आखिरकार जंग लग गयी मुनव्वर राणा की कलम को!
लखनऊ। मशहूर शायर मुनव्वर राणा ने देश के बिगड़ते सांप्रदायिक माहौल का हवाला देते हुए साहित्य अकादमी अवार्ड और एक लाख रुपए का चेक एक लाइव टीवी शो में लौटा दिया है।
मुनव्वर राणा ने कहा कि इस वक्त बोलता काफी कठिन काम है। अगर लेखक या साहित्यकार कुछ बोलता है तो उसे किसी ना किसी पार्टी से जोड़ दिया जाता है या फिर उसे पाकिस्तान जाने की नसीहत दे दी जाती है।
मुनव्वर राणा ने कहा कि मैं अब इस देश में कोई भी सरकारी सम्मान नहीं लुंगा और उम्मीद करता हूं कि मेरा बेटा भी अपने अंदर गैरत को जिंदा रखेगा और वह भी कोई सरकारी सम्मान नहीं लेगा।
गौरतलब है कि कुछ ही दिन पहले मुनव्वर राणा ने ट्वीट करके कहा था कि वह ना सिर्फ साहित्य अकादमी अवार्ड बल्कि सारे अवार्ड लौटाने को तैयार हैं बशर्ते इससे ज़ुल्म, निर्दोषों की हत्या, साम्प्रदायिकता और दंगे रुक सके।
हम
ना
सिर्फ़
एक
#SahityaAkademi
अवार्ड
बल्कि
ज़िन्दगी
भर
के
सभी
अवार्ड
लौटाने
को
तैयार
हैं
!9
—
Munawwar
Rana
(@MunawwarRana)
October
16,
2015
लेकिन
अगर
हमारे
अवार्ड
वापस
करने
से
ज़ुल्म,
निर्दोषों
की
हत्या,
साम्प्रदायिकता
और
दंगे
रुक
सकते
हैं,
8
—
Munawwar
Rana
(@MunawwarRana)
October
16,
2015
राणा ने ट्वीट करके कहा था कि अवार्ड लौटाना बड़ी बात नहीं है बल्कि अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज को सुधारा जाए। उन्होंने कहा था कि उनकी कलम में जंग नहीं लगा है और वह अवॉर्ड नहीं लौटायेंगे।
अवार्ड
लौटाना
बड़ी
बात
नहीं
है,
बड़ी
बात
यह
है
कि
आप
अपनी
रचनाओं
के
माध्यम
से
समाज
को
सुधारें।7
—
Munawwar
Rana
(@MunawwarRana)
October
16,
2015
बहरहाल एक तरफ जहां मुनव्वर राणा इस अवार्ड को लौटाने के बाद इसे त्वरित फैसला बता रहे हैं वहां सवाल यह उठता है कि क्या इस त्वरित फैसले के लिए वह अवॉर्ड और एक लाख का चेक साथ में लेकर आये थे।