कश्मीर आतंकी हमला: जैश ने 17 वर्ष बाद फिर से एक खतरनाक आत्मघाती हमले को दिया अंजाम
श्रीनगर। कश्मीर घाटी में गुरुवार को एक बड़े आतंकी हमले ने सुरक्षा एजेंसियों को हिला कर रख दिया है। जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी आदिल अहमद उर्फ वकास ने कार बम से सीआरपीएफ के काफिले को निशाना बनाया। इस हमले में अब तक 26 जवान शहीद हो गए हैं। कई जवान घायल हैं और उनकी हालत नाजुक बताई जा रही है। इस हमले के साथ ही घाटी में 17 वर्ष पहले हुआ एक आतंकी हमला भी जेहन में ताजा हो गया है। उस हमले को भी जैश-ए-मोहम्मद ने अंजाम दिया था।
टेक्स्ट मैसेज भेजकर ली जिम्मेदारी
सीआरपीएफ अधिकारी की ओर से इस हमले के बारे में जानकारी दी गई है। उन्होंने बताया कि काफिले में करीब 70 गाड़ियां थीं और इसमें से एक गाड़ी हमले की चपेट में आ गई। काफिला जम्मू से श्रीनगर की तरफ जा रहा था। चौंकाने वाली बात है कि आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की ओर से टेक्स्ट मैसेज भेज कर हमले की जिम्मेदारी ली गई है। जैश ने यह मैसेज कश्मीर की न्यूज एजेंसी जीएनएस को भेजा था। बताया जा रहा है कि अवंतिपोरा से जब सीआरपीएफ जवानों को लेकर बस जिस रास्ते से गुजर रही थी, आईईडी फिट एक एसयूवी उसी हाइवे पर खड़ा था। जैसे ही बस यहां पर पहुंची जोरदार धमाका हुआ। जवानों को लेकर बस जम्मू से श्रीनगर जा रही थी।
साल 2001 में भी हुआ था ऐसा आत्मघाती हमला
धमाका इतना जोरदार था कि जवानों के शरीर के चिथड़े तक उड़ गए हैं। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हमले की निंदा की। उन्होंने कहा है कि इस हमले के साथ घाटी में साल 2004 से पहले का दौर वापस आ गया है जब आए दिन आत्मघाती हमले होते थे। जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में एक अक्टूबर 2001 को विधानसभा के काम्प्लेक्स में आत्मघाती हमला हुआ था। उस समय विस्फोटकों से भरी एक टाटा सूमों परिसर में दाखिल हो ई थी। इसके बाद गाड़ी को मेन गेट से टकरा गया और तीन आत्मघाती हमलावरों ने उस हमले को अंजाम दिया। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई थी।
जैश ने लिया बदला!
इस हमले को जैश की ओर से लिया गया हमला मंगलवार को हुए एनकाउंटर का जवाब भी माना जा रहा है। पुलवामा के रात्नीपोरा इलाके में हुए एनकाउंटर में सुरक्षाबलों ने जैश के एक आतंकी को ढेर कर दिया था। पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी हमले की निंदा की है। उन्होंने कहा है कोई भी शब्द इस हमले की भयावहता को कम नहीं कर सकता है। इसके साथ ही उन्होंने सवाल उठाया कि इस तरह से अभी कितनी और जिंदगियों को अलविदा कहना पड़ेगा।