लालू यादव ने बताया भाजपा से कैसे लड़ा जा सकता है, 10 बड़ी बातें
पूर्व रेल मंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव भाजपा से लड़ने के लिए अपनी रणनीति बनाने में जुट गए हैं।
पटना। पूर्व रेल मंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव भाजपा से लड़ने के लिए अपनी रणनीति बनाने में जुट गए हैं। हिंदी अखबार हिंदुस्तान को दिए इंटरव्यू में उन्होंने इस बात का खुलासा किया है। भाजपा से लड़ने के लिए लालू यादव क्या योजना बना रहे हैं, इस बारे में उन्होंने अहम बातें कही हैं।
न तो मैं पीएम की रेस में हूं और न ही मेरा कोई व्यक्तिगत हित या स्वार्थ
लालू यादव ने कहा कि सांप्रदायिकता से निपटने के लिए धर्मनिरपेक्ष ताकतों को एक होना होगा। उन्होंने कहा कि अभी हम लोगों ने बात करना शुरु कर दिया है। फिर हम लोग मिलकर बात करेंगे। पर यह अकेले मेरी जिम्मेदारी नहीं है। इस जिम्मेदारी को सबको महसूस करना होगा। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि न तो मैं पीएम की रेस में हूं और न ही मेरा कोई व्यक्तिगत हित या स्वार्थ नहीं है। पर देश में तेजी सक उभर रही फासिस्ट ताकतों को रोकने में भूमिका अदा करूंगा। उन्होंने कहा कि बिहार में हमने और नीतीश कुमार ने पहल की और कांग्रेस के साथ तीनों दलों का गठबंधन बना, आज नतीजा सामने है।
विदेशी
हमलावरों
का
मुकाबला
टुकडों
में
बंटकर
किया
और
हारते
रहे
उन्होंने
इतिहास
का
हवाला
देते
हुए
कहा
कि
भारतीय
राजनेताओं
ने
विदेशी
हमलावरों
का
मुकाबला
टुकडों
में
बंटकर
किया
और
हारते
रहे।
ऐसे
में
यह
प्रयास
होना
चाहिए
कि
देश
स्तर
पर
सबका
प्रयास
होना
चाहिए।
सबको
मिलकर
एक
होना
होगा।
उन्होंने
कहा
कि
आजादी
आजादी
के
आंदोलन
में
कांग्रेस
ने
सबको
एकजुट
किया
था
ऐसे
में
अंग्रेजी
हुकूमत
को
भागना
पड़ा।
कांग्रेस
के
आंदोलन
में
साहित्यकारों,
चित्रकारों,
गीतकारों,
पत्रकारों,
कवि,
शायर
समेत
सभी
जाति,
वर्ग
और
पंथ
के
लोग
जुटे
थे।
देश के सामने कट्टरपंथी ताकतों ने बड़ी चुनौती पेश की
उन्होंने कहा कि आज के समय में देश के सामने कट्टरपंथी ताकतों ने बड़ी चुनौती पेश की है। यह ताकतें देश को खंड-खंड करना चाहती है। पूरे देश में नफरत की आग फैलाई जा रही है। देश झुलस रहा है। इनके लिए राम मंदिर और हिंदू राष्ट्रवाद का नारा उनके लिए दुधारू गाय की तरह हो गया है, जब-जब चुनाव आए, उसे दुह लो, फिर भूल जाओ। इन लोगों की राम से उनकी कोई भक्ति नहीं है। ऐसा समय आ गया है कि यही वह अवसर है कि धर्मनिरपेक्ष और सामाजिक न्याय के हक में लड़ने वाले लोग एकजुट हों। लालू यादव ने माना कि हमारे पास बहुत ज्यादा समय भी नहीं है। यूपी की जीत से उत्साहित प्रधानमंत्री नरेंद मोदी अब अगले साल ही पांच राज्यों के चुनाव के साथ ही लोकसभा का चुनाव भी कराने की तैयारी में हैं। ऐसे में हमें जो भी करना है बहुत जल्दी करना होगा। अब हाथ पर हाथ धरे बैठे रहने से काम नहीं चलेगा।
यूपी
में
किसी
की
आंधी
नहीं
थी,
बल्कि
वोटों
के
बंटवारे
की
आंधी
उन्होंने
कहा
कि
सबको
एकजुट
करने
का
प्रयास
तो
मैंने
शुरू
से
किया
है।
उत्तर
प्रदेश
विधानसभा
चुनाव
2017
के
परिणामों
पर
उन्होंने
कहा
कि
यूपी
में
किसी
की
आंधी
नहीं
थी,
बल्कि
वोटों
के
बंटवारे
की
आंधी
थी।
वहां
बसपा,
सपा
और
कांग्रेस
के
वोट
को
एक
साथ
जोड़
दे,
तो
वह
वोट
प्रतिशत
52
हो
जाता
है।
भाजपा
को
इससे
बहुत
कम
वोट
मिले
हैं।
अगर हम एकजुट हो गए, तो भाजपा कहीं नहीं टिकेगी
लालू बोले कि अगर हम एकजुट हो गए, तो भाजपा कहीं नहीं टिकेगी। भाजपा को नरेंद्र मोदी जैसा शब्दों का जादूगर मिल गया हैं। वो लोगों को सब्जबाग दिखाने में वह माहिर हैं। ये बडे़ ट्रेंड लोग हैं। झूठ बोलने में महारत हासिल है। यूपी में चुनाव के अंतिम मौके पर कहा कि हमारी सरकार बनाइए, सत्ता में आते ही किसानों के कर्ज माफ करेंगे। और अब जीत गए है तो कह रहे है कि किसानों का कर्ज अपने संसाधनों से माफ होना चाहिए।
समाज
जाति
आधारित
है
और
उसी
आधार
पर
वोटिंग
होती
उन्होंने
माना
कि
भाजपा
का
वोट
बढ़ा
है।
ओडिशा
के
पंचायत
चुनाव
में
भी
उन्हें
अच्छी
सफलता
मिली
है।
पर
इसके
पीछे
भी
हमारा
बिखराव
ही
बड़ा
कारण
है।
यूपी
में
भाजपा
के
पास
तो
अपने
उम्मीदवार
तक
नहीं
थे।
इन्हीं
दलों
से
वह
उम्मीदवार
भी
ले
गई।
सबसे
बड़ा
कारण
रहा
सपा
का
गृह
युद्ध।
अखिलेश
जी
को
घर
की
लड़ाई
ने
काफी
उलझा
दिया।
उम्मीदवार
बनने
के
लिए
लोग
भाजपा
की
तरफ
दौड़ने
लगे।
भ्रम
भी
फैलाया
गया।
इससे
छोटी
जातियां
विकल्प
की
तलाश
करने
लगीं।
हमारा
समाज
जाति
आधारित
है
और
उसी
आधार
पर
वोटिंग
होती
है।
मेक इन इंडिया गायब
उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया गायब है। उनके शासन में बेरोजगारी बढ़ने के कारण गुजरात में पटेल, हरियाणा में जाट और महाराष्ट्र में मराठे आरक्षण की मांग कर रहे हैं। ऐसी मांग अन्य राज्यों में भी हो रही है। मोदी सरकार आरक्षण की समीक्षा के बहाने इन सबको आरक्षण की सूची में शामिल करने की तैयारी में है। इससे दलितों, अति पिछड़ों, पिछड़ों को आरक्षण के लाभ से वंचित होना पड़ेगा। इस तरह से मोदी सरकार अप्रत्यक्ष रूप से आरक्षण खत्म करने की तैयारी में है।
इन
लोगों
ने
मोरारजी
देसाई
को
बना
दिया
उन्होंने
बताया
कि
वीपी
सिंह
ने
मंडल
कमीशन
की
सिफारिशें
लागू
कीं,
तो
उनकी
सरकार
गिराकर
कमंडल
लेकर
निकल
पड़े।
जेपी
ने
संपूर्ण
क्रांति
का
नारा
दिया।
हम
आंदोलन
में
कूद
पड़े।
आंदोलन
के
बाद
केंद्र
में
पहली
जनता
पार्टी
की
सरकार
बनी।
जेपी
से
हमने
पूछा
प्रधानमंत्री
कौन
होगा?
उन्होंने
कहा,
दिल्ली
जाकर
बताएंगे।
वहां
जाकर
वह
खामोश
पड़
गए।
जेपी
तो
जगजीवन
राम
को
प्रधानमंत्री
बनाना
चाहते
थे,
लेकिन
इन
लोगों
ने
मोरारजी
देसाई
को
बना
दिया।
जेपी
कहते
थे
कि
संपूर्ण
क्रांति
का
अर्थ
आजादी
के
बाद
भी
शिक्षा,
चिकित्सा,
रोजगार
और
सम्मान
से
वंचित
अंतिम
पायदान
पर
खड़े
समाज
को
मुख्यधारा
में
लाना
है।
हम और नीतीश जी मिलकर भाजपा को दिल्ली से भी भगाएंगे
समान
विचार
वाले
राजनीतिक
दलों
को
जोड़ने
की
पहल
उन्होंने
कहा
कि
उत्तर
प्रदेश
में
अगर
सपा-बसपा
और
कांग्रेस
एक
साथ
आ
जाएं,
तो
भाजपा
कहीं
पर
नहीं
टिक
पाएगी।
पश्चिम
बंगाल
में
ममता
बनर्जी
हैं।
पंजाब
में
हम
मजबूत
हैं।
इस
तरह,
बिहार,
उत्तर
प्रदेश,
पश्चिम
बंगाल,
पंजाब
में
सीटों
की
संख्या
काफी
है।
हम
अन्य
राज्यों
में
भी
समान
विचार
वाले
राजनीतिक
दलों
को
जोड़ने
की
पहल
करेंगे।
उन्होंने
साथ
ही
वाम
दलों
से
भी
अपील
की
है।
धर्मनिरपेक्ष
और
सामाजिक
न्याय
के
दलों
की
एकता
का
असर
पूरे
देश
में
पड़ेगा।
कांग्रेस
अखिल
भारतीय
पार्टी
होने
का
दावा
रखती
है,
उसे
इसकी
पहल
करनी
चाहिए।
हम
किसी
को
स्पेस
क्यों
दें,
जिससे
वह
अलग
रह
जाए?
हम
और
नीतीश
जी
मिलकर
भाजपा
को
दिल्ली
से
भी
भगाएंगे
उन्होंने
कहा
कि
मैं
आरएसएस
और
उसके
समर्थकों
को
यह
सलाह
देना
चाहता
हूं
कि
बिहार
में
भाजपा
के
लिए
न
कोई
जगह
है
और
न
बनेगी।
हम
और
नीतीश
जी
मिलकर
भाजपा
को
दिल्ली
से
भी
भगाएंगे।