जम्मू कश्मीर पुलिस के चीफ ने कहा लश्कर कमांडर नावीद जट का मारा जाना गुड न्यूज
श्रीनगर। जम्मू कश्मीर पुलिस ने कहा है लश्कर-ए-तैयबा के टॉप कमांडर नावीद जट का मारा जाना असल में एक 'गुड न्यूज' है। नावीद जट सीनियर जर्नलिस्ट शुजात बुखारी की हत्या में शामिल था। बुधवार को बडगाम में हुए एनकाउंटर में सुरक्षाबलों ने ढेर कर दिया है। लश्कर कमांडर नावीज इस वर्ष फरवरी में पुलिस की हिरासत से भाग गया था। इसके बाद जून में उसने बुखारी की हत्या को अंजाम दिया। पिछले पांच माह से लगातार वह पुलिस को चकमा देता आ रहा था। यह भी पढ़ें-पाक फौजी का आतंकी बेटा नावीद जट ढेर
सुरक्षाबलों के लिए बड़ी सफलता
जम्मू कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा, 'नावीद जट उर्फ अबु हंजुल्ला का मारा जाना सुरक्षाबलों के लिए बड़ी सफलता है। वह उन दो आतंकियों में शामिल है जिन्हें कुथपोरा गांव में हुए सर्च ऑपरेशन के बाद मुठभेड़ में मारा गया है।' डीजीपी ने दिलबाग ने कहा कि हमारे पास भी इस बात की जानकारी है कि बडगाम में मारे गए दो आतंकियों में से एक आतंकी नावीद जट है। राइजिंग कश्मीर के एडीटर शुजात बुखारी की नौ जून को ईद से पहले हत्या कर दी गई थी। नावीद जट के साथ दो और आतंकियों ने बुखारी पर हमले को अंजाम दिया था। इस वर्ष छह फरवरी को नावीद जट उस समय पुलिस की हिरासत से फरार हो गया था जब उसे श्रीनगर की सेंट्रल जेल से अस्तपाल ले जाया जा रहा था। उस समय दो पुलिसकर्मियों की मौत भी हमले में हो गई थी।
दो दर्जन से ज्यादा आतंकी ढेर
दिलबाग सिंह ने मीडिया को बताया कि पिछले एक हफ्ते के अंदर सुरक्षाबलों ने दो दर्जन से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया है। आतंकी युवा लड़कों को उठाकर लाते हैं और फिर उन्हें आतंकी बनने पर मजबूर कर देते हैं। डीजीपी दिलबाग सिंह के मुताबिक आतंकी इन लड़कों को टॉचर्र भी करते हैं। इन आतंकियों का मारा जाना उन तमाम लोगों के लिए अच्छी खबर है जो शांति चाहते हैं। उन्होंने इस बात की जानकारी भी दी कि पिछले दो माह के दौरान किसी भी नए युवा के आतंकी संगठनों से जुड़ने की कोई खबर नहीं आई है। यह वाकई स्वागत करने वाली बात है। डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि सुरक्षाबल घाटी में इस बात को सुनिश्चित करने में लगे हैं कि एंटी-टेरर ऑपरेशंस के दौरान किसी भी नागरिक को कोई नुकसान न पहुंचे।
मुल्तान का रहने वाला था नावीद
नावीद जट पाकिस्तान के मुल्तान का रहने वाला था। वह अक्टूबर 2012 में जम्मू कश्मीर के केरन सेक्टर के रास्ते राज्य में दाखिल हुआ था।उसके पिता पाकिस्तान सेना से एक रिटायर्ड ड्राइवर थे। जट पांचवीं कक्षा का ड्रॉपआउट था और भाई उन मदरसों में पढ़ रहे हैं जो जमात-उद-दावा (जेयूडी) की ओर से संचालित होते हैं। जेयूडी, लश्कर की ही एक शाखा है और हाफिज सईद इसे लीड करता है। सूत्रों का कहना है कि साल 2013 में दाचीगाम के जंगलों में सर्दियां बिताने के बाद वह लश्कर के 21 और आतंकियों के साथ दक्षिण कश्मीर आ गया था। साल 2014 में उसे गिरफ्तार किया गया था। जट ने मई 2013 में पुलवामा में एक पुलिस ऑफिसर की हत्या की और यहीं से वह लगातार खबरों में रहने लगा। बताया जाता है कि साल 2013 में शोपियां, त्राल, कुलगाम और दक्षिण कश्मीर की कुछ और जगहों पर पुलिस की पेट्रोल पार्टी पर हुए हमले के पीछे जट का ही हाथ था।