नोटबंदी: कालेधन को सफेद करने का आरोपी रोहित टंडन गिरफ्तार, पढ़िए उससे जुड़ी खास बातें
रोहित टंडन पेशे से वकील है और सुप्रीम कोर्ट में वकालत करता है। 2014 में ही टंडन एंड टंडन नाम से उसने लॉ फर्म खोली। आयकर विभाग को उसके देशभर में 18 बैंक अकाउंट्स होने का पता चला है।
नई दिल्ली। नोटबंदी के बीच कालेधन को सफेद करने का खेल करने वाले लॉ फर्म के मालिक रोहित टंडन को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार कर लिया है। उस पर नोटबंदी के बीच बैंक अधिकारियों से सांठ-गांठ करके करोड़ों रुपये के कालेधन को सफेद करने का आरोप है। प्रवर्तन निदेशालय ने एक दिन पहले यानी बुधवार को उसके साथ कई घंटे की पूछताछ की। ये कार्रवाई उस समय की गई जब दिल्ली के केजी मार्ग स्थित कोटक महिंद्रा बैंक के ब्रांच मैनेजर आशीष कुमार को गिरफ्तार किया गया। बुधवार को हुई रोहित टंडन से पूछताछ में उसने ईडी के सामने कई बड़े खुलासे किए। उसने बताया कि कैसे उसने बैंक अधिकारियों से सांठ-गांठ करके कालेधन को सफेद बनाने का खेल खेला। रोहित टंडन ने कबूल किया कि उसने कोटक महिंद्रा बैंक के ब्रांच मैनेजर आशीष कुमार को 51 करोड़ रुपये दिए थे।
रोहित टंडन से जुड़े अहम खुलासे
ईडी से पूछताछ में रोहित टंडन ने बताया कि बैंक के ब्रांच मैनेजर ने फर्जी नाम से 38 करोड़ रुपये का ड्राफ्ट भी बनाया था। फिलहाल बैंक के ब्रांच मैनेजर आशीष कुमार को साकेत कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय की 5 दिन की हिरासत में भेज दिया है। आशीष कुमार को हवाला कारोबारी पारसमल लोढ़ा और दिल्ली के वकील रोहित टंडन से संबंधों के चलते गिरफ्तार किया गया था। रोहित टंडन पर करीब 70 करोड़ रुपये के कालेधन को सफेद करने का आरोप है। इससे पहले 6 अक्टूबर को आयकर विभाग ने रोहित टंडन के दिल्ली स्थित ग्रेटर कैलाश के टंडन एंड टंडन लॉ फर्म पर छापेमारी की थी। इस कार्रवाई में उसके फर्म से करीब 14 करोड़ रुपये बरामद हुए थे। आयकर विभाग की इस कार्रवाई के बाद रोहित ने बताया था कि उसके पास 125 करोड़ रुपये की संपत्ति है। मिल रही जानकारी के मुताबिक रोहित टंडन ने 2014 में ही दिल्ली के जोरबाग में 100 करोड़ में एक कोठी भी खरीदी थी।
जानकारी
के
मुताबिक
काले
धन
को
सफेद
करने
में
रोहित
टंडन
के
कई
कारोबारियों
से
संबंध
थे।
साथ
ही
उसके
संबंध
बैंक
के
अधिकारियों
से
भी
थे।
रोहित
टंडन
ने
इस
बात
का
भी
खुलासा
किया
था
कि
उसके
संबंध
बिल्डर
से
हैं।
उसकी
फर्म
में
मिले
करीब
14
करोड़
रुपये
में
ज्यादातर
पैसा
बिल्डर
का
ही
था।
कोटक
महिंद्रा
बैंक
के
ब्रांच
मैनेजर
आशीष
कुमार
के
जरिए
रोहित
टंडन
ने
करीब
13
करोड़
रुपये
के
नोटों
की
अदला-बदली
की
थी
और
नए
नोट
प्राप्त
किए
थे।
ईडी
से
पूछताछ
में
रोहित
टंडन
ने
इस
बात
को
कबूला
है।
बता
दें
कि
रोहित
टंडन
पेशे
से
वकील
है
और
सुप्रीम
कोर्ट
में
वकालत
करता
है।
2014
में
ही
टंडन
एंड
टंडन
नाम
से
उसने
लॉ
फर्म
खोली।
इस
फर्म
जरिए
उसने
बिल्डर,
होटल
मालिकों
और
बड़ी
कंपनियों
के
कानूनी
मामले
सुलझाने
का
काम
शुरू
किया।
हालांकि
6
अक्टूबर
को
दिल्ली
में
उसके
फर्म
में
छापेमारी
के
बाद
से
वह
आयकर
विभाग
और
प्रवर्तन
निदेशालय
के
निशाने
पर
आ
गया।
आयकर
विभाग
को
उसके
देशभर
में
18
बैंक
अकाउंट्स
होने
का
पता
चला
है।
फिलहाल
रोहित
टंडन
को
गिरफ्तार
किया
जा
चुका
है।
माना
जा
रहा
है
कि
उससे
पूछताछ
में
कई
और
बड़े
खुलासे
हो
सकते
हैं।
जांच
एजेंसियों
को
उसके
व्हाट्सएप
के
संदेशों
से
भी
कई
अहम
जानकारियां
मिली
हैं।
इसे
भी
पढ़ें:-
कोटक
महिंद्रा
बैंक
के
ब्रांच
मैनेजर
को
रोहित
टंडन
से
मिले
थे
51
करोड़
रुपये,
ईडी
के
सूत्रों
का
दावा