इसके जवाब में कंगना ने कहा, 'ब्रिजेश जी सुरक्षा उस आधार पर नहीं दी जाती कि मैं और आप क्या सोचते हैं, आईबी (इंटेलिजेंस ब्यूरो) खतरे की जांच करता है, उसके आधार पर सुरक्षा के ग्रेड का फैसला होता है, भगवान की कृपा से आने वाले दिनों में हो सकता है कि सुरक्षा पूरी तरह हट जाए या फिर अगर आईबी को रिपोर्ट ठीक नहीं मिलती तो सुरक्षा को बढ़ाया भी जा सकता है।' बता दें कंगना एक दिन पहले ही मुंबई से मनाली के लिए रवाना हुई हैं। चंडीगढ़ पहुंचते ही कंगना ने कहा, 'चंडीगढ़ मे उतरते ही मेरी सिक्यरिटी नाम मात्र रह गयी है, लोग खुशी से बधाई दे रेही हैं, लगता है इस बार मैं बच गयी, एक दिन था जब मुंबई में मां के आंचल की शीतलता महसूस होती थी आज वो दिन है जब जान बची तो लाखों पाए, शिव सेना से सोनिया सेना होते ही मुंबई में आतंकी प्रशासन का बोल बाला।'
'मुझे गालियां दी गईं, हमले किए गए'
उन्होंने मुंबई से रवाना होने से पहले दो ट्वीट किए थे और महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा था। कंगना ने एक खबर का लिंक शेयर किया, जिसमें शिवसेना ने कंगना पर तंज कसा है और इशारों में 'पानी में रहकर मगरमच्छ से बैर' कहते हुए चेताया है। इसपर कंगना ने कहा, 'भारी मन के साथ आज मुंबई से रवाना हो रही हूं, जिस प्रकार मुझे लगातार आतंकित किया गया है, मेरे ऑफिस को तोड़ने के बाद मेरे घर को तोड़ने की कोशिश में लगातार मुझे गालियां दी गईं, हमले किए गए, मेरे चारों ओर घातक हथियारों के साथ सतर्क सुरक्षा थी, इसलिए मुझे ये कहना चाहिए कि पीओके को लेकर मेरी कही गई बात सही थी।' अपने एक अन्य ट्वीट में कंगना रनौत ने महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने इसमें कहा है, 'जब रक्षक ही भक्षक होने का एलान कर रहे हैं धड़ियाल बन लोकतंत्र का चीरहरण कर रहे हैं, मुझे कमजोर समझ कर बहुत बड़ी भूल कर रहे हैं! एक महिला को डरा कर उसे नीचा दिखाकर, अपनी इमेज को धूल कर रहे हैं!!'
टूटा ऑफिस देखने पहुंची थीं कंगना
कंगना के बयानों के बाद शिवसेना नेता संजय राउत और महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कंगना से कह दिया था कि उन्हें महाराष्ट्र में रहने का अधिकार नहीं है। बीएमसी द्वारा कंगना के ऑफिस को तोड़े जाने के बाद ये मुद्दा और ज्यादा गर्मा गया। जब कंगना के ऑफिस में तोड़फोड़ की गई तो उन्होंने इसे बाबर और पाकिस्तान जैसे शब्दों तक से जोड़ा। बाद में खुद अभिनेत्री ने इसके जवाब में एक वीडियो जारी किया और उसमें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का नाम लिया। हालांकि बॉम्बे हाईकोर्ट ने ऑफिस में तोड़फोड़ पर रोक लगाने का आदेश दे दिया था। कंगना अपना टूटा हुआ ऑफिस देखने भी गई थीं। कंगना ने ऑफिस देखने के बाद कहा था, 'मैंने अपना ऑफिस 15 जनवरी को खोला था, जिसके थोड़े समय बाद ही कोरोना आ गया। बाकी लोगों की तरह ही मैंने भी तब से काम नहीं किया है, अब मेरे पास ऑफिस ठीक कराने के पैसे नहीं हैं, मैं यहां ऐसे ही काम करूंगी। इसे इसी बात की निशानी बनाकर रखूंगी कि एक औरत ने दुनिया से टकराने की हिम्मत दिखाई थी।'