रिटायरमेंट के बाद के ऑफर पर बोले जस्टिस सीकरी, चाहता हूं खत्म हो जाए पूरा विवाद
नई दिल्ली। सीबीआई निदेशक पद से आलोक वर्मा को हटाने का फैसला देने वाली समिति में शामिल रहे सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एके सीकरी की भूमिका को लेकर शुरु हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। जस्टिस एके सीकरी ने सोमवार को कहा कि वह चाहते हैं कि उन्हें मिले पोस्ट रिटायरमेंट प्रपोजल पर विवाद थम जाना चाहिए। जस्टिस सीकरी ने पूर्व प्रधान न्यायाधीश वाईके सभरवाल के जीवन पर आधारित एक किताब से जुड़े एक निजी समारोह से कहा, 'मैं नहीं चाहता कि यह विवाद और खिंचे। मैं चाहता हूं कि यह समाप्त हो।
जस्टिस सीकरी चाहते हैं खत्म हो विवाद
कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे जस्टिस सीकरी ने कहा कि, 'देखिए मैं किसी विवाद में नहीं पड़ना चाहता। मैं चाहता हूं कि यह खत्म होना चाहिए।' इस पूरे मामले पर उन्होंने कोई और टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। गौरतलब है कि लंदन स्थित राष्ट्रमंडल सचिवालय मध्यस्थता न्यायाधिकरण (सीएसएटी) में नियुक्ति के संबंध में पिछले साल सरकार की ओर से पेशकश किए जाने पर रविवार को विवाद शुरू हो गया था।
'चाहता हूं यह मामला अब दफन हो जाए'
दरअसल इसके तीन दिन पहले ही प्रधानमंत्री की नेतृत्व वाली एक समिति ने वर्मा को सीबीआई प्रमुख से हटाने का फैसला किया था। उस समिति में जस्टिस सीकरी मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के प्रतिनिधि के तौर पर शामिल थे। हालांकि कई वरिष्ठ वकीलों ने जस्टिस सीकरी के खिलाफ इन आरोपों को खारिज किया। खुद जस्टिस सीकरी ने भी विवाद बढ़ने के बाद CSAT के लिए दी गई अपनी सहमति रविवार को वापस ले ली थी।
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गलत तरीके से न्यायमूर्ति को निशाना बनाया जा रहा
वहीं पूर्व एटॉर्नी जनरल मुकल रोहतगी ने कहा कि कुछ नेताओं और कार्यकर्ता-वकीलों द्वारा उन्हें गलत तरीके से निशाना बनाया जा रहा है । दोनों घटनाओं का आपस में कोई संबंध नहीं है और जो लोग तथ्यों को नहीं जानते और दोनों चीजों की परिस्थिति को नहीं जानते। उन्होंने कहा कि जस्टिस सीकरी पर लगाए गए आरोप पूरी तरह से गलत और दुर्भावनापूर्ण है। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस संबंध में एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए ट्वीट कर कहा था, 'जब इंसाफ के तराजू से छेड़छाड़ की जाती है, तब अराजकता का राज हो जाता है।
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